तेलंगाना चुनाव: TRS के दो बड़े नेता कांग्रेस में शामिल, क्या के. चंद्रशेखर राव का सपना तोड़ सकता है कांग्रेस-टीडीपी का महागठबंधन
By पल्लवी कुमारी | Updated: October 28, 2018 07:52 IST2018-10-28T07:52:20+5:302018-10-28T07:52:20+5:30
Telangana Assembly election 2018: तेलंगाना राष्ट्र समिति (TRS) के दो बड़े नेता नरसा रेड्डी और रामुलु नायक कांग्रेस में शामिल हो गए। दोनों ही नेता मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव (केसीआर) के से काफी असंतुष्ट थे। उन्होंने केसीआर पर पार्टी (TRS) को मनमाने तरीके से चलाने का आरोप लगाया है।

तेलंगाना चुनाव: TRS के दो बड़े नेता कांग्रेस में शामिल, क्या के. चंद्रशेखर राव का सपना तोड़ सकता है कांग्रेस-टीडीपी का महागठबंधन
मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव(केसीआर) की पार्टी तेलंगाना राष्ट्र समिति (TRS) के दो नेताओं ने दिल्ली में बैठक के बाद शनिवार(27 अक्टूबर) कांग्रेस में शामिल हो गए। तेलंगाना राष्ट्र समिति के नेता नरसा रेड्डी और रामुलु नायक ने शनिवार को कांग्रेस में शामिल होने के बाद अपनी नई पार्टी के अध्यक्ष राहुल गांधी से मुलाकात की।
रेड्डी गजवेल के पूर्व विधायक हैं जबकि नायक नारायणखेड से पार्टी के विधान परिषद के सदस्य थे। हिन्दुस्तान टाइम्स के मुताबिक, इस महीने की शुरुआत में, तेलंगाना राष्ट्र समिति ने कथित "विरोधी पार्टी" गतिविधियों के लिए नायक को बर्खास्त कर दिया था। पार्टी ने शुक्रवार को रेड्डी को भी इसी तरह की बर्खास्तगी नोटिस जारी किया था। खबरों के मुताबिक दोनों ही नेता केसीआर के से काफी असंतुष्ट थे। उन्होंने केसीआर पर मनमानी करने का भी आरोप लगाया है।
नरसा रेड्डी 2001 में टीआरएस में शामिल हुए थे और तेलंगाना राज्य सड़क विकास निगम के अध्यक्ष बने थे। इस बारे 2018 के 7 दिसंबर को होने वाले विधानसभा चुनाव में वह टिकट की उम्मीद कर रहे थे, लेकिन टिकट देने के बजाय केसीआर द्वारा उन्हें एमएलसी सीट देने का वादा किया गया था। जिसके बाद ही उन्होंने कांग्रेस में वापस शामिल होने का फैसला किया। टीआरएस में शामिल होने से पहले रेड्डी कांग्रेस में ही थी।
केसीआर के TRS के लिए अच्छे संकेत नहीं
गौरतलब है कि इस तरह पार्टी के नेताओं का कांग्रेस में शामिल होना के केसीआर के लिए अच्छे संकेत नहीं हैं। तेलंगाना में जिस तरह से केसीआर ने विधानसभा को समय से पहले भंग किया और समय से पहले चुनाव करने की मांग की। कांग्रेस ने इसका फायदा उठाते हुए राज्य की दो प्रमुख विपक्षी पार्टियां तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) और कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया के साथ चुनाव केसीआर के खिलाफ महागठबंधन का ऐलान किया है। तीनों ही पार्टी ने एक साथ मिलकर केसीआर के खिलाफ चुनाव लड़ने का फैसला लिया है। ऐसे में आगामी विधानसभा चुनाव में केसीआर की पार्टी टीआरएस की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।
पहली बार कांग्रेस के साथ गंठबंधन कर रही है तेलुगु देशम पार्टी (TDP)
टीडीपी के 35 साल के राजनीतिक इतिहास में यह पहला मौका होगा, जब उसने किसी भी राज्य में कांग्रेस के साथ हाथ मिलाया है। इससे पहले ऐसा कभी नहीं हुआ है। जाहिर सी बात है कि तेलंगाना पहले आंध्र प्रदेश का हिस्सा था, इसलिए तेलंगाना में टीडीपी का भी खासा प्रभाव है। राजनीतिक जानकारों का भी यही मानना है कि केसीआर को राज्य में असली खतरा तेलुगु देशम पार्टी से ही है। तेलुगु देशम पार्टी के अलावा राज्य में किसी और पार्टी का प्रभाव रहा है तो वह है कांग्रेस का और जब ये दोनों ही पार्टियां साथ है तो केसीआर की मुश्किलें काफी बढ़ सकती है।
क्या रहा है राज्य में पिछले चुनाव का इतिहास
तेलंगान में पिछले विधानसभा चुनावों में टीआरएस को 62 सीटे, कांग्रेस ने 24 सीटे और टीडीपी+बीजेपी को 22 सीटें और अऩ्य को 11 सीटे मिली थी। बीजेपी को अगर पिछले चुनाव की गणित से बाहर भी कर दिया जाता तो टीडीपी कोई खासा फर्क नहीं पड़ता। इसी फार्मूले से टीडीपी को यह लगता है कि अगर कांग्रेस, टीडीपी और भाकपा उसके साथ चुनावी मैदाव में रहे तो केसीआर की कुर्सी हथियाई जा सकती है।
तेलंगाना में चुनाव की तारीख
तेलंगाना में 7 दिसंबर 2018 को चुनाव होना है। 12 नवंबर, 2018 को नोटिफिकेशन जारी होगा। नामांकन दाखिल करने की आखिरी तारीख 19 नवंबर होगी। नाम वापसी 22 नवंबर तक होगी। चुनाव के परिणाम 11 दिसंबर को आएंगे।
राज्य में आचार संहिता लागू है। चुनाव प्रचार के दौरान किसी भी उम्मीदवार को चुनाव आयोग ने 28 लाख रुपये खर्च करने की अनुमति दी है। इससे पहले तेलंगाना में मई 2014 में विधानसभा चुनाव हुए थे। इनका कार्यकाल जुलाई 2019 तक था। लेकिन उन्होंने राज्य में महौल को देखते हुए करीब आठ से नौ महीने पहले ही अपनी विधानसभा भंग दी थी। ताकि राज्य में जल्दी चुनाव कराए जा सके। चुनाव आयोग ने उसी परिपाटी को आगे बढ़ाते हुए तेलंगाना चुनाव का ऐलान किया है।

