Narendra Modi Cabinet 2019: जानें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी क्या शपथ लेंगे
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: May 30, 2019 05:31 PM2019-05-30T17:31:33+5:302019-05-30T17:36:16+5:30
राष्ट्रपति प्रधानमंत्री को शपथ दिलाते हैं। उसके बाद मंत्रियों को शपथ दिलाई जाती है। इसमें सबसे पहले कैबिनेट, उसके बाद स्वतंत्र प्रभार वाले राज्यमंत्रियों और अंत में राज्यमंत्रियों को शपथ दिलाई जाती है।
राष्ट्रपति भवन में गुरुवार (30 मई) को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत कई मंत्री अपने पद और गोपनीयता की शपथ लेंगे, जो एक संवैधानिक प्रक्रिया के तहत दिलाई जाती है। प्रधानमंत्री शपथ लेने से पहले अपने मंत्रिमंडल सहयोगियों के नामों की सूची राष्ट्रपति को सौंपते हैं। इसी आधार पर संभावित मंत्रियों को शपथ ग्रहण के लिए आमंत्रित किया जाता है।
राष्ट्रपति नए प्रधानमंत्री और केंद्रीय मंत्रियों को भी शपथ दिलाते हैं। जबकि राज्यपाल राज्य में मुख्यमंत्री और मंत्रियों को शपथ दिलाते हैं। नरेद्र मोदी शाम 7 बजे प्रधानमंत्री पद और गोपनीयता की शपथ लेंगे। आइए जानते हैं शपथ लेने की प्रक्रिया के बारे में-
सबसे पहले राष्ट्रपति प्रधानमंत्री को शपथ दिलाते हैं। उसके बाद मंत्रियों को शपथ दिलाई जाती है। इसमें सबसे पहले कैबिनेट, उसके बाद स्वतंत्र प्रभार वाले राज्यमंत्रियों और अंत में राज्यमंत्रियों को शपथ दिलाई जाती है।
पद की शपथ का प्रारूप- केंद्रीय मंत्रियों के लिए)
मैं...., ईश्वर की शपथ लेता हूं/लेती हूं कि मैं विधि द्वारा स्थापित भारत के संविधान के प्रति सच्ची श्रद्धा और निष्ठा रखूंगा/रखूंगी। (संविधान का सोलहवां संशोधन) अधिनियम, 1963 की धारा 5 द्वारा अंतःस्थापित।)
मैं भारत की प्रभुता और अखंडता अक्षुण्ण रखूंगा/रखूंगी। मैं संघ के मंत्री के रूप में अपने कर्तव्यों का श्रद्धापूर्वक और शुद्ध अंतःकरण से निर्वहन करूंगा/करूंगी तथा मैं भय या पक्षपात, अनुराग या द्वेष के बिना, सभी प्रकार के लोगों के प्रति संविधान और विधि के अनुसार न्याय करूंगा/करूंगी।
गोपनीयता की शपथ का प्रारूप: (केंद्रीय मंत्रियों के लिए)
'मैं....ईश्वर की शपथ लेता/लेती हूं कि जो विषय संघ के मंत्री के रूप में मेरे विचार के लिए लाया जाएगा अथवा मुझे ज्ञात होगा, उसे किसी व्यक्ति या व्यक्तियों को, तब के सिवाय जबकि ऐसे मंत्री के रूप में अपने कर्तव्यों के सम्यक् निर्वहन के लिए ऐसा करना अपेक्षित हो, मैं प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष रूप से संसूचित या प्रकट नहीं करूंगा।'
(संविधान का सोलहवां संशोधन अधिनियम, 1963 की धारा 5 द्वारा प्रारूप 3 के स्थान पर प्रतिस्थापित।)
संसद सदस्य द्वारा ली जाने वाली शपथ का प्रारूप :
'मैं....जो राज्यसभा (या लोकसभा) में स्थान भरने के लिए अभ्यर्थी के रूप में निर्वाचित या नामनिर्देशित हुआ हूं ईश्वर की शपथ लेता हूं/सत्यनिष्ठा से प्रतिज्ञान करता हूं कि मैं विधि द्वारा स्थापित भारत के संविधान के प्रति सच्ची श्रद्धा और निष्ठा रखूंगा। मैं भारत की प्रभुता और अखंडता अक्षुण्ण रखूंगा तथा जिस पद को मैं ग्रहण करने वाला हूं उसके कर्तव्यों का श्रद्धापूर्वक निर्वहन करूंगा।’
1952 से शुरू हुई प्रक्रिया
जवाहरलाल नेहरू स्वतंत्र भारत के पहले प्रधानमंत्री थे। संवैधानिक प्रक्रिया के तहत 13 मई 1952 को रष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद ने नेहरू को प्रधानमंत्री पद की शपथ दिलाई थी।