प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा के खिलाफ विद्रोही रुख अख्तियार करने वाले चार न्यायाधीशों में से एक न्यायमूर्ति कुरियन जोसेफ ने शनिवार को कहा कि शीर्ष न्यायालय में कोई भी संवैधानिक संकट नहीं है और जो मुद्दे उन लोगों ने उठाए हैं वह सुलझते दिख रहे हैं। न्यायामूर्ति जोसेफ ने कहा, "हमने एक उद्देश्य के लिए ऐसा किया था और मेरे विचार से यह मुद्दा सुलझता दिख रहा है। यह किसी के खिलाफ नहीं था और न ही इसमें हमारा कुछ निजी स्वार्थ था। यह सर्वोच्च न्यायालय में ज्यादा पारदर्शिता लाने के उद्देश्य से किया गया था।" उन्होंने हालांकि इस बारे में विस्तार से नहीं बताया।
उन्होंने कोच्चि में पत्रकारों से कहा कि मामले में बाहर कुछ बताने की जरूरत नहीं है। यह संस्था की आंतरिक समस्या है। संस्था इसे सुलझा लेगी। जरूरी यह है कि संस्था उन बदलावों को स्वतः कर ले, जिनकी आवश्यकता है।
यह पूछे जाने पर कि क्या आपको लगता है कि न्यायाधीशों को अपनी शिकायत इस तरह सार्वजनिक नहीं करनी चाहिए थी, पर उन्होंने कहा, "कोई समस्या है, कोई भी दोनों पक्षों को देख सकता है। हमें जो भी कहना था हमने पत्र में लिख दिया था।"
इस मुद्दे से राष्ट्रपति को अवगत नहीं कराए जाने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, "राष्ट्रपति केवल नियुक्ति अधिकारी (अपाइंटिंग अथॉरिटी) हैं।"