सैयद अकबरुद्दीन ने कहा- तालिबान की मदद कर रहे अफगानिस्‍तान के पड़ोसी देश, आतंकियों को दे रहे संरक्षण

By ऐश्वर्य अवस्थी | Published: September 18, 2018 10:56 AM2018-09-18T10:56:23+5:302018-09-18T10:56:23+5:30

संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि सैयद अकबरुद्दीन ने कहा कि तालिबान ने समर्थकों के द्वारा आर्थिक मदद मिलने की वजह से अफगानिस्तान में सैन्‍य कार्रवाई और हिंसा करना जारी रखा है।

Taliban,aided by their supportersthose harboured in safe havens in neigbourhood of Afghanistan: Syed Akbaruddin | सैयद अकबरुद्दीन ने कहा- तालिबान की मदद कर रहे अफगानिस्‍तान के पड़ोसी देश, आतंकियों को दे रहे संरक्षण

सैयद अकबरुद्दीन ने कहा- तालिबान की मदद कर रहे अफगानिस्‍तान के पड़ोसी देश, आतंकियों को दे रहे संरक्षण

संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि सैयद अकबरुद्दीन ने कहा कि तालिबान ने समर्थकों के द्वारा आर्थिक मदद मिलने की वजह से अफगानिस्तान में सैन्‍य कार्रवाई और हिंसा करना जारी रखा है। संयुक्त राष्ट्र से सैयद अकबरुद्दीन ने कहा है कि तालिबान ने समर्थकों के द्वारा आर्थिक मदद मिलने की वजह से इन घटनाओं के लिए अफगानिस्तान के पड़ोसी देश में प्लानिंग की जाती है और संरक्षण दिया जाता है। सैयद अकबरुद्दीन ने कहा कि तालिबान में समर्थकों के द्वारा आर्थिक मदद मिलने से अफगानिस्तान में हिंसा करना जारी रखा है

उन्होंने यहां साफ रूप से कहा है कि अपने समर्थकों की मदद से तालिबान सैन्य ऑपरेशन चलाता है, और अफगानिस्तान के कई हिस्सों में हिंसक गतिविधियां करता रहता है। इन अपराधों की साज़िश उन लोगों द्वारा रची जाती है, जिन्हें अफगानिस्तान के पड़ोस में सुरक्षित स्थानों पर पनाह दी गई है।




इतना ही नहीं उन्होंने कहा है कि भारत ने अवैध ड्रग व्यापार को अपंग करने के इन आतंकवादी संगठनों को वित्तीय लाभ प्रदान किया जा रहा है। लंबे समय से तालिबान, हक्कानी नेटवर्क, देश, अल-कायदा और इसके संभावित सहयोगी जैसे लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-जैसे विचारधारात्मक और परिचालन-जुड़े आतंकवादी नेटवर्कों के अंधेरे एजेंडे के लिए सुरक्षा प्रदान कर रहे हैं।

इतना ही नहीं अकबरुद्दीन ने आगे कहा कि इन आतंकवादी संगठनों के एजेंडे न केवल छेड़छाड़ और मजबूर लेवी और करों से वित्तीय लाभ प्राप्त करना है बल्कि आपराधिक नेटवर्क से निपटने वाले आपराधिक नेटवर्कों से महत्वपूर्ण लाभ उठाना भी है। अनुमानों का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि तालिबान के राजस्व का 60 प्रतिशत दवा व्यापार से हैं और ताली खेती तालिबान नियंत्रित क्षेत्रों में सबसे बड़ी नकद फसल कहा जाता है।
 

Web Title: Taliban,aided by their supportersthose harboured in safe havens in neigbourhood of Afghanistan: Syed Akbaruddin

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