तमिलनाडु सरकार अधिक स्वायत्तता के लिए प्रतिबद्ध, केंद्र से सौहार्दपूर्ण संबंध रखेंगे: पुरोहित

By भाषा | Updated: June 21, 2021 20:54 IST2021-06-21T20:54:36+5:302021-06-21T20:54:36+5:30

Tamil Nadu government committed to greater autonomy, will maintain cordial relations with Centre: Purohit | तमिलनाडु सरकार अधिक स्वायत्तता के लिए प्रतिबद्ध, केंद्र से सौहार्दपूर्ण संबंध रखेंगे: पुरोहित

तमिलनाडु सरकार अधिक स्वायत्तता के लिए प्रतिबद्ध, केंद्र से सौहार्दपूर्ण संबंध रखेंगे: पुरोहित

चेन्नई, 21 जून तमिलनाडु की द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) सरकार की नीति को रेखांकित करते हुए राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित ने सोमवार को कहा कि राज्य सरकार राज्यों के लिए अधिक स्वायत्तता हासिल करने के वास्ते पूरी तरह से प्रतिबद्ध है लेकिन साथ ही केन्द्र के साथ सौहार्दपूर्ण संबंध की समर्थक है ।

राज्य में द्रमुक की सरकार बनने के बाद पहली बार 16वीं विधानसभा में अपने पारंपरिक अभिभाषण में पुरोहित ने कहा, “यह सरकार राज्यों के लिए अधिक स्वायत्तता के अपने अंतिम लक्ष्य को प्राप्त करने और संवैधानिक साधनों के माध्यम से संघ स्तर पर सच्चे संघवाद की स्थापना के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है।”

उन्होंने कहा, “एक मजबूत संघ बनाने के लिए मजबूत राज्यों की जरूरत है। यह सरकार राज्यों के अधिकारों की रक्षा के लिए डटी रहेगी और ऐसे अधिकारों के उल्लंघन का संवैधानिक रूप से विरोध करेगी।”

राज्यपाल ने कहा कि साथ ही साथ राज्य सरकार राष्ट्र निर्माण की प्रक्रिया में एक साझेदार के तौर पर केंद्र सरकार से सौहार्दपूर्ण संबंध बनाए रखेगी जो “ दोस्ती के लिए हाथ आगे बढ़ाने की हमारी नीति के अनुरूप है, भले ही हम अपने अधिकारों के लिए आवाज़ उठाते हैं।”

पुरोहित ने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री के लिए एक आर्थिक सलाहकार परिषद का गठन किया जाएगा जिसमें नोबेल पुरस्कार से सम्मानित प्रोफेसर एस्थर डूफलो समेत प्रमुख विशेषज्ञ होंगे।

उन्होंने कहा कि सरकार कोविड की संभावित तीसरी लहर को रोकने के लिए सभी जरूरी उपाय करेगी और केंद्र सरकार से राज्यों को टीकों की आपूर्ति बढ़ाने और कर्नाटक की ओर से प्रस्तावित मेकेदातु बांध परियोजना को खारिज करने का आग्रह करेगी।

पुरोहित ने कहा कि परिषद में डुफलो के अलावा आरबीआई के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन, केंद्र सरकार के पूर्व मुख्य सलाहकार अरविंद सुब्रमण्यन , विकास अर्थशास्त्री प्रो जीन ड्रेज़े और पूर्व केंद्रीय वित्त सचिव एस नारायण भी शामिल होंगे।

उन्होंने कहा कि राज्य की वित्तीय स्थिति चिंता का विषय है और सरकार इसे सुधारने और कर्ज के बोझ को कम करने पर ध्यान केंद्रित करेगी और जुलाई में तमिलनाडु के वित्तीय हालत पर एक श्वेत पत्र जारी किया जाएगा।

पुरोहित ने कहा कि सरकार द्रविड़ आंदोलन की भावना से निर्देशित होती है और उसने अपने मूल मूल्यों के तौर पर सामाजिक न्याय, लैंगिक समानता, आर्थिक बराबरी, आरक्षण के जरिए सभी के लिए मौके, शिक्षा के जरिए विकास और सामाजिक सुधारों की पहचान की है।

उन्होंने कहा, “ये मूल्य इस सरकार की हर कार्यवाही, हर कानून, हर योजना, हर पहल को संचालित करेंगे।”

राज्यपाल ने कहा कि साल के खत्म होने से पहले राष्ट्र की पूरी वयस्क आबादी को कोरोना वायरस रोधी टीका लगाने के लिए केंद्र को टीके की पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित करनी चाहिए।

पुरोहित ने कहा कि राज्य सरकार श्रीलंका की नौसेना द्वारा तमिलनाडु के मछुआरों पर हमले, गिरफ्तारी और जीविका के नुकसान को रोकने के लिए केंद्र के सामने मुद्दा उठाएगी जिससे इसका समाधान हो सके।

सामाजिक और शैक्षणिक रूप से पिछड़े छात्रों पर नीट के प्रतिकूल प्रभाव का अध्ययन करने के लिए हाल ही में न्यायमूर्ति एके राजन के नेतृत्व में एक समिति के गठन का उल्लेख करते हुए, पुरोहित ने कहा कि इसकी सिफारिशों के आधार पर, एक कानून बनाया जाएगा ताकि ऐसे छात्र प्रभावित न हों और इसके लिए राष्ट्रपति की सहमति लेने के लिए कदम उठाए जाएंगे।

पुरोहित ने कहा कि सरकार मंदिरों के प्रबंधन में पारदर्शिता और जवाबदेही को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है और श्रद्धालुओं के लिए सुविधाएं बढ़ाने और रखरखाव में सुधार के लिए एक राज्य स्तरीय सलाहकार समिति का गठन किया जाएगा।

साथ ही उन्होंने कहा कि सरकार सच्चर समिति की सिफारिशों के आधार पर कार्य करेगी और अल्पसंख्यकों के लिए योजनाओं को अधिक प्रभावी ढंग से लागू करेगी।

इस बीच, अन्नाद्रमुख के सह समन्यवक और विधानसभा में विपक्ष के नेता के पलानीस्वामी ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए राज्यपाल के अभिभाषण को लेकर मायूसी जताई और कहा कि इसमें द्रमुक के अहम चुनावी आश्वासनों को लागू करने का कोई जिक्र नहीं है।

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि द्रमुक ने पेट्रोल डीज़ल की कीमतें कम करने और शिक्षा कर्ज को माफ करने का समेत अन्य वादे किए थे लेकिन अभिभाषण में इसका कोई उल्लेख नहीं मिला।

पलानीस्वामी ने कहा कि द्रमुक ने आश्वस्त किया गया था कि सत्ता में आने पर नीट परीक्षा को रद्द किया जाएगा पर उसने न्यायमूर्ति राजन की अगुवाई में समिति गठित की है और चिकित्सा मंत्री एस सुब्रमण्यन कहते हैं कि छात्र राष्ट्रीय स्तर की परीक्षा के लिए तैयारी करें।

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