पटना: भाजपा नेता और राज्यसभा सांसद सुशील मोदी ने रेलवे में नौकरी के बदले जमीन घोटाले के संबंध में राजद प्रमुख लालू प्राद यादव समेत अन्य आरोपियों के खिलाफ सीबीआई द्वारा दायर की गई चार्जशीट के बारे में कहा कि इस घोटाले को जिन लोगों ने बेपर्दा करने का काम किया, आज वो ही लोग आरोपियों के बचाव में लामबंदी हो रहे हैं।
सुशील मोदी ने मामले में जदयू के साथ-साथ राजद नेता को घेरते हुए कहा कि ललन सिंह और शिवानंद तिवारी जमीन घोटाले को दुनिया के सामने लेकर आये, आज वही लोग लालू यादव की पैरवी कर रहे हैं। इससे दुर्भाग्यपूर्ण राजनीति बिहार में और क्या हो सकती है।
समाचार एजेंसी एएनआई के बात करते हुए सुशील मोदी ने कहा, "जदयू अध्यक्ष ललन सिंह और राजद नेता शिवानंद तिवारी ने रेलवे में लालू यादव के जमीन के बदले नौकरी के घोटाले का पर्दाफाश किया था और उन्हीं के उठाये मुद्दे पर सीबीआई ने केस दर्ज किया था। केस में जदयू ने कागज उपलब्ध कराए और सीबीआई पर एक्शन के लिए दबाव बनाया था। अब जब कार्रवाई की जा रही है तो जदयू लालू यादव के समर्थन में दिखाई दे रही है।"
मालूम हो कि सीबीआई ने रेलवे में नौकरी के बदले कथिततौर पर जमीन लेने के मामले में शुक्रवार को पूर्व रेलमंत्री और राष्ट्रीय जनता दल के प्रमुख लालू प्रसाद यादव, उनकी पत्नी और बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के साथ 14 अन्य के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया है। इस मामले में जानकारी देते हुए सीबीआई अधिकारियों ने कहा कि सीबीआई की ओर से विशेष अदालत में दायर किये गये आरोपपत्र में लालू यादव की बड़ी बेटी मीसा भारती और रेलवे के पूर्व महाप्रबंधक भी सह आरोपी हैं।
जमीन घोटाले के उजागर होने के बाद केंद्रीय जांच एजेंसी ने बीते 23 सितंबर 2021 को प्रारंभिक जांच दर्ज की थी, जिसे 18 मई को प्राथमिकी में बदल दिया गया था। एजेंसी के अनुसार रेलवे अधिकारियों ने उम्मीदवारों को कथित तौर पर "अनुचित जल्दबाजी" के नाम पर आवेदन करने के तीन दिनों के भीतर ग्रुप डी के पदों पर नियुक्त किया गया था और बाद में उन उम्मीदवारों से रेलवे अधिकारियों ने स्वयं या परिवार के अन्य सदस्यों के नाम पर जमीन ली थी।
सीबीआई के मुताबिक रेलवे में उम्मीदवारों का तबादला राबड़ी देवी और बेटियों मीसा भारती और हेमा यादव के नाम पर किया गया था। एजेंसी ने आरोप लगाया है कि पटना में करीब 1.05 लाख वर्ग फुट जमीन लालू प्रसाद यादव के परिवार के सदस्यों ने बेचने वालों से नकद भुगतान करके अपने नाम से अधिग्रहित की थी।