बिहार में बाहुबलियों को टिकट दे मुख्यमंत्री की कुर्सी तक पहुंचना चाहते हैं तेजस्वी यादव, दर्जनों बाहुबली को बनाया उम्मीदवार
By एस पी सिन्हा | Published: October 13, 2020 09:31 PM2020-10-13T21:31:41+5:302020-10-13T21:31:41+5:30
बाहुबली रीतलाल यादव जो एक महीने से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव प्रचार कर रहे थे, उनकी पत्नी को राजद ने दानापुर से उम्मीदवार बना दिया है.
पटना: बिहार विधानसभा के पहले चरण के चुनाव प्रचार में नेता चुनावी मैदान में उतरकर प्रचार करने में जुट गए हैं. लालू प्रसाद यादव की पार्टी राजद का कमान संभाल रहे तेजस्वी यादव किसी भी कीमत पर चुनाव जीतना चाहते हैं.
चुनाव जितने के लिए उन्होंने खुलकर बाहुबलियों पर भरोसा किया है. तेजस्वी यादव ने बाहुबलियों को या फिर उनकी पत्नियों को बडी संख्या में अपना उम्मीदवार बनाया है. जिस रामा सिंह को लेकर रघुवंश प्रसाद सिंह नाराज हो गए थे उनकी पत्नी को तेजस्वी यादव ने उम्मीदवार बना दिया है.
रामा सिंह चर्चित बाहुबली रहे हैं.उसी तरह से रीतलाल यादव जो एक महीने से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव प्रचार कर रहे थे, उनकी पत्नी को राजद ने दानापुर से उम्मीदवार बना दिया है. लेकिन उन्होंने रात के अंधेरे में रीतलाल यादव को सिम्बल दिया. रीतलाल यादव ने अपना सिम्बल अपनी पत्नी को दे दिया.
रीतलाल ने अपनी पत्नी को राजद का सिम्बल दिये जाने की तस्वीर सोशल मीडिया में वायरल कर दी है. यहां बता दें कि तेजस्वी यादव सभी उम्मीदवारों को खुद सिम्बल देते हैं और उनके साथ तस्वीर भी खिंचवाते हैं. लेकिन वह भी रात के अंधेरे में.
उसी तरह से तेजस्वी यादव ने अनंत सिंह, प्रभुनाथ सिंह के बेटे, नाबालिग से दुष्कर्म के मामले में सजायाफ्ता व राजद के पूर्व विधायक राजबल्लभ यादव की पत्नी विभा देवी को नवादा से तेजस्वी यादव ने टिकट दे दिया है. जबकि भोजपुर जिले के संदेश विधान सभा क्षेत्र से भी उन्होंने नाबालिग से दुष्कर्म के मामले में फरार अरुण यादव की पत्नी किरण देवी पर भरोसा जताया है.
हालांकि बाहुबलियों को जदयू ने भी टिकेट देने में तेजस्वी यादव की तरह ही उदारता दिखाई है. कोचायकोट के बाहुबली विधायक पप्पू पाण्डेय की पत्नी और सिमांचल के सबसे बड़े बाहुबली की पत्नी बीमा भारती को जदयू ने अपना प्रत्याशी बनाया है. यह दीगर बात है कि ज्यादातर बाहुबलियों ने नीतीश कुमार की जगह तेजस्वी यादव पर ज्यादा भरोसा जताया है.
इस तरह से पंद्रह साल बनाम पंद्रह साल के वाक्य युद्ध के सहारे कुर्सी को झपटने की जुबानी जंग तीखी हो चली है. कोई रात के अंधेरे में बाहुबलियों से मिल रहा है तो कोई उसकी पत्नी को टिकट दे अपराध से नफरत होने के नाटक करने में जुटा है. इसतरह से बिहार में एक बार फिर से बाहुबलियों को फिर से कुर्सी तक पहुंचने की तैयारी की जा रही है.
हद तो यह है कि बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री जो युवा मुख्यमंत्री बनने का सपना संजोए हुए हैं, वह रात के अंधेरे में बाहुबलियों से मिल टिकट बांट रहे हैं. तेजस्वी यादव लगातार राजद उम्मीदवार को सिंबल दे रहे हैं.अक्सर सिंबल देते हुए तस्वीर भी तेजस्वी की सामने आते रहती हैं. लेकिन जब बात बाहुबलियों की होती है तो तेजस्वी यादव थोड़ा पीछे हो जाते हैं.
सिंबल देते हुए तेजस्वी की कई तस्वीरें सामेने आईं हैं, लेकिन रीतलाल यादव को सिंबल देने वाली तस्वीर बाहर नहीं आई. इससे पहले भी बाहुबली कहे जाने वाले रामा सिंह भी रात के अंधेरे में ही तेजस्वी आवास पहुंचे थे. धीरे से अपनी पत्नी के लिए सिंबल लिया और निकल गए.
यही खेल रीतलाल यादव ने भी खेला वो कल यानि सोमवार को रात के अंधेर में राबडी आवास पहुंचे और अपने पत्नी के लिए टिकट लेकर निकल गए. ऐसे में अब यह देखने लायक होगा कि बिहार बदलने के नारों के बीच बाहुबलियों से यह याराना तेजस्वी का कितना साथ देता है.