कृषि कानून पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा- प्रदर्शन का हक, सरकार से पूछा- क्या रोका जा सकता है कानूनों पर अमल
By स्वाति सिंह | Updated: December 17, 2020 15:11 IST2020-12-17T15:03:13+5:302020-12-17T15:11:51+5:30
किसान आंदोलन पर दाखिल याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान कोर्ट ने गुरुवार को कहा कि किसानों के 'राइट टू प्रोटेस्ट' के अधिकार में कटौती नहीं कर सकती है। लेकिन यह देखना होगा कि दूसरे नागरिकों के अधिकारों का उल्लंघन न हो।

SC दिल्ली की सीमाओं पर लंबे समय से किसानों के आन्दोलन की वजह से आवागमन में हो रही दिक्कतों को लेकर दायर याचिकाओं पर सुनवाई कर रहा है।
नयी दिल्ली:सुप्रीम कोर्ट ने बृहस्पतिवार को कहा कि किसानों को अहिंसक तरीके से विरोध प्रदर्शन करने का अधिकार है। साथ ही न्यायालय ने कहा कि वह इन विवादास्पद कृषि कानूनों के संबंध में कृषि विशेषज्ञों, किसान यूनियनों के प्रतिनिधियों की एक निष्पक्ष तथा स्वतंत्र समिति गठित करने पर विचार कर रहा है।
प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबडे, न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना और न्यायमूर्ति वी रामासुब्रमणियन की पीठ ने कहा कि इस समिति में पी साइनाथ जैसे विशेषज्ञों और सरकार तथा किसान संगठनों के प्रतिनिधियों को शामिल किया जायेगा जो इन कानूनों को लेकर व्याप्त गतिरोध का हल खोजेंगे। पीठ ने कहा, ‘‘हम मानते हैं कि किसानों को विरोध प्रदर्शन का अधिकार है लेकिन यह अहिंसक होना चाहिए।’’
Farm laws: CJI says notice has to go all protesting farmers' bodies & suggests that case to be placed before a vacation bench of the court during winter break.
— ANI (@ANI) December 17, 2020
AG says notice has to be served to all the farmers' representatives who have been part of the government talks so far https://t.co/3TFcmb5ej4
वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से सुनवाई के दौरान न्यायालय ने कहा कि विरोध प्रदर्शन का मकसद तभी हासिल किया जा सकेगा जब किसान और सरकार बातचीत करें और ‘‘हम इसका अवसर प्रदान करना चाहते हैं।’’ इस मामले की सुनवाई शुरू होते ही पीठ ने स्पष्ट किया , ‘‘हम कानून की वैधता पर आज फैसला नहीं करेंगे। हम सिर्फ विरोध प्रदर्शन और निर्बाध आवागमन के मुद्दे पर ही फैसला करेंगे।’’
Farm laws: Supreme Court asks Centre to explore the possibility of putting legislations on hold.
— ANI (@ANI) December 17, 2020
Supreme Court asks the Attorney General if the government can assure the Court that it will not take any executive action on implementation of the law till the court hears the matter pic.twitter.com/drdupu0fV3
न्यायालय दिल्ली की सीमाओं पर लंबे समय से किसानों के आन्दोलन की वजह से आवागमन में हो रही दिक्कतों को लेकर दायर याचिकाओं पर सुनवाई कर रहा है। इन याचिकाओं में दिल्ली की सीमाओं से किसानों को हटाने का अनुरोध किया गया है।