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टाटा को मिली एयर इंडिया की कमान, लगाई थी 18,000 करोड़ रुपये की बोली

By विनीत कुमार | Updated: October 8, 2021 17:29 IST

करीब 68 साल बाद एक बार फिर टाटा के पास एयर इंडिया का मालिकाना हक होगा। इस एयरलाइन की स्थापना जहांगीर रतनजी दादाभाई (जेआरडी) टाटा ने ही 1932 में थी। बाद में ये सरकारी कंपनी बन गई थी।

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ठळक मुद्देशर्तों के अनुसार टाटा को एयर इंडिया के सभी कर्मचारियों को एक साल के लिये रखना होगा।कंपनी दूसरे साल वह स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना की पेशकश कर सकती है।करीब 68 साल बाद एक बार फिर टाटा के पास एयर इंडिया का मालिकाना हक होगा।

नई दिल्ली: एयर इंडिया का मालिकाना हक अब टाटा संस के पास होगा। सरकार की ओर से शुक्रवार को इस बात की आधिकारिक घोषणा कर दी गई कि टाटा ने एयर इंडिया के लिए लगाई बोली जीत ली है। सरकार की ओर से बताया गया कि टाटा संस ने एयर इंडिया के लिए 18,000 करोड़ रुपये की बोली दी थी।।

ऐसे में करीब 68 साल बाद एक बार फिर टाटा के पास एयर इंडिया का मालिकाना हक होगा। वैसे इसी महीने की शुरुआत में सूत्रों के हवाले से ये खबर आई थी कि टाटा संस कर्ज में डूबी सरकारी विमानन कंपनी एयर इंडिया के अधिग्रहण के लिए शीर्ष बोली लगाने वाली कंपनी के रूप में उभरी है। सरकार को 100 प्रतिशत हिस्सेदारी बिक्री के एवज में टाटा से 2,700 करोड़ रुपये नकद मिलेंगे।

बहरहाल, बोली जीतने के बाद टाटा संस अब घरेलू हवाई अड्डों पर 4,400 घरेलू और 1,800 अंतरराष्ट्रीय लैंडिंग एवं पार्किंग स्लॉट के साथ-साथ विदेशी हवाई अड्डों पर 900 स्लॉट का नियंत्रण हासिल कर लेगा। इसके अलावा, कंपनी को एयरलाइन की कम लागत वाली सेवा एयर इंडिया एक्सप्रेस का 100 प्रतिशत और एआईएसएटीएस का 50 प्रतिशत स्वामित्व मिलेगा।

टाटा संस ने स्पाइसजेट के प्रमुख अजय सिंह को पीछे छोड़ा

टाटा समूह और स्पाइसजेट के प्रमुख अजय सिंह ने इस महीने की शुरुआत में कर्ज में डूबी सरकारी एयरलाइन एयर इंडिया के लिए बोली सौंपी थी। सरकार एयरलाइन में अपनी 100 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचना चाहती थी। एयर इंडिया के लिए अजय सिंह ने 15100 करोड़ की बोली लगाई थी। ऐसे में टाटा ने 2900 करोड़ से ज्यादा के अंतर से ये बोली जीती। 

जनवरी, 2020 से शुरू हुई विनिवेश की प्रक्रिया में कोविड-19 महामारी के कारण देरी हुई। सरकार ने अप्रैल, 2021 में संभावित बोलीदाताओं को वित्तीय बोली सौंपने के लिए कहा था। एयर इंडिया, 2007 में घरेलू विमान सेवा इंडियन एयरलाइंस के साथ अपने विलय के बाद से घाटे में चल रही थी।

बहरहाल, शर्तों के अनुसार टाटा को एयर इंडिया के सभी कर्मचारियों को एक साल के लिये रखना होगा, दूसरे साल वह स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना की पेशकश कर सकती है।

'वेलकम बैक एयर इंडिया'

एयर इंडिया का मालिकाना हक मिलने के बाद रतन टाटा ने एक पुरानी तस्वीर के साथ ट्वीट किया, 'वेलकम बैक एयर इंडिया।' 

गौरतलब है कि इस एयरलाइन की स्थापना जहांगीर रतनजी दादाभाई (जेआरडी) टाटा ने ही 1932 में थी। उस समय इस विमानन कंपनी को टाटा एयरलाइंस कहा जाता था। बाद में इसे एयर इंडिया का नाम दिया गया। आजादी के बाद 1953 में एयर इंडिया सरकारी कंपनी बन गई थी।

टॅग्स :एयर इंडियाटाटारतन टाटा
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