भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने शुक्रवार (12 जनवरी) को सुप्रीम कोर्ट और कोलेजियम पर सवाल उठाने वाले सर्वोच्च न्यायलय के चार जजों जस्टिस जे चेलमेश्वर, जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस मदन लोकुर और जस्टिस कूरियन जोसेफ का समर्थन किया है। बीजेपी सांसद ने चारों जजों को ईमानदार बताते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मामले में हस्तक्षेप करने की अपील की है। स्वामी ने समाचार एजेंसी एएनआई से कहा, "हम उनकी (चार जजों की) आलोचना नहीं कर सकते, वो ईमानदार लोग हैं, जिन्होंने अपना कानूनी करियर का त्याग किया है, वो चाहते तो सीनियर एडवोकेट के तौर पर काफी पैसा बना सकते थे। हमें उनका सम्मान करना चाहिए। प्रधानमंत्री को ये सुनिश्चित करना चाहिए चारों जज और मुख्य न्यायाधीश आपस में सहमत हों और मामले आगे बढ़े। "
सुप्रीम कोर्ट के जजों द्वारा मीडिया से सीधे बात करने का ये अपनी तरह का पहला मामला बताया जा रहा है। नई दिल्ली में पत्रकारों को संबोधित करते हुए जस्टिस जे चेलमेश्वर ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट प्रशासन सही तरीके से नहीं चल रहा है। जस्टिस चेलमेश्वर ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में कुछ चीजें नियंत्रण के बाहर हो गई हैं। इसलिए उनके पास मीडिया में बात करने के अलावा कोई रास्ता नहीं बचा था। ये चारों जज सुप्रीम कोर्ट के सबसे वरिष्ठ पांच न्यायधीशों में शामिल हैं।
जस्टिस चेलमेश्वर ने मीडिया से कहा, "हम मुख्य न्यायाधीश (जस्टिस दीपक मिश्रा) से एक खास मुकदमे को लेकर मिले थे और हम उन्हें ये समझाने में नाकामयाब रहे कि हम सही हैं इसलिए हमारे पास देश के सामने आने के सिवा कोई विकल्प नहीं बचा था ताकि देश अपनी संस्थाओं का ख्याल रख सके।" जस्टिस चेलमेश्वर ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट प्रशासन में कई चीजें दुरुस्त नहीं चल रही हैं और पिछले कुछ महीने में कुछ अवांछित चीजें हुई हैं।
सुप्रीम कोर्ट के चार जजों द्वारा मीडिया को दिया गया लेटर-
जस्टिस चेलमेश्वर ने कहा, "हमने बहुत से अक्लमंद लोग देखें हैं लेकिन हम नहीं चाहते कि 20 साल बाद अक्लमंद लोग हमसे कहें कि हम चारों ने अपनी आत्मा बेच दी थी। हम इसे देश के प्रति अपनी जिम्मेदारी समझते हैं और हमने इसे निभाया है।"