सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की छेड़छाड़ (मॉर्फ) से तैयार की गयी तस्वीर सोशल मीडिया पर साझा करने के आरोप में गिरफ्तार भाजपा की महिला कार्यकर्ता प्रियंका शर्मा को मंगलवार को जमानत दे दी। सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि तस्वीर से छे़ड़छाड़ करने के लिए माफी मांगनी चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने प्रियंका को जमानत देते हुए कहा, 'उन्हें तत्काल रिहा किया जाए। रिलीज के समय, वह लिखित में माफीनामा देंगी।'
हालांकि, बाद में सुप्रीम कोर्ट ने माफी मांगने की शर्त हटा दी। प्रियंका शर्मा को 10 मई को गिरफ्तार किया गया था। कोर्ट ने साथ ही पश्चिम बंगाल पुलिस को भी प्रियंका को हिरासत में लिये जाने के तरीके पर नोटिस जारी किया।
प्रियंका शर्मा की ओर से इस मामले में पैरवी कर रहे सीनियर वकील एनके कॉल ने हालांकि दलील दी कि माफी मांगना अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का हनन होगा। एनके कॉल ने मांग की फिलहाल जमानत दी जाए और वे माफीनामे पर प्रियंका से बात करेंगे।
इससे पहले इस मामले पर जस्टिस इंदिरा बनर्जी और न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की वैकेशन बेंच ने सोमवार को इस पर सुनवाई की सहमति दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने माना कि प्रियंका शर्मा की याचिका पर शीघ्र सुनवाई की आवश्यकता है।
प्रियंका शर्मा को तृणमूल कांग्रेस के नेता विभास हाजरा की शिकायत पर पश्चिम बंगाल पुलिस ने भारतीय दंड संहिता की धारा 500 (मानहानि) और सूचना प्रौद्योगिकी कानून के तहत 10 मई को गिरफ्तार किया था। एन के कौल ने कहा था कि पश्चिम बंगाल में स्थानीय अदालतों में 14 मई तक पूर्ण हड़ताल होने के कारण ही भाजपा की गिरफ्तार इस कार्यकर्ता को अपनी गिरफ्तारी को चुनौती देने के लिए शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाना पड़ा।
इसके बाद पीठ इस मामले की मंगलवार को सुनवाई के लिये तैयार हो गयी। भाजपा युवा मोर्चा की नेता प्रियंका शर्मा ने फेसबुक पर एक ऐसी फोटो कथित रूप से साझा की थी जिसमें न्यूयॉर्क में ‘मेट गाला’ समारोह में अभिनेत्री प्रियंका चोपड़ा की तस्वीर में फोटोशॉप के जरिए ममता का चेहरा लगाया गया था। प्रियंका शर्मा की गिरफ्तारी के बाद भाजपा और सोशल मीडिया के अन्य यूजर ने इसका जोरदार विरोध किया है।
(भाषा इनपुट के साथ)