उच्चतम न्यायालय का कोविड-19 संबंधी आलोचनात्मक खबरों को लेकर प्राधिकारियों के दृष्टिकोण पर कटाक्ष

By भाषा | Updated: May 31, 2021 17:11 IST2021-05-31T17:11:28+5:302021-05-31T17:11:28+5:30

Supreme Court takes a dig at authorities' approach to critical news related to Kovid-19 | उच्चतम न्यायालय का कोविड-19 संबंधी आलोचनात्मक खबरों को लेकर प्राधिकारियों के दृष्टिकोण पर कटाक्ष

उच्चतम न्यायालय का कोविड-19 संबंधी आलोचनात्मक खबरों को लेकर प्राधिकारियों के दृष्टिकोण पर कटाक्ष

नयी दिल्ली, 31 मई उच्चतम न्यायालय ने कोविड-19 संबंधी मामलों को लेकर मीडिया द्वारा आलोचनात्मक खबरें दिखाए जाने का कड़ा संज्ञान लेने पर प्राधिकारियों पर कटाक्ष करते हुए सोमवार को सवाल किया कि क्या नदी में शव फेंके जाने की खबर दिखाने वाले समाचार चैनल के खिलाफ राजद्रोह का मामला दर्ज किया गया है या नहीं?

न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली पीठ के समक्ष संक्रमण के कारण मारे गए शवों का गरिमा के साथ अंतिम संस्कार किए जाने का मामला उठा। इस पर न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने कहा, ‘‘हमने नदी में शव फेंके जाने की एक तस्वीर देखी। मुझे नहीं पता कि यह दिखाने वाले समाचार चैनल के खिलाफ राजद्रोह का मामला दर्ज किया गया है या नहीं।’’

शीर्ष अदालत ने इससे पहले कोविड-19 संबंधी समस्याओं के लिए सोशल मीडिया के जरिए मदद मांगने वालों के खिलाफ आपराधिक शिकायत दर्ज किए जाने पर कड़ी आपत्ति जताई थी और वैश्विक महामारी से निपटने के तरीके को लेकर सरकार की आलोचना की थी।

शीर्ष अदालत कोविड-19 मरीजों को आवश्यक दवाओं, टीकों और चिकित्सकीय ऑक्सीजन की आपूर्ति से संबंधित मामले पर स्वत: संज्ञान लेकर सुनवाई कर रही है। इस मामले की सुनवाई के दौरान वरिष्ठ वकील और न्यायमित्र मीनाक्षी अरोड़ा ने संक्रमण के कारण जान गंवाने वाले लोगों के शवों का गरिमा के साथ अंतिम संस्कार नहीं किए जाने का मामला उठाया।

न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव और न्यायमूर्ति एस रवींद्र भट भी इस पीठ का हिस्सा है।

विशेष पीठ की सहायता कर रही अरोड़ा ने कहा, ‘‘श्मशानघाट और कब्रिस्तान सरकार के विषय हैं, लेकिन हमने देखा है कि संक्रमण के कारण जान गंवाने वाले लोगों के शवों का गरिमा के साथ अंतिम संस्कार नहीं किया जा रहा। यह दुर्भाग्य की बात है कि हमारे पास बड़ी संख्या में श्मशानघाट हैं, जो बंद पड़े हैं।’’

उन्होंने कहा कि संक्रमण फैलने के भय के अलावा एक समस्या यह है कि गरीब लोग शवों का अंतिम संस्कार नहीं कर पाते, क्योंकि उन्हें यह ‘‘महंगा’’ लगता है।

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Web Title: Supreme Court takes a dig at authorities' approach to critical news related to Kovid-19

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