'हिंदी भाषी कोयंबटूर में बेचते हैं पानी पुरी', भाषा विवाद के बीच सामने आया तमिलनाडु के शिक्षा मंत्री का बयान
By मनाली रस्तोगी | Published: May 13, 2022 05:40 PM2022-05-13T17:40:49+5:302022-05-13T17:43:52+5:30
तमिलनाडु के राज्यपाल आरएन रवि के साथ मंच साझा करते हुए राज्य के शिक्षा मंत्री के पोनमुडी ने कहा, "हमें बताया गया था कि हिंदी सीखने से हमें नौकरी मिलेगी, क्या हमें मिला? आप हमारे राज्य और कोयंबटूर में जाकर देखें, वे लोग कौन हैं जो पानी पुरी बेचते हैं।"
चेन्नई: तमिलनाडु के शिक्षा मंत्री के पोनमुडी ने शुक्रवार को यह सुझाव देकर देश में चल रहे भाषा विवाद को हवा दी कि "हिंदी बोलने वाले कोयंबटूर में पानी पुरी बेचते हैं"। उन्होंने यह भी पूछा कि जब दक्षिणी राज्य में लोग तमिल और अंग्रेजी सीख रहे हैं, तो दूसरी भाषाओं की क्या जरूरत है। कोयंबटूर में भारथियार विश्वविद्यालय में एक दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए, तमिलनाडु के मंत्री ने कहा, "तमिलनाडु में, दो भाषाएं हैं- अंग्रेजी और तमिल। जबकि अंग्रेजी एक अंतरराष्ट्रीय भाषा है, तमिल एक स्थानीय भाषा है।"
तमिलनाडु के राज्यपाल आरएन रवि के साथ मंच साझा करते हुए उन्होंने कहा, "हमें बताया गया था कि हिंदी सीखने से हमें नौकरी मिलेगी, क्या हमें मिला? आप हमारे राज्य और कोयंबटूर में जाकर देखें, वे लोग कौन हैं जो पानी पुरी बेचते हैं।" के पोनमुडी ने आगे कहा, "अंग्रेजी एक अंतरराष्ट्रीय भाषा है। (सीएन) अन्नादुरई ने अंग्रेजी और तमिल के लिए जोरदार पैरवी की। वह एक व्यक्ति के बारे में एक कहानी सुनाते थे जो बिल्लियों और चूहों के लिए दो अलग-अलग प्रवेश द्वार बनाते थे। उस व्यक्ति को बताया गया था कि चूहा बिल्लियों के लिए बने प्रवेश द्वार से भी प्रवेश कर सकते हैं।"
राज्य के शिक्षा मंत्री से पूछा, "हम एक अंतरराष्ट्रीय भाषा सीख रहे हैं, अंग्रेजी। अन्य भाषाओं की क्या आवश्यकता है?" पोनमुडी ने दावा किया कि तमिलनाडु भारत में शिक्षा प्रणाली में सबसे आगे है और कहा कि तमिल छात्र किसी भी भाषा को सीखने के लिए तैयार हैं। हालांकि, हिंदी केवल एक वैकल्पिक भाषा होनी चाहिए और अनिवार्य नहीं। देश भर में हिंदी भाषा को लागू करने पर बहस चल रही है, भाजपा के नेतृत्व वाला केंद्र हिंदी के अखिल भारतीय उपयोग पर जोर दे रहा है और दक्षिणी राज्यों ने इसका कड़ा विरोध किया है।