सुप्रीम कोर्ट को मिले दो नए जज, मणिपुर से नियुक्ति पाने वाले पहले जस्टिस बने एन कोटिश्वर सिंह
By आकाश चौरसिया | Updated: July 16, 2024 15:17 IST2024-07-16T15:08:59+5:302024-07-16T15:17:34+5:30
देश के सर्वोच्च न्यायालय को दो नए जज मिल गए हैं, जिनके नाम पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मुहर लगाई। इस बात की जानकारी खुद केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने सोशल मीडिया के जरिए दी।

फोटो क्रेडिट- (एक्स)
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट को दो नए जज मिल गए हैं, जिनके नाम पर मुहर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने लगाई है। नियुक्त हुए दोनों नए जजों के नाम जस्टिस एन. कोटिश्वर सिंह और जस्टिस महादेवन है। इस बात की घोषणा देश के कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने आज सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' के जरिए दी।
सुप्रीम कोर्ट कोलिजियम ने पहले भी इन दोनों न्यायधीशों की पदोन्नति की सिफारिश की थी, इनके नामों पर मुहर लगना भी लगभगय तय था। दोनों नियुक्ति के बाद सुप्रीम कोर्ट में अब जजों की संख्या 34 हो गई है, जिसमें चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ भी शामिल हैं।
In exercise of the powers conferred by the Constitution of India, Hon’ble President, after consultation with Hon’ble Chief Justice of India, is pleased to appoint the following as
— Arjun Ram Meghwal (@arjunrammeghwal) July 16, 2024
Supreme Court Judges:- pic.twitter.com/OWQ9iGIooG
जस्टिस कोटिश्वर का मणिपुर से है पुराना रिश्ता
सुप्रीम कोर्ट में नियुक्त होने वाले जस्टिस एन कोटिश्वर सिंह पहले ऐसे जज हैं, जो मणिपुर से ताल्लुक रखते हैं। फिलहाल वो अभी जम्मू एंड कश्मीर एंड लद्दाख की हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस हैं। जस्टिस एन. कोटिश्वर सिंह मणिपुर के पहले महाधिवक्ता एन इबोटोम्बी सिंह के पुत्र हैं। कोटिश्वर सिंह किरोड़ी मल कॉलेज एंड कैंपस लॉ सेंटर, दिल्ली विश्वद्यालय के पूर्व छात्र हैं।
1986 में कोटिश्वर सिंह ने अपने करियर की शुरुआत की और वो वकील बने। वो जज बनने से पहले मणिपुर में एडवोकेट जनरल के रूप में भी सेवा दे चुके हैं। सिंह गुवाहटी हाई कोर्ट और मणिपुर हाईकोर्ट में भी अपनी वकालत का लोहा मनवा चुके हैं।
न्यायमूर्ति महादेवन वर्तमान में मद्रास उच्च न्यायालय के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश हैं। चेन्नई में जन्मे जस्टिस महादेवन मद्रास लॉ कॉलेज के पूर्व छात्र हैं। एक वकील के रूप में, वह 9,000 से अधिक मामलों में लड़ चुके हैं और उन्होंने तमिलनाडु सरकार के लिए अतिरिक्त सरकारी वकील (कर), अतिरिक्त केंद्र सरकार के स्थायी वकील और मद्रास उच्च न्यायालय में भारत सरकार के लिए वरिष्ठ पैनल वकील के रूप में भी काम किया है। उन्हें साल 2013 में मद्रास हाईकोर्ट के न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत किया गया था।