कैबिनेट मीटिंग के बाद रविशंकर प्रसाद के बोल, पेट्रोलियम उत्पादों से मिलने वाले टैक्स से होते हैं विकास कार्य
By ऐश्वर्य अवस्थी | Published: May 23, 2018 07:28 PM2018-05-23T19:28:27+5:302018-05-24T05:02:27+5:30
पेट्रोल-डीजल के बढ़ते दामों पर देशभर में हाहाकार मचा हुआ है। 9 दिन लागातर पेट्रोलियम उत्पादों के दाम बढ़ने के बाद केंद्रीय कैबिनेट की बैठक की गई।
नई दिल्ली, 23 मई: पेट्रोल-डीजल के बढ़ते दामों पर देशभर में हाहाकार मचा हुआ है। 9 दिन लागातर पेट्रोलियम उत्पादों के दाम बढ़ने के बाद केंद्रीय कैबिनेट की बैठक की गई। जिसके बाद केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर ने मीडिया को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि पेट्रोलियम उत्पादों से मिलने वाली एक्साइज़ ड्यूटी की ज़रूरत हाईवे निर्माण तथा नए एम्स बनाने जैसी विकास परियोजनाओं के लिए होती है, जो देश के विकास के लिए आवश्यक हैं।
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पेट्रोल तथा डीज़ल के लगातार बढ़ते दामों को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में केंद्रीय मंत्री ने कहा कि पेट्रोलियम उत्पादों पर लगाई जाने वाली एक्साइज़ ड्यूटी देश के विकास के काम में इस्तेमाल की जाती है। पेट्रोल और डीज़ल की बढ़ती कीमतों से वह भी चिंतित है, लेकिन इसके लिए सभी राज्य सरकारों को भी इसके लिए तैयार होना पड़ेगा।
इससे पहले केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री शिवप्रताप शुक्ला ने भी पेट्रोल तथा डीज़ल की लगातार बढ़ती कीमतों को लेकर कहा था, "कच्चा तेल आयातित होता है, विदेशी कंपनियां कीमतें बढ़ा रही हैं। पेट्रोलियम मंत्रालय कह चुका है कि पेट्रोल तथा डीज़ल को जीएसटी के दायरे में लाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि लेकिन मुद्दा यह है कि इस प्रस्ताव को जीएसटी काउंसिल के समक्ष तब तक नहीं लाया जा सकता, जब तक सभी राज्यों के वित्त मंत्रालय इसे मंज़ूरी न दें।
कर्नाटक चुनाव के बाद नौवें दिन भी पेट्रोल और डीजल के दाम बढ़ गए। दिल्ली में पेट्रोल अब 76.87 रुपए प्रति लीटर हो गई है, जबकि डीजल 68.08 रुपए पर पहुंच गया। वहीं कोलकाता में 79 रुपया 53 पैसे, मुंबई में 84 रुपया 70 पैसे और चेन्नई में 79 रुपया 79 पैसा प्रति लीटर हो गया है। मंगलवार को पेट्रोल के दामों में 30 पैसे की वृद्धि हुई है। वहीं, डीजल में 26 पैसे की बढ़ोतरी हुई है।
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इंडियन ऑइल कॉर्पोरेशन के चेयरमैन ने कहा है कि सरकार की ओर से पेट्रोल-डीजल की कीमतों पर लगाम के लिए हमें कोई सरकारी आदेश नहीं मिला है। पहले भी कीमतों में बढ़ोतरी हो रही थी लेकिन हमने 19 दिनों तक कीमतों में वृद्धि को रोके रखा। पेट्रोलियम प्रॉडक्ट्स को जीएसटी के अंदर रहना चाहिए।