तबलीगी जमात नेता मौलाना साद के बेटे से हुई दो घंटे पूछताछ, निजामुद्दीन मरकज से फरार 20 कर्मचारियों का नहीं मिल रहा सुराग
By निखिल वर्मा | Published: May 6, 2020 10:05 AM2020-05-06T10:05:05+5:302020-05-06T10:07:49+5:30
लॉकडाउन के दौरान निजामुद्दीन इलाके में मार्च महीने में एक धार्मिक कार्यक्रम आयोजित करने के मामले में दिल्ली पुलिस ने मौलाना साद के खिलाफ मामला दर्ज किया है.
दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच ने तबलीगी जमात के प्रमुख मौलाना साद के बेटे से दो घंटे तक पूछताछ की है। यह पूछताछ क्राइम ब्रांच के ऑफिस में हुई है। दिल्ली पुलिस के अधिकारियों ने मरकज बिल्डिंग में आने जाने वालों की व्यवस्था करने वाले 20 लोगों की जानकारी ली है।
हिन्दुस्तान टाइम्स में छपी खबर के अनुसार, निजामुद्दीन मरकज के 20 लोग यहां आने-जाने वाले जमातियों की व्यवस्था से जुड़े हैं और केस दर्ज होने के बाद से ही गायब हैं। इन लोगों के बारे में पुलिस को ट्रैवेल एजेंट्स से पूछताछ के दौरान जानकारी मिली। यही 20 लोग मरकज में आने वाले विदेशी जमातियों की सारी व्यवस्था देखते थे।
मौलाना साद का बीच वाला बेटा मरकज की गतिविधियों में ज्यादा सक्रिय है। इसी वजह से क्राइम ब्रांच ने उसे बुलाकर पूछताछ की। पुलिस ने तबलीगी जमात मुख्यालय की गतिविधियों से जुड़े दस्तावेजों के बारे में भी जानकारी मांगी। मुख्यालय प्रबंधन से जुड़े छह पदाधिकारियों के साथ ज्यादा बैठक भी यही करता था। इस मामले में क्राइम ब्रांच की जांच राडार पर मौलाना के सभी बेटे और भांजा हैं।
दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने निजामुद्दीन मरकज मामले में 31 मार्च को मौलान साद समेत सात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। बलीगी जमात कार्यक्रम में शामिल कई लोगों की कोरोना वायरस के कारण मौत हो जाने के बाद उनके खिलाफ प्राथमिकी में आईपीसी की धारा 304 (गैर इरादतन हत्या) शामिल की गयी। इस कार्यक्रम में भाग लेने वाले कुछ विदेशियों के खिलाफ वीजा नियमों के उल्लंघन के लिए मामला दर्ज किया गया है। निजामुद्दीन में मार्च महीने हुए इज्तिमे में कम से कम 9000 लोगों ने हिस्सा लिया था। वे बाद में देश के अलग अलग हिस्सों में चले गए। इसके चलते कई जगहों पर वायरस का प्रसार हुआ।