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सोशल मीडिया को लेकर सुप्रीम कोर्ट चिंतित, कहा-दुरुपयोग खतरनाक मोड़ पर पहुंचा, मोदी सरकार दे दखल

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: September 24, 2019 13:47 IST

न्यायालय ने कहा कि तकनीक खासकर सोशल मीडिया का दुरुपयोग खतरनाक मोड़ पर पहुंच चुका है और अब सरकार को इसमें दखल देना ही चाहिए।

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ठळक मुद्देन्यायालय ने कहा कि सोशल मीडिया पर संदेश, सामग्री उपलब्ध करवाने वाले का पता लगाना एक गंभीर मुद्दा है शीर्ष कोर्ट ने कहा, उच्चतम न्यायालय अथवा उच्च न्यायालय इस मुद्दे पर फैसला लेने में सक्षम नहीं हैं

उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को टिप्पणी की कि सोशल मीडिया ने ‘खतरनाक मोड़’ ले लिया है और देश में सोशल मीडिया के दुरूपयोग पर अंकुश लगाने के लिये निश्चित समय के भीतर दिशानिर्देश बनाने की आवश्यकता है।

न्यायालय ने केंद्र से कहा कि वह तीन सप्ताह के भीतर बताये कि इसके लिये दिशानिर्देश तैयार करने के लिये कितना समय चाहिए। न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता और न्यायमूर्ति अनिरूद्ध बोस की पीठ ने किसी संदेश या आनलाइन विवरण के जनक का पता लगाने में कुछ सोशल मीडिया मंचों की असमर्थता पर गहरी चिंता व्यक्त की और कहा कि अब इसमें सरकार को दखल देना चाहिए।

पीठ ने कहा कि शीर्ष अदालत या उच्च न्यायालय इस वैज्ञानिक मुद्दे पर निर्णय लेने में सक्षम नहीं है और इन मुद्दों से निबटने के लिये सरकार को ही उचित दिशानिर्देश बनाने होंगे।

न्यायालय ने कहा कि तकनीक खासकर सोशल मीडिया का दुरुपयोग खतरनाक मोड़ पर पहुंच चुका है और अब सरकार को इसमें दखल देना ही चाहिए। शीर्ष कोर्ट ने कहा, उच्चतम न्यायालय अथवा उच्च न्यायालय इस मुद्दे पर फैसला लेने में सक्षम नहीं हैं और सरकार ही है जो इस पर दिशा-निर्देश ला सकती है।

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