तन सिंह का जन्म शताब्दी समारोह मनाया जाएगा दिल्ली में, 1946 में रखी थी क्षत्रिय युवक संघ की नींव, जानिए उनके बारे में यहां पर

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: January 26, 2024 03:30 PM2024-01-26T15:30:24+5:302024-01-26T15:36:30+5:30

राजस्थान में महज मात्र 22 साल की उम्र में श्री क्षत्रिय युवक संघ की नींव रखने वाले तन सिंह की 100वीं जयंती पर एक भव्य कार्यक्रम देश की राजधानी दिल्ली में आयोजित किया जा रहा है।

Tansingh's birth centenary will be celebrated in Delhi, know about him here | तन सिंह का जन्म शताब्दी समारोह मनाया जाएगा दिल्ली में, 1946 में रखी थी क्षत्रिय युवक संघ की नींव, जानिए उनके बारे में यहां पर

तन सिंह का जन्म शताब्दी समारोह मनाया जाएगा दिल्ली में, 1946 में रखी थी क्षत्रिय युवक संघ की नींव, जानिए उनके बारे में यहां पर

Highlightsतन सिंह की 100वीं जयंती पर भव्य कार्यक्रम दिल्ली में आयोजित किया जा रहा है 25 जनवरी 1924 को राजस्थान के जैसलमेर में पैदा हुए तन सिंह सामाजिक सुधार के लिए जाने जाते हैंतन सिंह ने महज 22 वर्ष की उम्र में 22 दिसंबर 1946 को श्री क्षत्रिय युवक संघ की स्थापना की थी

नई दिल्ली: राजस्थान में महज मात्र 22 साल की उम्र में श्री क्षत्रिय युवक संघ की नींव रखने वाले तन सिंह की 100वीं जयंती पर एक भव्य कार्यक्रम देश की राजधानी दिल्ली में आयोजित किया जा रहा है। समाज के प्रति उनके किये गये कार्यों को याद रखते हुए 28 जनवरी 2024 को दिल्ली के जवाहर लाल नेहरू स्टेडियम में इस समारोह का आयोजन हो रहा है।

जानकारी के अनुसार इस सम्मेलन में देश भर से बड़ी संख्या में राजपूत समाज के लोग तन सिंह के याद करने के लिए इकट्ठा हो रहे हैं। श्री क्षत्रिय युवक संघ के संरक्षक भगवान सिंह  रोलसाहबसर और लक्ष्मण सिंह बैण्याकाबास की देखरेख में आयोजित हो रहे इस कार्यक्रम में देश भर से राजनेता, अधिकारी, उद्योगपति, धार्मिक और सामाजिक व्यक्तित्व और अनेकों प्रतिष्ठित व्यक्ति शामिल होंगे। इसके अलाव इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में महिलाओं की भी उपस्थित रहेगी।

25 जनवरी 1924 को राजस्थान के जैसलमेर जिले के बेरसियाला गांव में जन्म लेने वाले तन सिंह के पिता का नाम बलवंत सिंह महेचा और माता का नाम मोतीकंवर जी सोढा था। तन सिंह के 4 वर्ष होने के पूर्व ही उनके पिता का निधन हो गया था। कठिन आर्थिक परिस्थितियों के बीच माता मोती कंवर ने बाड़मेर से उन्हें प्रारंभिक शिक्षा दिलवाई। उसके बाद उन्होंने पिलानी के बिड़ला कॉलेज से स्नातक परीक्षा पास की। इसके अलावा उन्होंने साल 1946 में नागपुर से वकालत की पढ़ाई की थी।

दो बार विधायक और दो बार सांसद रहे तन सिंह ने महज 22 वर्ष की उम्र में 22 दिसंबर 1946 को श्री क्षत्रिय युवक संघ की स्थापना की थी ताकि राजपूत युवकों में संस्कारों का निर्माण किया जा सके। श्री क्षत्रिय युवक संघ प्रतिवर्ष सैकड़ों शिविर आयोजित करता है, जिनमें समाज की युवा पीढ़ी को गीता में भगवान श्री कृष्ण द्वारा बताए गए गुणों को जीवन में उतारने का अभ्यास करते हैं। इसके अलावा समाज की विभिन्न आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए श्री क्षत्रिय युवक संघ की ओर से कई तरह के कार्य किये जाते हैं।

तन सिंह 1949 में बाड़मेर के प्रथम नगर पालिका अध्यक्ष निर्वाचित हुए। 1952 के आम चुनावों में मात्र 28 वर्ष की आयु में  राजस्थान के प्रथम विधानसभा में बाड़मेर से विधायक चुने गये थे। कुछ समय तक उस विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष भी रहे। साल 1957 में वे पुनः विधायक चुने गए थे। उसके बाद साल 1962 में तन सिंह ने बाड़मेर-जैसलमेर से सांसद का चुनाव जीता था। उसके बाद साल 1977 के चुनाव में वो दूसरी बार सांसद निर्वाचित हुए थे।

तन सिंह का निधन 7 दिसंबर 1979 को मात्र 55 वर्ष की आयु में हुआ था लेकिन अपने छोटे से जीवनकाल में उन्होंने सामाजिक और राष्ट्रीय जीवन पर गहरी छाप छोड़ी थी। 28 जनवरी 2024 को उनकी सौंवी जयंती पर दिल्ली के जवाहर लाल नेहरू स्टेडियम में देशभर से पहुंच रहे लोग उन्हें श्रद्धांजलि देंगे।

Web Title: Tansingh's birth centenary will be celebrated in Delhi, know about him here

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