सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल सरकार पर लगाया 20 लाख रुपये का जुर्माना, फिल्म प्रदर्शन पर रोक से जुड़ा है मामला
By विनीत कुमार | Published: April 11, 2019 12:02 PM2019-04-11T12:02:34+5:302019-04-11T12:04:32+5:30
इस फिल्म में राज्य की सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस पार्टी समेत दूसरी राजनीतिक पार्टियों पर तंज कसा गया था। यह फिल्म पिछले ही महीने रिलीज भी हुई थी।
सुप्रीम कोर्ट ने व्यंग्यात्मक बंगाली फिल्म ‘भविष्योत्तर भूत’ के सार्वजनिक प्रदर्शन पर रोक लगाने के मामले में पश्चिम बंगाल सरकार पर 20 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में गुरुवार को सुनवाई करते हुए कहा कि 20 लाख रुपये निर्माताओं और सिनेमा हॉल मालिकों को दिए जाएंगे।
दरअसल, इस फिल्म में राज्य की सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस पार्टी समेत दूसरी राजनीतिक पार्टियों पर तंज कसा गया था। यह फिल्म पिछले ही महीने रिलीज भी हुई थी लेकिन फिर इसे एक दिन बाद भी राज्य भर के सिनेमा हॉल से हटा दिया गया। इस फिल्म के निर्देश अनित दत्त हैं जिन्होंने दावा किया था कि राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के इशारे पर ही सिनेमा हॉल से यह फिल्म हटाई गई थी। बता दें कि फिल्म के एक दिन लगने के बाद सिनेमा हॉल से हटाये जाने का स्थानीय स्तर पर भी खूब विरोध हुआ था।
SC imposes a fine of Rs 20 lakh on West Bengal for obstructing the smooth screening of film ‘Bhobishyoter Bhoot’.A Bench headed by Justice DY Chandrachud directs West Bengal to give Rs20 lakh to the producer&theatre owners for violation of their rights of free speech&expression pic.twitter.com/wKEzoVmb1V
— ANI (@ANI) April 11, 2019
कोर्ट ने 15 मार्च को ममता बनर्जी सरकार को यह सुनिश्चित करने का आदेश दिया था कि फिल्म का प्रदर्शन किसी भी तरह से बाधित नहीं होना चाहिए और न ही इसकी स्क्रीनिंग पर किसी प्रकार की बंदिश लगायी जानी चाहिए। इसके अलावा, कोर्ट ने पश्चिम बंगाल सरकार के मुख्य सचिव, प्रधान सचिव, गृह विभाग और पुलिस महानिदेशक को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया था कि फिल्म के प्रदर्शन के दौरान सुरक्षा के पर्याप्त बंदोबस्त किये जायें।
कोर्ट ने राज्य सरकार को यह भी सुनिश्चित करने का निर्देश दिया था कि दर्शकों और वहां आने वालों को किसी प्रकार का खतरा नहीं हो और जिन सिनेमाघरों में फिल्म का प्रदर्शन चल रहा है उनकी संपत्ति को किसी प्रकार के नुकसान का खतरा नहीं होना चाहिए।
सेंसर बोर्ड ने 19 नवंबर, 2018 को इस फिल्म को सार्वजनिक प्रदर्शन के लिये यू/ए प्रमाण पत्र दिया है। सुप्रीम कोर्ट में याचिका के अनुसार इस फिल्म को अधिकांश सिनेमाघरों ने हटा दिया गया है और इस समय 48 सिनेमाघरों में से सिर्फ दो में ही यह फिल्म दिखाई जा रही है। यह फिल्म प्रदर्शन के एक दिन बाद ही 16 फरवरी को एक पर्दे वाले सिनेमाघरों और मल्टीप्लेक्स से उतार ली गयी थी।
इस फिल्म में भूतों का एक समूह एक शरणार्थी शिविर में इकट्ठा होता है और वर्तमान समय में प्रासंगिक होने का प्रयास करता है। इन भूतों में राजनेता भी शामिल हैं।
(भाषा इनपुट भी)