सुप्रीम कोर्ट ने कहा- 'प्यार में पड़ने के लिए किसी को सजा देना गंभीर अपराध', ऑनर किलिंग का 29 साल पुराना मामला

By विनीत कुमार | Published: January 7, 2021 02:39 PM2021-01-07T14:39:03+5:302021-01-07T15:05:08+5:30

साल 1991 के इस ऑनर किलिंग के मामले में दोषी ठहराये गए खाप पंचायत के पूर्व सदस्यों ने जमानत की मांग की थी। इसे लेकर सुप्रीम कोर्ट ने ये अहम टिप्पणी की है।

Supreme Court says punishing a person for falling in love is worst form of crime | सुप्रीम कोर्ट ने कहा- 'प्यार में पड़ने के लिए किसी को सजा देना गंभीर अपराध', ऑनर किलिंग का 29 साल पुराना मामला

प्यार में पड़ने के लिए किसी को सजा देना गंभीर अपराध: सुप्रीम कोर्ट (फाइल फोटो)

Highlightsमथुरा में 1991 में दो दलित लड़कों और एक लड़की को विभत्स तरीके से मौत के घाट उतार दिया गया थाखाप पंचायत के सदस्यों ने इन्हें मारने का आदेश दिया था, पेड़ से लटका दिए गए थे तीनोंदोनों लड़कों के गुप्तांग को इन्हें मारने से पहले जला दिया गया था, आठ दोषियों को मिली थी मौत की सजा, बाद में उम्र कैद में कोर्ट ने बदला था

देश में लव जिहाद पर छिड़ी बहस और कई राज्यों में इसे लेकर कानून को लेकर चल रही चर्चा के बीच सुप्रीम कोर्ट ने बड़ी टिप्पणी की है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि प्यार में पड़ने और एक दूसरे के साथ जीवन गुजारने की इच्छा रखने वाले को सजा देने एक अपराध है।

सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस एसए बोबडे ने मंगलवार को एक सुनवाई के दौरान कहा, 'प्यार में पड़ने के लिए आप किसी को सजा नहीं दे सकते हैं। ये सबसे खराब अपराधों में से एक है।'

तीन जजों की बेंच का नेतृत्व कर रहे चीफ जस्टिस ने ये बात 11 पूर्व खाप पंचायत सदस्यों को जमानत देने की अर्जी पर सुनवाई के दौरान कही। इन लोगों पर दोष है कि इन्होंने एक दलित शख्स, उसके चचेरे भाई और एक लड़की की हत्या का आदेश दिया।

इस मामले में एक लड़का दरअसल लड़की के साथ भाग गया था और चचेरे भाई ने दोनों को भागने में मदद की थी। लड़का-लड़की बाद में गांव ये सोच कर लौटे थे कि लोगों का गुस्सा कम हो गया होगा। हालांकि, इन्हें पकड़ा गया और एक पेड़ से लटका दिया गया। 

मथुरा ऑनर किलिंग मामला: मारने से पहले जला दिए गए थे लड़कों के गुप्तांग

यही नहीं, ये घटना इतनी विभत्स थी कि दोनों लड़कों के गुप्तांग को भी उन्हें मारने से पहले जला दिए गए थे। ये घटना 1991 में उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले के मेहराना गांव में हुई थी। 

इस घटना के बाद 8 आरोपियों को मौत की सजा सुनाई गई थी जबकि अन्य लोगों को उम्र कैद की सजा दी गई। बाद में इलाहाबाद हाई कोर्ट ने मौत की सजा हटाकर 2016 में उन्हें उम्र कैद का सजा सुनाई। 

बहरहाल, इन दोषियों ने स्वास्थ्य के आधार पर जमानत की मांग की है। कोर्ट ने ऐसे में आगरा और मथुरा सेंट्रल जेल के अधिकारियों को इन दोषियों से बात कर और उनके रिकॉर्ड सहित स्वास्थ्य रिपोर्ट की जांच कर दो हफ्ते में जमा कराने को कहा है।

कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि रिपोर्ट में दोषियों की शारीरिक और मानसिक स्थिति सहित ये बताया जाए कि उनकी रिहाई कोई समस्या पैदा करेगी। रिपोर्ट में कोर्ट ने यह भी बताने को कहा है कि यदि इन्हें रिहा किया जाता है तो क्या इन दोषियों की भी सुरक्षा कायम रहेगी। कोर्ट जमानत की याचिका पर अब दो हफ्ते बाद सुनवाई करेगी।

Web Title: Supreme Court says punishing a person for falling in love is worst form of crime

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