राफेल सौदे पर रोक लगाने की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट कर सकता है अगले हफ्ते सुनवाई

By लोकमत समाचार हिंदी ब्यूरो | Published: September 5, 2018 11:36 AM2018-09-05T11:36:30+5:302018-09-05T11:54:07+5:30

नरेंद्र मोदी सरकार ने फ्रांस की रक्षा कम्पनी डसॉल्ट एविएशन से 58 हजार करोड़ रुपये में 36 लड़ाकू विमानों खरीदने का सौदा किया है। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी लगातार राफेल सौदे में घोटाला किये जाने का आरोप लगा रहे हैं।

Superme Court may hear manoharlal sharma pil on stay on rafale deal | राफेल सौदे पर रोक लगाने की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट कर सकता है अगले हफ्ते सुनवाई

राफेल विमान के सौदे की बातचीत मनमोहन सिंह सरकार में शुरू हुई लेकिन अंतिम डील नरेंद्र मोदी सरकार में हुई। (ग्राफिक्स- देवेंद्र सिंह)

नई दिल्ली, 05 सितम्बर: सुप्रीम कोर्ट ने भारत और फ्रांस के बीच राफेल लड़ाकू विमानों की ख़रीद पर रोक लगाने से जुड़ी याचिका पर सुनवाई अगले हफ्ते कर सकता है। दिल्ली में रहने वाले वकील मनोहर लाल शर्मा ने जनहित याचिका (पीआईएल) दायर करके इस सौदे पर रोक लगाने का माँग की है।

58 हजार करोड़ रुपये का  राफेल सौदा विवादों से घिरा हुआ है। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमन पर इस सौदे में घोटाला करने का आरोप लगाया है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमन ने राफेल सौदे के लगे आरोपों से इनकार करते हुए कांग्रेस अध्यक्ष पर ग़लतबयानी का आरोप लगाया।

कांग्रेस का आरोप है कि नरेंद्र मोदी सरकार ने सरकारी कम्पनी एचएएल की जगह राफेल सौदा निजी कारोबारी अनिल अम्बानी की कम्पनी रिलायंस डिफेंस को दिलवाया है। नरेंद्र मोदी सरकार ने इन आरोपों से आरोप करते हुए राहुल पर जनता को गुमराह करने का आरोप लगाया है।

अनिल अम्बानी ने भी कांग्रेस के कई नेताओं और उसके अख़बार नेशनल हेरल्ड पर मानहानि का मुक़दमा दायर किया है। अम्बानी ने कांग्रेस को भेजे एक नोटिस में कांग्रेस नेताओं से अफ़वाह फैलाने का आरोप लगाते हुए इससे बाज़ आने की चेतावनी दी है। हालाँकि उसके बाद भी कांग्रेस नेता अनिल अम्बानी पर गम्भीर आरोप लगा रहे हैं।

क्या है राफेल सौदा

नरेंद्र मोदी सरकार ने फ्रांस की रक्षा कम्पनी डसॉल्ट एविएशन से 58 हजार करोड़ रुपये में 36 लड़ाकू विमानों खरीदने का सौदा किया है। 

राफेल अनेक भूमिकाएं निभाने वाला एवं दोहरे इंजन से लैस फ्रांसीसी लड़ाकू विमान है। राफेल विमानों को वैश्विक स्तर पर सर्वाधिक सक्षम लड़ाकू विमान माना जाता है।

मनमोहन सिंह सरकार का प्रस्तावित सौदा

प्रति राफेल विमान की कीमत का विवरण आधिकारिक तौर पर घोषित नहीं किया गया था, लेकिन तत्कालीन संप्रग सरकार ने संकेत दिया था कि सौदा 10.2 अरब अमेरिकी डॉलर का होगा। कांग्रेस ने प्रत्येक विमान की दर एवियोनिक्स और हथियारों को शामिल करते हुए 526 करोड़ रुपये (यूरो विनिमय दर के मुकाबले) बताई थी।

नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा किया गया सौदा

फ्रांस की अपनी यात्रा के दौरान, 10 अप्रैल 2018 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घोषणा की कि सरकारों के स्तर पर समझौते के तहत भारत सरकार 36 राफेल विमान खरीदेगी। घोषणा के बाद, विपक्ष ने सवाल उठाया कि प्रधानमंत्री ने सुरक्षा मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति की मंजूरी के बिना कैसे इस सौदे को अंतिम रूप दिया। मोदी और तत्कालीन फ्रांसीसी राष्ट्रपति फ्रांसवा ओलोंद के बीच वार्ता के बाद 10 अप्रैल, 2015 को जारी एक संयुक्त बयान में कहा गया कि वे 36 राफेल जेटों की आपूर्ति के लिए एक अंतर सरकारी समझौता करने पर सहमत हुए।

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