नौकरी संबंधी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे शिक्षक भाजपा कार्यकर्ता की भांति कर रहे हैं बतौव: बंगाल मंत्री

By भाषा | Published: August 25, 2021 07:28 PM2021-08-25T19:28:35+5:302021-08-25T19:28:35+5:30

Teachers protesting for job demands are pretending like BJP workers: Bengal Minister | नौकरी संबंधी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे शिक्षक भाजपा कार्यकर्ता की भांति कर रहे हैं बतौव: बंगाल मंत्री

नौकरी संबंधी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे शिक्षक भाजपा कार्यकर्ता की भांति कर रहे हैं बतौव: बंगाल मंत्री

पश्चिम बंगाल के शिक्षा मंत्री ब्रत्य बसु ने बुधवार को दावा किया कि राज्य सरकार ने सरकारी विद्यालयों के अनुबंधित शिक्षकों की तनख्वाह बढ़ा दी है और जो अब भी ‘अशोभनीय ढंग’ से प्रदर्शन कर रहे हैं , वे शिक्षाविद की भांति नहीं बल्कि भाजपा के कार्यकर्ताओं की तरह बर्ताव कर रहे हैं। मंत्री का बयान सोशल मीडिया पर ऐसे समय में आया है जब एक दिन पहले ही शिक्षा विभाग के मुख्यालय ‘विकास भवन’ के बाहर नौकरी से जुड़ी अपनी मांगों को तत्काल पूरा करने को लेकर प्रदर्शन कर रहीं प्राथमिक विद्यालयों की पांच अध्यापिकाओं ने कथित रूप से जहर खा लिया था। बसु ने यह भी दावा किया कि शिशु शिक्षा केंद्रों (एसएसके) के अनुबंधित शिक्षक पिछले वामपंथी शासन में पंचायत विभाग के तहत मामूली मानदेय पर काम करते थे और उन्हें नौकरी की सुरक्षा एवं सेवानिवृति लाभ प्राप्त नहीं थे। उन्होंने फेसबुक पर लिखा, ‘‘ तृणमूल कांग्रेस के शासनकाल में एसएसके ने समेकित तरीके से उन्हें स्कूली शिक्षा विभाग के अंतर्गत लाया ... इन इकाइयों से अनुबंधित रूप से जुड़े इन लोगों का मानदेय 10,340 रूपये से तीन प्रतिशत बढ़ाकर 13,390 रूपये किया गया। उन्हें स्वस्थ साथी योजना के तहत लाया गया और दो फरवरी से तीन लाख रूपये का सेवानिवृति लाभ एवं भविष्य निधि की सुविधा दी गयी।’’ उन्होंने कहा कि अध्यापिकाओं को मातृत्व अवकाश का हक प्रदान किया गया और ऐसे सभी शिक्षकों को प्रतिवर्ष 18 आकस्मिक अवकाश दिये गये जबकि वाममोर्चा की सरकार के दौरान उन्हें ऐसे लाभ नहीं दिये गये थे। मंत्री ने कहा, ‘‘ इन सभी के बावजूद जो लोग अशोभनीय तरीके से प्रदर्शन कर रहे हैं वे अध्यापक नहीं बल्कि भाजपा के कार्यकर्ता हैं।’’अनुबंधित स्कूली शिक्षकों के मंच ‘ शिक्षक ओक्यो मंच’ से संबद्ध प्रदर्शनकारी अध्यापिकाएं नौकरी पक्की करने और उनके तबादलों को रद्द करने की मांग कर रही थीं, क्योंकि इस तबादले के कारण उनमें से कुछ को अपने घरों से बहुत दूर जाना पड़ा। आपदा प्रबंधन अधिनियम के उल्लंघन करने पर उन्हें गिरफ्तार किया गया था। एसएसके अध्यापक उत्तर बंगाल में तबादला किये जाने का विरोध कर रहे हैं और आरोप लगा रहे हैं कि अतीत में आंदोलनों में हिस्सा लेने के कारण उनसे बदला लिया जा रहा है। इन पांचों शिक्षिकाओं ने इसी महीने शिक्षा मंत्री के निवास के बाहर भी प्रदर्शन किया था और जानना चाहा था कि उनकी मागें क्यों नहीं पूरी की गयीं। मंत्री के बयान पर प्रदेश भाजपा महासचिव सायंतन बसु ने कहा कि मंगलवार की घटना में पार्टी की कोई भूमिका नहीं है। उन्होंने कहा, ‘‘ तृणमूल कांग्रेस सरकार को हर घटना में भाजपा का भूत नजर आता है। लेकिन यह देखा जाना है कि अध्यापिकाओं ने अपनी जान जोखिम में क्यों डाली। शिक्षामंत्री के पास त्रिपुरा में अपनी पार्टी के कार्यक्रमों में जाने का समय है लेकिन वह इन प्रदर्शनकारी शिक्षिकाओं से नहीं मिल पा रहे हैं।’’ लोकसभा में कांग्रेस के नेता और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि यह शर्म की बात है कि अध्यापिकाएं अपनी मांगों की खातिर खुदकुशी की कोशिश कर रही हैं। माकपा की केंद्रीय समिति के सदस्य सुजान चक्रवर्ती ने कहा कि राज्य सरकार को एसएसके अध्यापकों की मांगों के समाधान के लिए तत्काल कदम उठाना चाहिए। इस बीच शिक्षक फोरम के प्रवक्ता ने कहा कि बुधवार का जहर खाने वाली पांच शिक्षिकाओं में से तीन का यहां आर जी कार मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में और दो अन्य का एनआरएस मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में इलाज चल रहा है। विधाननगर पुलिस आयुक्त कार्यालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘ ‘ इन दोनों सरकारी अस्पतालों के अधिकारियों के अनुसार पांचों अध्यापिकाओं की सेहत में सुधार है और उनकी स्थिति स्थिर है।

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Web Title: Teachers protesting for job demands are pretending like BJP workers: Bengal Minister

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