तेजस्वी यादव एकबार फिर से हुए सक्रिय, दूध मंडी तोड़े जाने के विरोध में करीब 8 घंटे तक धरने पर बैठे
By एस पी सिन्हा | Published: August 23, 2019 12:17 AM2019-08-23T00:17:56+5:302019-08-23T00:17:56+5:30
तेजस्वी यादव अतिक्रमण हटाओ अभियान के तहत पटना रेलवे स्टेशन के पास दूध बाजार को तोड़े जाने के विरोध में बुधवार रात धरने पर बैठ गए. इ
लोकसभा चुनाव के बाद से बिहार की राजनीतिक गतिविधियों से लंबे वक्त तक दूर रहे राजद नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव 20 अगस्त को पटना पहुंचते ही एकबार फिर राजनीति में सक्रिये नजर आए.
तेजस्वी यादव अतिक्रमण हटाओ अभियान के तहत पटना रेलवे स्टेशन के पास दूध बाजार को तोड़े जाने के विरोध में बुधवार रात धरने पर बैठ गए. इस दौरान तेजस्वी यादव का समर्थन करने के लिए उनके भाई तेजप्रताप यादव भी पहुंचे.
इसके बारे में ट्वीट करते हुए तेजस्वी यादव ने कहा कि पटना रेलवे जंक्शन के पास दशकों से स्थित दुग्ध मार्केट को तानाशाही नीतीश प्रशासन ने अचानक ध्वस्त कर दिया. दूध व्यवसायियों ने प्रशासन से मार्केट तोड़ने के आदेश की कॉपी मांगी, लेकिन प्रशासन यह दिखाने में असमर्थ रहा और बंदूक की नोक पर जबर्दस्ती एक मंदिर सहित मार्केट को तोड़े दिया.
नेता प्रतिपक्ष साथ देने के लिए उनके बड़े भाई तेज प्रताप यादव भी देर रात वहां पहुंचे. लंबे हाई वोल्टेज ड्रामे के बाद आज सुबह के पहले करीब तीन बजे प्रशासन द्वारा वैकल्पिक व्यवस्था के आश्वासन के बाद तेजस्वी यादव ने धरना समाप्त किया.
दोनों भाई लंबे समय बाद एक साथ दिखे. इसके पहले तेज प्रताप ने ट्वीट कर विरोधियों को सावधान किया कि महाभारत के युद्ध (आगामी विधानसभा चुनाव) के लिए अब 'कृष्ण' (तेज प्रताप यादव) का 'अर्जुन' (तेजस्वी यादव) आ गया है.
इसके पहले तेज प्रताप ने तेजस्वी के लंबे समय बाद पटना पहुंचने व राजनीतिक रूप से सक्रिय होने को लेकर ट्वीट किया. ट्वीट में उन्होंने लिखा कि अब विरोधी होशियार हो जाएं, क्योकि महाभारत के युद्ध (विधानसभा चुनाव 2020) में अब कृष्ण (तेज प्रताप यादव) का अर्जुन (तेजस्वी यादव) आ गया है.
कहा जा रहा है कि धरना के दौरान एक समय ऐसा भी आया, जब यह चर्चा होने लगी कि पुलिस लाठीचार्ज कर सकती है. धरना के दौरान तेजस्वी ने नई शर्त रखी कि जितने रकबा में दूध मंडी थी, प्रशासन उतनी जगह देने का करार करे. साथ ही स्मार्ट सिटी के तहत दूध मंडी की संरचना भी शामिल हो. अंतत: तेजस्वी की मांग मान ली गई.
प्रशासन द्वारा दूध मंडी को बकरी मंडी में विस्थापित करने का लिखित आश्वासन देने के बाद तेजस्वी ने धरना समाप्त कर दिया. इस दौरान वहां जमकर 'लालू यादव जिंदाबाद' के नारे भी लगे.
यहां उल्लेखनीय है कि गत लोकसभा चुनाव में महागठबंधन की करारी हार के बाद से तेजस्वी यादव मुख्य धारा की राजनीति से दूर थे. इस बीच वे विधानसभा के मानसून सत्र व राजद की महत्वपूर्ण बैठकों से भी दूर रहे। राजनीति से उनकी लगातार दूरी को लेकर तरह-तरह की बातें हवा में थीं.
लेकिन तेजस्वी ने बुधवार की रात तेज प्रताप के साथ धरना देकर इन कयासों पर विराम लगा दिया. धरना में राजद नेता व विधायक भोला यादव व शक्ति यादव सहित कई बडे नेता मौजूद रहे. बुधवार को जिला प्रशासन की टीम ने पिछले कई दिनों से चल रहे अतिक्रमण हटाओ अभियान के तहत पटना जंक्शन के मुख्य द्वार के समीप स्थित दूध मंडी को ध्वस्त कर दिया. प्रशासन का कहना है कि दूध मंडी सरकारी जमीन पर चल रही थी.
तेजस्वी यादव ने इस मौके पर कहा कि मुख्यमंत्री के रूप में लालू प्रसाद यादव ने गरीब किसानों के लिए इस दूध मंडी का निर्माण कराया था. यहां दूध बेचने के साथ-साथ दुग्ध उत्पादकों की सुविधा के लिए कई व्यवस्थाएं थीं.
उन्होंने कहा कि मौके पर मौजूद प्रशासन के अधिकारियों से दूध व्यवसायियों ने मंडी तोड़ेने के आदेश की कॉपी मांगी, लेकिन प्रशासन यह नहीं दिखा सका. उसने बंदूक की नोंक पर जबरन एक मंदिर सहित दूध मंडी को तोड़े दिया.