उच्चतम न्यायालय ने एफआरएल-रिलायंस सौदे के खिलाफ अमेजन की याचिका पर फैसला सुरक्षित रखा

By भाषा | Published: July 29, 2021 04:39 PM2021-07-29T16:39:34+5:302021-07-29T16:39:34+5:30

Supreme Court reserves order on Amazon's plea against FRL-Reliance deal | उच्चतम न्यायालय ने एफआरएल-रिलायंस सौदे के खिलाफ अमेजन की याचिका पर फैसला सुरक्षित रखा

उच्चतम न्यायालय ने एफआरएल-रिलायंस सौदे के खिलाफ अमेजन की याचिका पर फैसला सुरक्षित रखा

नयी दिल्ली, 29 जुलाई उच्चतम न्यायालय ने रिलायंस रिटेल के साथ फ्यूचर रिटेल लिमिटेड (एफआरएल) के विलय के लिए 24,713 करोड़ रुपए के सौदे के खिलाफ ई-कॉर्म्स कंपनी अमेजन की याचिकाओं पर बृहस्पतिवार को सुनवाई पूरी कर ली। न्यायालय इस पर अपना फैसला बाद में सुनायेगा कि सौदे पर रोक लगाने का सिंगापुर के आपातकालीन पंचाट (ईए) का फैसला भारतीय कानून के तहत वैध और लागू करने योग्य है या नहीं।

इस सौदे को लेकर अमेरिका की ई-कॉमर्स क्षेत्र की दिग्गज कंपनी अमेजनडॉटकॉम एनवी इन्वेस्टमेंट होंल्डिंग्स एलएलसी तथा एफआरएल कानूनी लड़ाई में उलझे हैं। अमेजन ने न्यायालय में कहा है कि सिंगापुर के आपातकालीन पंचाट (ईए) का एफआरएल को रिलायंस रिटेल के साथ विलय सौदे से रोकने का फैसला ‘वैध’ है और इसका क्रियान्वयन कराया जाना चाहिए।

इस मामले में वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे ने एफआरएल और वरिष्ठ वकील गोपाल सुब्रहमण्यम ने अमेजन की पैरवी करते हुए अपनी-अपनी दलीलें दीं, जिसके बाद न्यायमूर्ति आर एफ नरीमन और न्यायमूर्ति बी आर गवई की पीठ ने कहा, ‘‘तो अब हम मामला (सुनवाई) बंद करते हैं। फैसला सुरक्षित रखा जाता है।’’

शीर्ष अदालत ने अंतिम दलीलों पर सुनवाई 20 जुलाई को शुरू की थी। न्यायालय ने राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) को एफआरएल-आरआरएल के विलय सौदे के लिए नियामक अनुमोदन से संबंधित अंतिम आदेश पारित नहीं करने को कहा था।

पीठ ने कहा, ‘‘हम तय करेंगे कि क्या ईए का फैसला मध्यस्थता और सुलह अधिनियम की धारा 17 (एक) (जो मध्यस्थ न्यायाधिकरण के अंतरिम फैसले से संबंधित है) के अंतर्गत आता है और यदि हां, तो क्या इसे (अधिनियम की) धारा 17(दो) के तहत लागू किया जा सकता है।

अधिनियम के प्रावधान मध्यस्थ अधिकरण के आदेश के तहत अंतरिम कदमों से संबधित हैं और धारा 17 (एक) में कहा गया है, ‘‘जब तक पक्षकारों के बीच अन्यथा करार न हो, मध्यस्थ अधिकरण किसी पक्ष के अनुरोध पर किसी पक्षकार को संरक्षण के लिए ऐसा अंतरिम उपाय करने का आदेश दे सकता है, जिसे वह मध्यस्थ अधिकरण की विषयवस्तु के संबंध में आवश्यक समझता हो।’’

धारा 17 (2) में प्रावधान है कि मध्यस्थ अधिकरण, किसी पक्षकार से उपधारा (1) के अधीन आदेश में बताए गए उपाय के संबंध में समुचित सुरक्षा का उपबंध करने की अपेक्षा कर सकेगा।

साल्वे ने ईए के फैसले की वैधता और उसके क्रियान्वयन के योग्य होने संबंधी निर्णयों का जिक्र किया और कहा कि मध्यस्थता और सुलह पर भारतीय कानून के तहत ईए के संबंध में कोई प्रावधान नहीं है और किसी भी मामले में इस आशय का कोई मध्यस्थता समझौता नहीं है।

साल्वे ने ईए के फैसले को वैध बताने वाले दिल्ली उच्च न्यायालय के एकल न्यायाधीश के आदेश का जिक्र करते हुए कहा कि भारतीय कानून के तहत ईए के लिए कोई प्रावधान नहीं है।

दूसरी ओर, अमेजन ने पीठ से कहा कि फ्यूचर ग्रुप के बियानी परिवार ने कुछ समझौता करने के लिए उसके साथ बातचीत की थी और वह ईए के उस फैसले को मानने के लिए बाध्य हैं, जिसमें एफआरएल को रिलायंस रिटेल के साथ विलय के सौदे पर आगे बढ़ने से रोक लगायी गयी है। सुब्रमण्यम ने अपनी इस दलील को दोहराया कि ईए का फैसला भारत के मध्यस्थता एवं सुलह कानून के तहत वैध और लागू किए जाने योग्य है।

इसके जवाब में साल्वे ने कहा कि एफआरएल कहता रहा है कि ईए के पास आदेश पारित करने का कोई अधिकार नहीं है और दिल्ली उच्च न्यायालय भारतीय कानून बनाकर इसे लागू करने योग्य नहीं बना सकता।

उन्होंने पीठ से कहा, “प्राधिकारियों (निर्णयों) के एक समूह को उद्धृत किया गया है। क्या यह सुविधाजनक होगा, यदि हम प्रत्युत्तर में उद्धृत प्राधिकारियों को जवाब देने के लिए कल सुबह तक एक संक्षिप्त नोट दायर करें।’’ पीठ ने इस अनुरोध को स्वीकार कर लिया।

अमेजन ने किशोर बियानी और एफआरएल एवं फ्यूचर कूपन प्राइवेट लिमिटेड सहित 15 अन्य लोगों को सौदे को मंजूरी देने वाले दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती देने वाली याचिकाओं में पक्षकार बनाया है।

अमेजन ने रिलायंस-एफआरएल सौदे का रास्ता साफ करने वाले दिल्ली उच्च न्यायालय की खंडपीठ के फैसले को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी है।

पीठ ने आठ फरवरी को सौदे के संबंध में एकल न्यायाधीश के उस आदेश पर रोक लगा दी थी, जिसमें उन्होंने एफआरएल और विभिन्न वैधानिक निकायों से यथास्थिति बनाए रखने के लिए कहा था। पीठ ने एकल न्यायाधीश के दो फरवरी के आदेश को चुनौती देने वाली एफआरएल की याचिका पर सुनवाई के दौरान यह अंतरिम आदेश दिया था।

फ्यूचर समूह ने पिछले साल अगस्त में अपनी खुदरा, थोक बिक्री, साजो सामान और गोदाम इकाइयों को रिलायंस को बेचने का समझौता किया था। इसके बाद अमेजन फ्यूचर समूह द्वारा अनुबंध के कथित उल्लंघन का मामला ईए में लेकर गई थी।

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Web Title: Supreme Court reserves order on Amazon's plea against FRL-Reliance deal

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