राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद पर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए अयोध्या में 2.77 एकड़ की पूरी विवादित जमीन राम लला को दी है। सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद से ही देश के नेताओं की प्रतिक्रिया आनी शुरू हो गई है। बीजेपी से लेकर कांग्रेस के नेताओं ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत किया है। राज्य सभा सांसद और बीजेपी के नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने भी ट्वीट कर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत किया है। लेकिन इसी के साथ उन्होंने विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के पूर्व अध्यक्ष अशोक सिंघल को मरणोपरांत भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारतरत्न देने की मांग की।
सुब्रमण्यम स्वामी ने ट्वीट किया, जीत के इस मौके पर अशोक सिंघल को याद करें। नमो (नरेंद्र मोदी) सरकार को तत्काल उन्हें भारतरत्न देने की घोषणा कर देनी चाहिए। राम मंदिर आंदोलन में सिंघल ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
सुब्रमण्यम स्वामी ने एक और ट्वीट करते हुए लिखा, 'भगवान ने जब मंदिर के पुनर्निर्माण की शुरुआत चाही, तभी यह फैसला दिया जा रहा है। जय श्री राम।'
जानिए किसने क्या-क्या कहा?
पीएम मोदी ने ट्वीट कर कहा, यह फैसला न्यायिक प्रक्रियाओं में जन सामान्य के विश्वास को और मजबूत करेगा। हमारे देश की हजारों साल पुरानी भाईचारे की भावना के अनुरूप हम 130 करोड़ भारतीयों को शांति और संयम का परिचय देना है। भारत के शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व की अंतर्निहित भावना का परिचय देना है।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि अयोध्या विवाद पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला सामाजिक ताने बाने को और मजबूत करेगा। मैं लोगों से शांति और सौहार्द बनाए रखने की अपील करता हूं।
मुस्लिम लॉ बोर्ड के वकील जफरयाब जिलानी ने कहा है कि हम सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सम्मान करते हैं लेकिन हम कोर्ट के फैसले से संतुष्ट नहीं है। हम वकील राजीव धवन से बात करके आगे का फैसला करेंगे और चुनौती के बारे में सोचेंगे। अगर सहमति बनी तो हम पूर्ण विचार याचिका दायर करेंगे।
क्या है अयोध्या विवाद पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला
राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद पर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए अयोध्या में 2.77 एकड़ की पूरी विवादित जमीन राम लला को दी है। अयोध्या विवाद पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला सर्वसम्मति यानी 5-0 से आया है। 5 सदस्यीय संविधान पीठ ने फैसला सुनाते हुए कहा है कि केंद्र सरकार एक ट्रस्ट बनाएगी जो मंदिर का निर्माण कराएगी। यह जमीन अभी केंद्र सरकार के पास रहेगी और बाद में ट्रस्ट को दी जाएगी। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार को सुन्नी वक्फ बोर्ड को 5 एकड़ की वैकल्पिक जमीन उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है।