IAF के विमान से अफगानिस्तान से भारत आ रहे 72 सिखों-हिन्दुओं को तालिबान ने काबुल एयरपोर्ट से वापस लौटाया
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: August 21, 2021 06:55 PM2021-08-21T18:55:20+5:302021-08-21T18:55:44+5:30
अफगानिस्तान में तालिबानी आतंकियों ने अफगान सिंखों और हिन्दुओं को भारतीय वायु सेना के विमान में चढ़ने से रोक दिया. घटना शनिवार की है जब भारतीय वायु सेना का विमान अफगानिस्तान में फंसे भारतीयों को लेने काबुल पहुंचा था. इस दौरान तालिबानी आतंकियों ने काबुल एयरपोर्ट पर अफगान सिंखों और अफगान हिन्दुओं को विमान में सवार होने से रोक दिया. इनमें अफगानिस्तान संसद के दो अल्पसंख्यक सदस्य भी शामिल हैं. तालिबान ने कुल 72 लोगों को रोका इसमें अफगान सिख और हिन्दू शामिल हैं.
अफगानिस्तान में तालिबानी आतंकियों ने अफगान सिंखों और हिन्दुओं को भारतीय वायु सेना के विमान में चढ़ने से रोक दिया. घटना शनिवार की है जब भारतीय वायु सेना का विमान अफगानिस्तान में फंसे भारतीयों को लेने काबुल पहुंचा था. इस दौरान तालिबानी आतंकियों ने काबुल एयरपोर्ट पर अफगान सिंखों और अफगान हिन्दुओं को विमान में सवार होने से रोक दिया. इनमें अफगानिस्तान संसद के दो अल्पसंख्यक सदस्य भी शामिल हैं. तालिबान ने कुल 72 लोगों को रोका इसमें अफगान सिख और हिन्दू शामिल हैं.
इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक, इस मामले में विश्व पंजाबी संगठन (डब्ल्यूपीओ) के अध्यक्ष विक्रमजीत सिंह साहनी ने द इंडियन एक्सप्रेस को अपने बयान में कहा कि, "अफगानिस्तान छोड़ भारत जाने की मांग करते हुए, अफगान सिखों और हिंदुओं का यह पहला जत्था था जो शुक्रवार से काबुल एयरपोर्ट पर इंतजार कर रहा था. ये लोग 12 घंटे से अधिक समय से हवाई अड्डे के बाहर इंतजार कर रहे थे".
उन्होंने कहा कि, “तालिबान लड़ाकों ने उन्हें IAF, भारतीय वायू सेना के विमान में चढ़ने से रोक दिया और कहा कि चूंकि वे अफगान हैं, इसलिए उन्हें एयरपोर्ट से वापस अपने घर जाना चाहिए. अब समूह सुरक्षित रूप से काबुल में गुरुद्वारा दशमेश पिता गुरु गोबिंद सिंह जी करता परवान लौट आया है,अल्पसंख्यक सांसद नरिंदर सिंह खालसा और अनारकली कौर मानोयार समूह का हिस्सा थे".
उन्होंने कहा कि,"भारतीय वायु सेना के इस विमान से कुल 80 हिन्दुओं और सिंखों का जत्था जाने वाला था लेकिन 72 लोगों को वापस लौट दिया गया. उन्होंने आगे कहा, अब अफगान सिखों और हिंदुओं को निकालने का एकमात्र तरीका तालिबान के साथ बातचीत करना है. तालिबान को बताना होगा कि, सिखों को इस साल के अंत में गुरु तेग बहादुर जी की 400 वीं जयंती समारोह के लिए भारत में शामिल होना है."
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, तालिबान के अफगानिस्तान में कब्जे के बाद से अब तक कुल 280 अफगान सिखों और 30-40 हिंदुओं के एक समूह ने काबुल के करता परवन गुरुद्वारे में शरण ली है. उन्होंने तालिबान के प्रतिनिधियों के साथ अब तक दो बैठकें भी कीं, जिन्होंने उन्हें 'शांति और सुरक्षा' का आश्वासन दिया और कहा कि उन्हें देश छोड़ने की जरूरत नहीं है.