स्वामी विवेकानंद के सामने विदेशी महिला ने रखा था शादी का प्रस्ताव, पत्नी नहीं जिंदगीभर के लिए बन गई शिष्या

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: January 12, 2021 10:43 AM2021-01-12T10:43:41+5:302021-01-12T12:08:27+5:30

आज यानी 12 जनवरी को स्वामी विवेकानंद जी का जन्म हुआ था और इस दिन को राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में मनाया जाता है। वह हमेशा युवाओं के प्रेरणास्त्रोत रहे हैं।

Swami Vivekananda 158th Birth Anniversary: foreign women proposed marriage vivekananda National Youth Day | स्वामी विवेकानंद के सामने विदेशी महिला ने रखा था शादी का प्रस्ताव, पत्नी नहीं जिंदगीभर के लिए बन गई शिष्या

स्वामी विवेकानंद की 158वीं जयंती पर विशेष

Highlightsअमेरिका की एक महिला उनके और उनकी बातों और विचारों से काफी प्रभावित थी।विवेकानंद से मिलते ही महिला ने कहा-, 'स्वामी जी मैं आपसे विवाह करना चाहती हूं।'

साल 1893 और  जगह अमेरिका का मशहूर शहर शिकागो, विश्व धर्म सम्मेलन में जब विवेकानंद जी ने अपने संबोधन कि शुरुआत अमेरिका के बहनों और भाइयों से की... तो हॉल में मौजूद सभी विश्व गुरू और लोगों की तालियों की गड़गड़ाहट थमने का नाम नहीं ले रही थी। तालियां कुछ ही पल के लिए नहीं बल्कि कुछ समय तक बजती रही।

स्वामी विवेकानंद के इस ऐतिहासिक भाषण का हर एक शब्द लोगों के जहन में बैठ गया है। क्योंकि भाषण में कही गई बातें आज भी प्रासंगिक है। स्वामी विवेकानंद ने जो कुछ भी उस समय कहा था, वो हमेशा हर शख्स, हर समाज पर लागू होता है, होता रहेगा...

स्वामी विवेकानंद जी के बारे में कई कहानियां प्रचलित है, इन्हीं कहानियों में एक घटना ऐसी भी थी जब स्वामी विवेकानंद जी के सामने शादी का प्रस्ताव आया और शादी का प्रस्ताव रखने वाली अमेरिका की एक महिला थी, लेकिन वो पत्नी नहीं बल्कि जिंदगी भर के लिए उनकी शिष्या बनकर रह गई... क्या हुआ था उस दिन और कैसे बन गई विदेशी महिला उनकी शिष्या, जानें कैसे...

अमेरिका एक सम्मेलन में हुई विदेशी महिला से भेंट

ये कहानी उस समय की है जब स्वामी विवेकानंद अपने ज्ञान और विचारों के कारण पूरी दुनिया में लोकप्रिय हो चुके थे। उनकी बातों को खूब सुना जा रहा था और इसे लेकर देश-विदेश में चर्चा हो रही थी। एक बार स्वामी विवेकानंद का अमेरिका जाना हुआ। अमेरिका की एक महिला तब उनसे और उनकी बातों से काफी प्रभावित थी। महिला को पता चला कि विवेकानंद आ रहे हैं तो उसने हर हालत में मन ही मन उनसे मुलाकात करने की ठान ली। उसके मन में ये बात थी कि जब वह विवेकानंद से मिलेगी तो उनके सामने शादी का प्रस्ताव रखेगी और  यही हुआ... वो निश्चित समय पर उस जगह जा पहुंची जहां विवेकानंद जी को एक सम्मेलन में हिस्सा लेना था।

शादी के प्रस्ताव का जवाब सुनकर दंग रह गई महिला

महिला को स्वामी विवेकानंद से मुलाकात का भी मौका मिल गया। वह विवेकानंद के पास गई और कहा, 'स्वामी जी मैं आपसे विवाह करना चाहती हूं।' विवेकानंद ने ये सुनकर महिला से पूछा कि वह ऐसा क्यों करना चाहती है जबकि उसे भी मालूम है कि वे एक संन्यासी हैं। इस पर महिला ने विनम्रता के साथ जवाब दिया कि वह दरअसल स्वामी जी जैसा ही सुशील, गौरवशाली और तेजमय पुत्र चाहती है। महिला ने कहा कि ऐसा तभी संभव होगा जब वह उनसे शादी कर सकेगी।

स्वामी विवेकानंद महिला की इस बात को सुनकर पहले मुस्कुराए और कहा कि ऐसा तो शादी के बिना भी ऐसा संभव है और इसका एक उपाय है। महिला स्वामी जी का ये जवाब सुनकर हैरान रह गई और उसने पूछा डाला कि भला ऐसा कैसे संभव हो सकता है? इस पर विवेकानंद जी ने कहा कि मैं खुद ही आपका पुत्र बन जाता हूं और आप मेरी मां बन जाएं।

इतना सुनते हुए महिला की आंखे खुल गई। उसने कहा, 'स्वाजी जी आपने अपने संन्यास को बनाए रखते हुए मेरी भी समस्या का हल कर दिया। आप धन्य हैं। बस क्या था विदेशी महिला ने यहीं कहा कि मैं आपको पुत्र के रूप में तो नहीं स्वीकार सकती लेकिन आपकी आजीवन शिष्या जरूर बनी रहूंगी।'