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अफजाल अंसारी की दोषसिद्धि पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगाई, संसद सदस्यता होगी बहाल, शर्तो के साथ लगाई गई सजा पर रोक

By शिवेन्द्र कुमार राय | Updated: December 14, 2023 14:38 IST

सुप्रीम कोर्ट में न्यायमूर्ति सूर्यकांत, न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति उज्जल भुइयां की पीठ ने बहुमत के फैसले में कहा कि उत्तर प्रदेश के गाजीपुर निर्वाचन क्षेत्र से पूर्व सांसद अंसारी लोकसभा में अपना वोट नहीं डालेंगे और न ही कोई भत्ता प्राप्त करेंगे, लेकिन सदन की कार्यवाही में भाग ले सकते हैं।

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ठळक मुद्देपूर्व बसपा सांसद अफजाल अंसारी की दोषसिद्धि पर रोकअफजाल उत्तर प्रदेश की गाजीपुर लोकसभा सीट से सांसद थेसदन की कार्यवाही में भाग ले सकते हैं

नई दिल्ली:  सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को 2007 गैंगस्टर्स एक्ट मामले में पूर्व बसपा सांसद अफजाल अंसारी की  दोषसिद्धि पर रोक लगा दी है। सजा सुनाए जाने के समय अफजाल उत्तर प्रदेश की गाजीपुर लोकसभा सीट से सांसद थे। अब सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद उनकी संसद सदस्यता एक बार फिर बहाल हो सकती है। शीर्ष अदालत ने अफजाल अंसारी की  दोषसिद्धि पर रोक शर्तो के साथ लगाई है। 

सुप्रीम कोर्ट में न्यायमूर्ति सूर्यकांत, न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति उज्जल भुइयां की पीठ ने बहुमत के फैसले में कहा कि उत्तर प्रदेश के गाजीपुर निर्वाचन क्षेत्र से पूर्व सांसद अंसारी लोकसभा में अपना वोट नहीं डालेंगे और न ही कोई भत्ता प्राप्त करेंगे, लेकिन सदन की कार्यवाही में भाग ले सकते हैं। 

शीर्ष अदालत ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय को पूर्व सांसद की दोषसिद्धि और सजा के खिलाफ उनकी आपराधिक अपील का निपटारा 30 जून, 2024 तक करने का भी निर्देश दिया। शीर्ष अदालत ने 31 अक्टूबर को मामले में अपनी दोषसिद्धि को निलंबित करने की मांग करने वाली अंसारी की याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।

बता दें कि साल 2029 में सपा-बसपा गठबंधन के उम्मीदवार के तौर पर बसपा के टिकट पर लड़े अफजाल ने तत्कालीन रेल राज्य मंत्री मनोज सिन्हा को हरा दिया था। अफजाल अंसारी को गाजीपुर की एमपी-एमएलए कोर्ट ने गैंगस्टर एक्ट के एक मामले में  दोषी करार देते हुए चार साल की सजा सुनाई थी।

इस मामले में अफजाल की अपील पर इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने 24 जुलाई को दोषसिद्धि को निलंबित करने से इनकार कर दिया लेकिन मामले में अंसारी को जमानत दे दी। गाजीपुर की विशेष अदालत ने 29 अप्रैल को 2007 के गैंगस्टर एक्ट मामले में अंसारी और उनके भाई पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी को दोषी ठहराया था। अफजाल अंसारी को चार साल जेल की सजा सुनाते हुए मुख्तार अंसारी को 10 साल कैद की सजा सुनाई गई।

दोनों भाइयों पर 29 नवंबर, 2005 को गाजीपुर के तत्कालीन भाजपा विधायक कृष्णानंद राय की हत्या और 1997 में वाराणसी के व्यापारी नंद किशोर रूंगटा के अपहरण और हत्या के सिलसिले में यूपी गैंगस्टर एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया था। अपहरण-हत्या मामले में दोषी ठहराए जाने और सजा सुनाए जाने के बाद अफजल अंसारी को 1 मई को लोकसभा सदस्य के रूप में अयोग्य घोषित कर दिया गया था।

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