तमिलनाडु: बागी विधायकों की सदस्यता पर सुप्रीम कोर्ट सहमत, सुनवाई के लिए एक और जज की नियुक्ति
By धीरज पाल | Published: June 27, 2018 03:30 PM2018-06-27T15:30:33+5:302018-06-27T15:30:33+5:30
सितंबर 2017 में तमिलनाडु विधानसभा के स्पीकर ने एआईडीएमके के 18 विधायकों को अयोग्य घोषित किया था। इसके बाद बागी विधायक कोर्ट पहुंचे। मद्रास हाई कोर्ट की दो सदस्यीय बेंच ने इस मामले में अलग-अलग फैसला दिया था।
नई दिल्ली, 27 जून: सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को तमिलनाडु के 18 बागी विधायकों के मामले में पर सुनवाई की है। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई करते हुए केस को मद्रास हाई कोर्ट से उच्चतम न्यायालय में ट्रांसफर करने की याचिका को खारिज कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले के सुनवाई का दायित्व तीसरे जज जस्टिस एम सत्यनाराण के कंघे पर सौंप दिया है। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद तमिलनाडु सरकार यानी AIADMK को राहत दे दिया है। मालूम हो कि पिछले साल तमिलनाडु के विधानसभा स्पीकर ने AIADMK के बागी विधायकों की सदस्याता रद्द कर दी थी। इस मामले को लेकर बागी विधायकों ने मद्रास हाई कोर्ट से सुप्रीम कोर्ट में ट्रांसफर कर दिया था।
जानिए क्या है पूरा मामला
सितंबर 2017 में तमिलनाडु विधानसभा के स्पीकर ने एआईडीएमके के 18 विधायकों को अयोग्य घोषित किया था। इसके बाद बागी विधायक कोर्ट पहुंचे। मद्रास हाई कोर्ट की दो सदस्यीय बेंच ने इस मामले में अलग-अलग फैसला दिया था। हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस इंदिरा बनर्जी ने विधायकों की सदस्यता रद्द करने के फैसले को बहाल कर दिया था। वहीं, दूसरे जस्टिस सुंदर ने विधायकों की सदस्यता रद्द करने के खिलाफ फैसला सुनाया था। इस फैसले से असहमत विधायकों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर किया था। सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस अरुण मिश्रा और संजय किशन कौल ने मामले की सुनवाई की और केस सुप्रीम कोर्ट को ट्रांसफर करने की याचिका को खारिज कर दिया।
अगर रद्द हो जाती सदस्यता?
बता दें कि दोनों जस्टिस 18 बागी विधायकों की सदस्यता रद्द करने का फैसला खारिज कर दिया होता तो सरकार को फ्लोर टेस्ट से गुजरना पड़ता और इससे सरकार गिरने की संभावना बढ़ जाती। फिलहाल अब इस मामले की सुनवाई तीसरे जज जस्टिस एम सत्यनाराण करेंगे।