हरियाणा सरकार को राहत: सुप्रीम कोर्ट ने निजी क्षेत्र की नौकरियों में 75% आरक्षण रखने के कानून पर हाईकोर्ट की रोक को किया रद्द
By मनाली रस्तोगी | Published: February 17, 2022 12:11 PM2022-02-17T12:11:45+5:302022-02-17T12:18:07+5:30
सुप्रीम कोर्ट ने हरियाणा में पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट के उस आदेश को रद्द कर दिया है, जिसमें स्थानीय उम्मीदवारों के लिए प्राइवेट सेक्टर की नौकरियों में 75 फीसदी आरक्षण प्रदान करने के हरियाणा सरकार के कानून पर रोक लगाई गई थी।
नई दिल्ली:सुप्रीम कोर्ट से हरियाणा सरकार को बड़ी राहत मिली है। दरअसल, आज सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट के उस आदेश को रद्द कर दिया है, जिसमें स्थानीय उम्मीदवारों के लिए प्राइवेट सेक्टर की नौकरियों में 75 फीसदी आरक्षण प्रदान करने के हरियाणा सरकार के कानून पर रोक लगाई गई थी। इसके साथ कोर्ट ने हाई कोर्ट से एक महीने के भीतर इस मुद्दे पर फैसला करने को कहा और राज्य सरकार को निर्देश दिया कि वह फिलहाल नियोक्ताओं के खिलाफ कोई कठोर कदम न उठाए।
SC sets aside Punjab & Haryana HC order staying the Haryana govt's law on providing 75% reservation in pvt sector jobs for local candidates; asks HC to decide on the issue within a month and direct State govt not to take any coercive steps against the employers for the time being pic.twitter.com/1NCMT20mhC
— ANI (@ANI) February 17, 2022
गौरतलब है कि कुछ दिनों पहले पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने हरियाणा सरकार के प्राइवेट नौकरियों में स्थानीय लोगों के लिए 75 फीसदी आरक्षण वाले कानून रोक लगा दी थी। इसके बाद हाईकोर्ट के फैसले को लेकर राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था। बता दें कि पिछले साल हरियाणा सरकार ने प्राइवेट नौकरियों में 75 फीसदी आरक्षण वाले कानून की अधिसूचना जारी की थी, जिसके बाद पूरे प्रदेश में यह नियम 15 जनवरी 2022 से लागू होना था।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, हरियाणा सरकार ने इस नियम के तहत राज्य के युवाओं को 30 हजार रुपये तक की सैलरी वाली निजी नौकरियों में 75 प्रतिशत आरक्षण का लाभ मिलना था। बताते चलें कि हरियाणा सरकार ने पिछले साल कहा था कि इस नए कानून के तहत सभी कंपनियां, सोसायटी, ट्रस्ट, लिमिटेड लायबिलिटी पार्टनरशिप फर्म, पार्टनरशिप फर्म और 10 या अधिक को रोजगार देने वाला कोई भी व्यक्ति और या संस्था इस अधिनियम के दायरे में लाया जाएगा।
यही नहीं, इस कानून में उद्योगपतियों के सुझावों पर कुछ बदलाव भी किए गए थे। रिपोर्ट्स के अनुसार, राज्य के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने कहा था कि यह नियम हजारों युवाओं के लिए रोजगार के नए रास्ते खोलेगा।