तमिलनाडु: भाजपा विरोधी नारेबाजी पर छात्रा की गिरफ्तारी को मानवाधिकार आयोग ने बताया गलत, दो लाख मुआवजे का आदेश
By विशाल कुमार | Published: March 3, 2022 09:34 AM2022-03-03T09:34:48+5:302022-03-03T09:44:34+5:30
कनाडा में रहने वाली तमिल छात्रा लोइस सोफिया को साढ़े तीन साल पहले कथित तौर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ नारे लगाने और चेन्नई-थूथुक्लुडी फ्लाइट में तत्कालीन तमिलनाडु भाजपा अध्यक्ष तमिलिसाई सुंदरराजन के साथ तीखी बहस के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।
चेन्नई: राज्य मानवाधिकार आयोग (एसएचआरसी) ने तमिलनाडु सरकार को कनाडा में रहने वाली तमिल छात्रा लोइस सोफिया के पिता को 2 लाख रुपये का मुआवजा देने का आदेश दिया है।
द हिंदू की रिपोर्ट के अनुसार, सोफिया को साढ़े तीन साल पहले कथित तौर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ नारे लगाने और चेन्नई-थूथुक्लुडी फ्लाइट में तत्कालीन तमिलनाडु भाजपा अध्यक्ष तमिलिसाई सुंदरराजन के साथ तीखी बहस के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।
जब कनाडा में गणित में ग्रेजुएट कर रहीं लोइस सोफिया सितंबर 2018 में छुट्टियों के लिए भारत आईं, तो उनके सर्जन पिता एए सैमी और उनकी पत्नी उनके साथ चेन्नई से थूथुकुडी की उड़ान में थे, जिसमें डॉ. तमिलिसाई (अब तेलंगाना की राज्यपाल और पुदुचेरी के उपराज्यपाल) भी यात्रा कर रही थीं।
भाजपा नेता को देखते ही सोफिया कथित तौर पर अपनी सीट से उठ गईं और केंद्र की भाजपा सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। थूथुकुडी हवाईअड्डे पर पहुंचने पर भाजपा कार्यकर्ताओं ने कथित तौर पर उन्हें डॉ. तमिलिसाई से माफी मांगने की धमकी दी और उनके माता-पिता को भी हवाईअड्डे से बाहर जाने से रोक दिया।
इसके बाद सोफिया से सात घंटे से अधिक पूछताछ की गई थी और उसे इस दौरान उनके पिता के पुलिस स्टेशन के बाहर बैठाया गया था। डॉ. सैमी ने राज्य मानवाधिकार आयोग में दायर याचिका में सात पुलिस अधिकारियों पर उनकी बेटी को प्रताड़ित करने का आरोप लगाया था।
मानवाधिकार आयोग सदस्य डी. जयचंद्रन ने सोफिया की गिरफ्तारी को सुप्रीम कोर्ट के दिशानिर्देशों का उल्लंघन बताया और मौलिक अधिकारों के हनन पर डॉ. सैमी को दो लाख रुपये का मुआवजे का आदेश दिया।
आयोग ने कहा कि एक महीने के भीतर डॉ. सैमी को मुआवजे का भुगतान करने के बाद, तमिलनाडु सरकार को सभी सात दोषियों से राशि की वसूली करनी चाहिए।