तहसीलदार को पैतृक संपत्ति में बहनों से हक त्याग के लिए कहने पर निलंबति किया गया
By भाषा | Updated: August 25, 2021 17:47 IST2021-08-25T17:47:01+5:302021-08-25T17:47:01+5:30

तहसीलदार को पैतृक संपत्ति में बहनों से हक त्याग के लिए कहने पर निलंबति किया गया
राजस्थान के कोटा में एक राजस्व अधिकारी को आधिकारिक प्रेस विज्ञप्ति जारी करने के लिए निलंबित कर दिया गया है जिसमें पुरुषों से कहा गया है कि वे रक्षा बंधन को यादगार बनाने के लिए अपनी बहनों से पैतृक संपत्ति में अपने अधिकार का त्याग करने के लिए कहें। दीगोद उपमंडल के तहसीलदार को मंगलवार को निलंबित किया गया है, क्योंकि कई महिला अधिकार सगंठनों ने रक्षाबंधन से एक दिन पहले 21 अगस्त को जारी की गई विज्ञप्ति पर ऐतराज जताया है और अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। अजमेर के राजस्व बोर्ड के निदेशक द्वारा जारी एक आदेश में कहा गया है कि दिलीप सिंह प्रजापति को "सीसीए नियम 13 (1) के तहत आचरण नियमों के उल्लंघन के लिए तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है ..."विज्ञप्ति के बारे में पूछे जाने पर, प्रजापति ने पीटीआई-भाषा को बताया, “यह अपील उन बेटी / बहनों के लिए थी जो स्वेच्छा से अपने पैतृक अधिकार को छोड़ना चाहती हैं। वे अपने रक्षा बंधन को यादगार बनाने के लिए ऐसा कर सकती हैं।”विज्ञप्ति का शीर्षक ‘ रक्षा बंधन को यादगार बनाइए, बहनों से स्वैच्छिक हक त्याग कराईए’।इसमें उन्होंने पुरुषों से अपील की कि जब रक्षा बंधन पर उनकी बहनें घर आएं तो वे उनसे पैतृक संपत्ति में अपने हक को स्वेच्छा से त्यागने के लिए कहें।तहसीलदार के दफ्तर से जारी विज्ञप्ति में कहा गया है, “जब किसी खातेदार की मृत्यु होती है तो उसके प्राकृतिक उत्तराधिकारियों के रूप में पुत्र, पुत्री एवं पत्नी का नाम उसकी जगह खाते में दर्ज हो जाता है। कई धर्मों एवं परिवारों में पीढ़ियों से परम्परा है कि बहन बेटियां खाते की जमीन एवं अचल संपत्ति में पीहर (मायके) में हक नहीं लेती हैं एवं ससुराल की संपत्ति में ही अपना हक लेती हैं और वह पीहर की जमीनों में अपने हक का स्वेच्छिक हक त्याग भी कराना चाहती हैं लेकिन लापरवाह खातेदार/किसान समय पर हक त्याग नहीं कराते हैं। ”पत्र का संज्ञान लेते हुए कई गैर सरकारी संगठनों ने तहसीलदार को निलंबित करने के साथ ही सरकारी अधिकारी की गतिविधियों की निगरानी में चूक के लिए कोटा कलेक्टर के खिलाफ भी कार्रवाई की मांग की।
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