सुशील मोदी ने जेपी जयंती को लेकर पूछा, 'जदयू, अमित शाह से इतना क्यों डरता है?', जानिए ललन सिंह ने क्या कहा
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: October 10, 2022 05:29 PM2022-10-10T17:29:29+5:302022-10-10T17:34:47+5:30
जेपी के विचारों पर दावेदारी ठोंकने वाले जदयू-भाजपा उनके जन्म स्थान सिताब दियारा को लेकर एक-दूसरे के खिलाफ जंग छेड़े हुए हैं।
पटना: बिहार में भाजपा और जदयू जेपी की जयंती को लेकर एक-दूसरे पर हमलावर हैं। इंदिरा गांधी की सरकार के खिलाफ संपूर्ण क्रांति का नारा देने वाले जेपी के विचारों पर दावेदारी ठोंकने वाले दोनों दल उनके जन्म स्थान सिताब दियारा को लेकर एक-दूसरे के खिलाफ जंग छेड़े हुए हैं।
दरअसल ट्विटर पर शुरू हुए इस जंग का आगाज भाजपा सांसद सुशील मोदी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर हमला करने से शुरू किया। सुशील मोदी ने जदयू पर हमला करते हुए कहा, "सिताब दियारा लाला का टोला, जो जेपी का जन्म स्थान है। वहां नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा 4.72 करोड़ की लागत से जेपी के राष्ट्रीय स्मारक का निर्माण हुआ है। अमित शाह 11 अक्टूबर को वहां जेपी की मूर्ति का अनावरण करेंगे। जदयू अमित शाह से इतना क्यों डरता है?"
जेपी जयंती के कार्यक्रम में जदयू भला अपनी आलोचना किस प्रकार सहन करती और वो भी अपने कटु आलोचक सुशील मोदी के द्वारा। लिहाजा जदयू की ओर से राष्ट्रीय प्रमुख ललन सिंह ने ट्विटर पर जदयू हमले की कमान संभाली और सुशील मोदी से जेपी के गांव सिताब दियारा की यूपी सीमा में कार्यों की शिथिलता के लिए भाजपा की योगी सरकार को कटघरे में खड़ा करते हुए सुशील मोदी से ट्वीट करते पूछा, "वाह सुशील जी!, 4.72 करोड़ की लागत पर अपनी पीठ ख़ुद थपथपा रहे हैं। सवाल बस इतना है कि बिहार की नीतीश सरकार ने सिताब दियारा में 150 करोड़ से ज़्यादा खर्च किए और उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार का काम अब तक अधूरा क्यों है? बस इतना सा ही जवाब चाहिए आपसे"
वाह सुशील जी...!
— Rajiv Ranjan (Lalan) Singh (@LalanSingh_1) October 10, 2022
4.72 करोड़ की लागत पर अपनी पीठ ख़ुद थपथपा रहे हैं। सवाल बस इतना है कि बिहार की @NitishKumar सरकार ने सिताब दियारा में 150 करोड़ से ज़्यादा खर्च किए और उत्तर प्रदेश की @myogiadityanath सरकार का काम अबतक अधूरा क्यों है ?
बस इतना 👆 ही जवाब चाहिए आपसे...! https://t.co/ThWSTY73U1
मालूम हो कि 11 अक्टूबर को जय प्रकाश नारायण की जयंती है। साल 1975 में इंदिरा गांधी सरकार की कथित ज्यादतियों के खिलाफ संपूर्ण क्रांति का नारा देने वाले जेपी ने तत्कालीन सरकार के खिलाफ जो आंदोलन खड़ा किया था। उसी आंदोलन की उपज लालू प्रसाद यादव, सुशील मोदी, रवि शंकर प्रसाद और नीतीश कुमार जैसे नेता आज उनकी विरासत को संभालने का दावा कर रहे हैं। लेकिन परस्पर विरोधी दल की प्रतिबद्धता के कारण ये नेता आपस में ही एक-दूसरे को निशाना बनाते रहते हैं और जेपी के नाम पर भी एक-दूसरे पर हमला करने से नहीं चूकते हैं।