तरुण विजय ने चीनी विद्वानों से कहा- भाजपा और आरएसएस को समझने के लिए दीनदयाल उपाध्याय को पढ़ना जरूरी

By भाषा | Published: June 16, 2019 09:11 PM2019-06-16T21:11:21+5:302019-06-16T21:11:21+5:30

चेंगदू स्थित सिचुआन विश्वविद्यालय में इंस्टीट्यूट ऑफ साउथ एशियन स्टडीज (आईएसएएस) द्वारा आयोजित ‘भारत-चीन सांस्कृतिक संबंध’ विषय पर विजय ने कहा कि चीनी विद्वानों ने पारस्परिक अकादमिक आदान-प्रदान से आरएसएस एवं भाजपा को समझना शुरू किया है.

Tarun vijay says chinese should read deen dayal upadhyay and shyama prasad mukherjee | तरुण विजय ने चीनी विद्वानों से कहा- भाजपा और आरएसएस को समझने के लिए दीनदयाल उपाध्याय को पढ़ना जरूरी

तरुण विजय ने चीनी विद्वानों से कहा- भाजपा और आरएसएस को समझने के लिए दीनदयाल उपाध्याय को पढ़ना जरूरी

Highlightsविजय आरएसएस के मुखपत्र ‘पांचजन्य’ के पूर्व संपादक हैं। सिचुआन विश्वविद्यालय के पुस्तकालय को जनसंघ संस्थापकों पर साहित्य भेंट करेंगे।

भाजपा नेता तरुण विजय ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतत्व में भारत में हो रहे बदलावों के साथ-साथ आरएसएस और भाजपा को लेकर समझ बढ़ाने के लिये चीनी विद्वानों को डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी एवं पंडित दीनदयाल उपाध्याय की रचनाओं का अध्ययन करना चाहिए।

चेंगदू स्थित सिचुआन विश्वविद्यालय में इंस्टीट्यूट ऑफ साउथ एशियन स्टडीज (आईएसएएस) द्वारा आयोजित ‘भारत-चीन सांस्कृतिक संबंध’ विषय पर विजय ने कहा कि चीनी विद्वानों ने पारस्परिक अकादमिक आदान-प्रदान से आरएसएस एवं भाजपा को समझना शुरू किया है और यह ‘‘बदलते समय का सकारात्मक संकेत है’’। विजय आरएसएस के मुखपत्र ‘पांचजन्य’ के पूर्व संपादक हैं।

दीनदयाल उपाध्याय का एकात्म मानववाद 

उन्होंने कहा, ‘‘बेहतर होगा अगर पंडित उपाध्याय के एकात्म मानववाद और डॉ. मुखर्जी के सांस्कृतिक राष्ट्रवाद पर उनकी रचनाओं के माध्यम से व्यक्त किये गये नये भारत के नेताओं के वैचारिक मत का भी अध्ययन किया जाये।’’ उन्होंने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व के तहत भारत में हो रहे नये बदलावों को समझने के लिये चीनी विचारकों को निश्चित रूप से पंडित उपाध्याय और डॉ. मुखर्जी का अध्ययन करना चाहिए।’’

उन्होंने कहा कि वह सिचुआन विश्वविद्यालय के पुस्तकालय को जनसंघ संस्थापकों पर साहित्य भेंट करेंगे। उन्होंने कहा, ‘‘आखिरी व्यक्ति के लिये प्रगति (अंत्योदय) की बात करने वाले सांस्कृतिक राष्ट्रवाद और एकात्म मानववाद हमारे गणतंत्र के संवैधानिक ढांचे के भीतर भाजपा के सभ्यतागत प्रेरणा के मुख्य स्रोत हैं।’’ 

Web Title: Tarun vijay says chinese should read deen dayal upadhyay and shyama prasad mukherjee

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