राहुल गांधी को झटका, 'मोदी सरनेम' मानहानि केस में सजा पर रोक की याचिका को सूरत की कोर्ट ने किया खारिज
By विनीत कुमार | Published: April 20, 2023 11:20 AM2023-04-20T11:20:40+5:302023-04-20T12:44:39+5:30
राहुल गांधी की उस याचिका को सूरत की सत्र अदालत ने खारिज कर दिया है जिसमें उन्होंने 'मोदी सरनेम' मानहानि केस में दोषसिद्धि और सजा पर रोक लगाने की मांग की थी। राहुल गांधी अब हाई कोर्ट में मामले को लेकर जा सकते हैं।
सूरत: कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को सूरत की सेशंस कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। 'मोदी सरनेम' आपराधिक मानहानि मामले में दोषी करार दिए गए राहुल गांधी की उस याचिका को सूरत की कोर्ट ने खारिज कर दिया है जिसमें उन्होंने अपनी दोषसिद्धि और सजा पर रोक लगाने की मांग की थी।
इससे पहले अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश आर. पी. मोगेरा की अदालत ने पिछले गुरुवार को राहुल गांधी की याचिका पर फैसला 20 अप्रैल तक सुरक्षित रख लिया था। पिछले महीने 23 मार्च को सूरत की एक निचली अदालत ने भाजपा के विधायक पूर्णेश मोदी द्वारा दायर आपराधिक मानहानि के मामले में राहुल गांधी को दोषी करार दिया था और दो साल जेल की सजा सुनाई थी। इसके एक दिन बाद ही उन्हें लोकसभा की सदस्यता से अयोग्य करार दिया गया था।
इसके बाद राहुल ने निचली अदालत के आदेश के खिलाफ तीन अप्रैल को सत्र अदालत का रुख किया। उनके वकीलों ने दो आवेदन दाखिल किए थे जिनमें एक सजा पर रोक के लिए और दूसरा अपील के निस्तारण तक दोषी ठहराये जाने पर स्थगन के लिए था।
राहुल गांधी की याचिका खारिज, अब सामने क्या है विकल्प
राहुल गांधी की याचिका खारिज होने के साथ ही ये साफ हो गया है कि उनकी संसद सदस्यता अभी बहाल नहीं हो सकती है। ऐसे में राहुल गांधी के लिए अगला रास्ता हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाने का होगा। इससे पहले लक्षद्वीप के सांसद मोहम्मद फैसल का ही ऐसा ही एक मामला सामने आया था। उन्हें हत्या के प्रयास में निचली अदालत ने दोषी ठहराते हुए 10 साल की सजा सुनाई थी। हालांकि बाद में उन्होंने केरल हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया और वहां उनकी सजा पर रोक लग गई थी। इसके बाद उनकी संसद सदस्यता बहाल हो गई थी।
निचली अदालत ने कांग्रेस नेता को कर्नाटक के कोलार में 2019 के दौरान एक चुनावी रैली में की गई उनकी टिप्पणी ‘सभी चोरों का मोदी उपनाम कैसे हो सकता है’ के लिए दोषी ठहराते हुए दो साल कैद की सजा सुनाई थी।