लाइव न्यूज़ :

वाराणसी से वाडिप्पट्टि तक चर रही हैं पवित्र गाएं; मद्रास हाईकोर्ट ने कहा- कोई उनकी मजाक उड़ाने की नहीं कर सकता हिम्मत

By आजाद खान | Updated: December 22, 2021 08:35 IST

मद्रास हाईकोर्ट ने अपनी टिप्पणी में यह भी कहा है कि संविधान में ‘‘हंसने के कर्तव्य'' के लिए शायद एक संशोधन करना होगा।

Open in App
ठळक मुद्देमद्रास हाईकोर्ट ने गायों पर म करते हुए यह बात कही है।कोर्ट का कहना है कि वाराणसी से वाडिप्पट्टि तक चरने वाली गायों पर कोई कुछ नहीं कहता है।अदालत ने पुलिस के केस दर्ज करने के तरीके पर भी सवाल उठाया है।

भारत: एक ताजा मामला में मद्रास हाईकोर्ट ने गायों पर बोलते हुए कहा है कि भारत में उत्तर प्रदेश के वाराणसी से लेकर तमिलनाडु के वाडिप्पट्टि तक, इन ‘‘पवित्र गायें'' को आप चरते देख सकते हैं। लेकिन कोई इन गायों का मजाक उड़ाने की हिम्मत नहीं कर सकता है। वहीं इस मामले में अदालत ने तंज कसते हुए कहा कि संविधान में ‘‘हंसने के कर्तव्य'' के लिए शायद एक संशोधन करना होगा।कोर्ट ने इस पर आगे कहा कि देशभर में राष्ट्रीय सुरक्षा ‘‘परम पवित्र गाय'' है। दरअसल, अदालत द्वारा यह टिप्पणी तब की गई जब पुलिस द्वारा एक मामला दर्ज किया गया था और कोर्ट ने उसे रद्द कर दिया था। 

क्या है पूरा मामला

बता दें कि तमिलनाडु पुलिस द्वारा एक मामला दर्ज किया गया था। पुलिस का आरोप है कि व्यक्ति ने एक फेसबुक पोस्ट में सिरुमलई की तस्वीरों के साथ तमिल में एक कैप्शन लिखा था जिसका मतलब, ‘‘निशानेबाजी के लिए सिरुमलई की यात्रा'' होता है। इसके बाद भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी-लेनिनवादी) के एक पदाधिकारी याचिकाकर्ता मथिवानन ने मदुरै में वाडिप्पट्टि पुलिस द्वारा दर्ज इस प्राथमिकी को रद्द करने का अनुरोध किया था। इस पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने मामले को खारिज किया और यह टिप्पणी की। कोर्ट ने कहा कि क्रांतिकारियों को चाहे वे वास्तविक हो या फर्जी, उन्हें आम तौर पर हास्य की किसी भी समझ का श्रेय नहीं दिया जाता है। कुछ अलग करने के लिए याचिकाकर्ता ने थोड़ा मजाकिया होने की कोशिश की, शायद यह हास्य विधा में उनकी पहली कोशिश थी। कोर्ट ने इस पर टिप्पणी करते हुए कहा कि आज पूरे भारत में उत्तर प्रदेश के वाराणसी से लेकर तमिलनाडु के वाडिप्पट्टि तक इन ‘‘पवित्र गायें'' को चरते देखा जाता है। लेकिन इनके बारे में कोई कुछ कहने की हिम्मत तक नहीं रखता है।

पुलिस के मामला दर्ज पर कोर्ट ने उठाया सवाल

कोर्ट के अनुसार, पुलिस ने जिस मामले में इस व्यक्ति पर केस दर्ज किया है उसमें भारत सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ने की मंशा से हथियारों को इकट्ठा करना और आपराधिक धमकी देना (IPS 507) शामिल है। लेकिन अदालत ने आरोपी को इस को ऐसा कुछ करते पाया नहीं और मामले को खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि व्यक्ति अपने फेसबुक पोस्ट के जरिए हल्का मजाक किया था, लेकिन पुलिस ‘‘इसमें कोई मजाक नहीं दिखा'' और यह मामला दर्ज हो गया। कोर्ट ने यह भी कहा कि व्यक्ति पर IPS की धारा 507 लगाने से उन्हें भी हंसी आई क्योंकि यह धारा तब लगती है जब आरोपी अपनी पहचान छुपाकर यह धमकी दे। लेकिन इस मामले में व्यक्ति ने अपने फेसबुक पोस्ट से यह फोटो और कैप्शन को शेयर किया है। ऐसे में पहचान छुपाने की बात ही नहीं होती।  

टॅग्स :भारतTamil NaduगायPoliceMadras High Court
Open in App

संबंधित खबरें

पूजा पाठसभ्यता-संस्कृति का संगम काशी तमिल संगमम

भारतबाबासाहब ने मंत्री पद छोड़ते ही तुरंत खाली किया था बंगला

भारतIndiGo Crisis: इंडिगो ने 5वें दिन की सैकड़ों उड़ानें की रद्द, दिल्ली-मुंबई समेत कई शहरों में हवाई यात्रा प्रभावित

भारतPutin Visit India: भारत का दौरा पूरा कर रूस लौटे पुतिन, जानें दो दिवसीय दौरे में क्या कुछ रहा खास

भारत‘पहलगाम से क्रोकस सिटी हॉल तक’: PM मोदी और पुतिन ने मिलकर आतंकवाद, व्यापार और भारत-रूस दोस्ती पर बात की

भारत अधिक खबरें

भारतमहाराष्ट्र महागठबंधन सरकारः चुनाव से चुनाव तक ही बीता पहला साल

भारतHardoi Fire: हरदोई में फैक्ट्री में भीषण आग, दमकल की गाड़ियां मौके पर मौजूद

भारतWest Bengal: मुर्शिदाबाद में ‘बाबरी शैली की मस्जिद’ के शिलान्यास को देखते हुए हाई अलर्ट, सुरक्षा कड़ी

भारतKyrgyzstan: किर्गिस्तान में फंसे पीलीभीत के 12 मजदूर, यूपी गृह विभाग को भेजी गई रिपोर्ट

भारतMahaparinirvan Diwas 2025: कहां से आया 'जय भीम' का नारा? जिसने दलित समाज में भरा नया जोश