तमिलनाडु: मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने राज्यपाल आरएन रवि पर तीखा हमला करते हुए कहा, "वो खुद को 'महान तानाशाह' न समझें"
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: April 7, 2023 04:34 PM2023-04-07T16:34:04+5:302023-04-07T16:37:52+5:30
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने राज्यपाल आरएन रवि पर तीखा हमला करते हुए कहा कि उन्हें खुद को 'महान तानाशाह' नहीं समझना चाहिए।
चेन्नई: तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने राज्यपाल आरएन रवि पर तीखा हमला करते हुए कहा कि उन्हें खुद को 'तानाशाह' नहीं समझना चाहिए। सीएम स्टालिन ने राज्यपाल पर ऐसी टिप्पणी इसलिए कि क्योंकि राज्यपाल आरएन रवि ने कहा कि विधेयक को रोकने का मतलब होता है कि वो विधेयक मर चुका है और संविधान में प्रयोग होने वाली सभ्य भाषा में इसे 'अस्वीकृति' करना कहते हैं।
मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने कहा, “सुप्रीम कोर्ट ने साल 1975 के शमशेर सिंह बनाम पंजाब राज्य के केस में फैसले सुनाते हुए कहा था कि राज्यपाल राज्य सरकार के लिए केवल शॉर्टहैंड है और वह केंद्र सरकार की ओर से राष्ट्रपति का प्रतिनिधित्व करता है। इसलिए राज्यपाल खुद को महान तानाशाह नहीं माने।"
समाचार वेबसाइट द न्यू इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार स्टालिन की इस प्रतिक्रिया से एक दिन पहले राजभवन में सिविल सेवा के प्रतियोगियों से बात करते हुए राज्यपाल आरएन रवि ने कहा था कि राज्यपाल को जिस बिल से सहमति हो, उससे निपटने के तीन विकल्प होते हैं। राज्यपाल ने कहा, “सुप्रीम कोर्ट ने बिल रोकने को परिभाषित किया है। इसका मतलब यह नहीं है कि राज्यपाल विधेयक को रोके हुए हैं। इसका मतलब यह होता है कि सरकार द्वारा भेजा बिल मर चुका है।"
हालांकि राज्यपाल ने इसके साथ ही यह भी स्वीकार किया कि जब विधेयक को विधानसभा द्वारा फिर से भेजा जाता है तो राज्यपाल को उसे अपनी सहमति दे देनी चाहिए। राज्यपाल रवि ने इसके साथ यह भी कहा कि एक राज्यपाल किसी विधेयक को स्वीकृति नहीं दे सकता है, यदि वह बिल समवर्ती सूची से संबंधित हो और उस विषय पर संसद ने कानून पारित किया हो। राज्यपाल ने कहा, "ऐसे किसी बिल में, जो समवर्ति सूची में आते हैं। उसे विचार के लिए राष्ट्रपति के पास जाना होता है।"
वहीं राज्यपाल की टिप्पणी पर मुख्यमंत्री स्टालिन ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा, "राज्यपाल अपने राजनीतिक और सामाजिक विचारों से तमिलनाडु के लोगों में भ्रम पैदा करते रहे हैं, उन्होंने विधानसभा की कार्यवाही के तथ्यों के विपरीत जाकर एक तरह से प्रशासनिक अनुशासन को भंग करने वाले विचार व्यक्त किए हैं।"
मालूम हो कि राज्यपाल आरएन रवि ने तमिलनाडु विधानसभा द्वारा ऑनलाइन जुए पर प्रतिबंध लगाने संबंधी भेजे गये बिल पर अभी तक अपनी सहमति नहीं दी है। उनका कहना है कि यह मामला राज्य की शक्तियों के परे केंद्र सरकार के विधायी दायरे क्षेत्र में आता है।
मुख्यमंत्री स्टालिन का आरोप है कि राज्यपाल सरकार द्वारा भेजी गई 14 फाइलों पर रोक लगाए हुए हैं। राज्यपाल विधानसभा से पारित अध्यादेशों, विधेयकों और कानूनों में संशोधनों को अपनी स्वीकृति नहीं देकर प्रशासनिक कर्तव्यों का उल्लंघन कर रहे हैं। अगर लगातार दबाव डाला जाता है, तो वह सरकार से हल्के-फुल्के सवाल करके अपनी ड्यूटी को खत्म हुआ मान लेते हैं। उदाहरण के लिए ऑनलाइन जुए पर प्रतिबंध लगाने वाला विधेयक अभी भी राज्यपाल के पास लंबित है। ऑनलाइन जुए से जनता को जानमाल की क्षति हो रही है, बावजूद उसके राज्यपाल उस बिल पर खामोश हैं।