सुप्रीम कोर्ट ने जजों की नियुक्ति में हो रही देरी पर फिर तरेरी आंख, नाराज जस्टिस किशन कौल ने कहा, "मैं इस मामले को हर 10 दिन में उठाऊंगा"

By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: September 26, 2023 06:19 PM2023-09-26T18:19:47+5:302023-09-26T18:22:58+5:30

सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस सुधांशु धूलिया की बेंच ने हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में जजों की नियुक्ति और ट्रांसफर को लेकर हो रही देरी नाराजगी जताई है।

Supreme Court again frowns on the delay in appointment of judges, angry Justice Kishan Kaul said, "I will raise this matter every 10 days" | सुप्रीम कोर्ट ने जजों की नियुक्ति में हो रही देरी पर फिर तरेरी आंख, नाराज जस्टिस किशन कौल ने कहा, "मैं इस मामले को हर 10 दिन में उठाऊंगा"

फाइल फोटो

Highlightsएससी ने हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में जजों की नियुक्ति को लेकर हो रही देरी पर जताई नाराजगीकॉलेजियम के सिफारिशों के बावजूद केंद्र जजों की नियुक्ति में कर रहा है देरी जस्टिस किशन कौल ने कहा कि एक हाईकोर्ट में तो चीफ जस्टिस की नियुक्ति का मामला भी लटका पड़ा है

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने जजों के ट्रांसफर और नियुक्ति के संबंध में कॉलेजियम के सिफारिशों को संसोधित करने और अधिसूचित करने में केंद्र की ओर से हो रही देरी के खिलाफ दायर की गई एक याचिका पर मंगलवार को सुनवाई की। सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस सुधांशु धूलिया की बेंच ने हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में जजों की नियुक्ति और ट्रांसफर को लेकर हो रही देरी नाराजगी जताई।

समाचार वेबसाइट इंडिया टुडे के अनुसार जस्टिस किशन कौल ने मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि कॉलेजियम के सिफारिशों के बावजूद अभी तक 26 जजों का ट्रांसफर स्थानांतरण रूका हुआ है और यहां तक ​​कि एक हाईकोर्ट में तो चीफ जस्टिस की नियुक्ति का मामला लंबित है।

जस्टिस कौल ने जजों की नियुक्ति के बैकलॉग पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि नवंबर 2022 से विभिन्न हाईकोर्ट द्वारा 70 नाम भेजे गए हैं, लेकिन वे हम तक नहीं पहुंचे हैं।

उन्होंने कहा, “मैं इस मुद्दे को उठा रहा हूं क्योंकि जजों की रिक्तियां एक बड़ा गंभीर मुद्दा है। पिछले सात महीनों से हमें कोई नाम नहीं मिला है। कॉलेजियम से सिफारिशें की जाती हैं लेकिन उनकी नियुक्ति नहीं होती।”

जस्टिस कौल ने बेहद तल्ख लहजे में कहा, "एक हाईकोर्ट में तो चीफ जस्टिस सहित अन्य जजों की नियुक्तियां लंबित हैं। स्थिति तो यह है कि जो नाम कॉलेजियम द्वारा दोहराए गए हैं, वे भी आगे नहीं बढ़े हैं। मेरे पास डेटा है।”

जस्टिस कौल ने मामले की नियमित जांच का आश्वासन देते हुए कहा, "मेरे पास पूरा डेटा है। मैं बहुत कुछ कहना चाहता था, लेकिन चूंकि वकील एक हफ्ते का समय मांग रहे है, इसलिए मैं उन्हें समय दे रहा हूं। मैंने कुछ चीजें बहुत स्पष्ट कर दी हैं। हर 10 दिन पर मैं इस मामले को हर 10 दिन में उठाऊंगा।"

याचिका पर सुनवाई के दौरान वकील प्रशांत भूषण ने कोर्ट से जजों की नियुक्तियों में देरी के कारण उम्मीदवार अपने नाम वापस ले रहे हैं, यह बेहद चिंताजनक है। जस्टिस कौल ने कहा कि वह इस मुद्दे पर ज्यादा कुछ नहीं कह रहे हैं क्योंकि सरकार ने मामला देखने के लिए अतिरिक्त समय मांगा है।

प्रशांत भूषण ने केंद्र द्वारा कॉलेजियम द्वारा अनुशंसित उम्मीदवारों को अलग करने पर भी चिंता जताई। उन्होंने केंद्र के रवैये पर हमला करते हुए कहा, "यह अनिश्चित काल तक जारी नहीं रह सकता।"

जस्टिस कौल ने मामले की सुनवाई के लिए इस याचिका को 9 अक्टूबर के लिए सूचीबद्ध किया है।

Web Title: Supreme Court again frowns on the delay in appointment of judges, angry Justice Kishan Kaul said, "I will raise this matter every 10 days"

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