सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा, "सीजेआई के शपथ ग्रहण में पीएम मोदी की गैर-हाजिरी जाहिर तौर पर अहंकार है"
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: November 9, 2022 03:36 PM2022-11-09T15:36:40+5:302022-11-09T15:50:55+5:30
सुब्रमण्यम स्वामी ने चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ के शपथग्रहण समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की गैर-हाजिर को ऐतिहासिक तौर पर अप्रत्याशित करार दिया है।
दिल्ली: सुब्रमण्यम स्वामी ने सुप्रीम कोर्ट के 50वें मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ के शपथग्रहण समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की गैर-हाजिरी को ऐतिहासिक तौर पर अप्रत्याशित करार देते हुए कड़ी आलोचना की है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुधवार को हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव में भाजपा के पक्ष में प्रचार के लिए राजधानी दिल्ली में नहीं है।
इसी मसले को मुद्दा बनाते हुए भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री सुब्रमण्यम स्वामी ने ट्वीट करते हुए कहा, "मेरे पास जो जानकारी है, उससे मैं इस निष्कर्ष पर पहुंचा हूं कि आज राष्ट्रपति भवन में सीजेआई के शपथ ग्रहण समारोह में मोदी की गैर-हाजिरी स्पष्ट तौर से उनके अहंकार को दर्शा रहा है। इसे तब तक भारतीय संविधान और गरिमा का अपमान समझा जाएगा, जब तक कि खुद मोदी स्पष्टीकरण देते हुए या फिर माफी मांगते हुए सामने नहीं आते हैं। उनके इस कृत्य की निंदा की जानी चाहिए।"
On the information I have, I conclude Modi’s absence from CJI Oath Taking Ceremony in the Rashtrapati Bhavan today obviously on hubris, is an affront to the Indian Constitution and Bharatiya Sanskar. Unless Modi comes up with an explanation or an apology his act be deplored.
— Subramanian Swamy (@Swamy39) November 9, 2022
जानकारी के मुताबिक चुनावी प्रचार में व्यस्त रहने के कारण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज हिमाचल प्रदेश का सघन दौरा कर रहे हैं। पीएम मोदी ने आज हिमाचल के कांगड़ा में विशाल रैली को संबोधित की। उसके बाद उन्होंने हमीरपुर के सुजानपुर में भी एक जनसभा में पहुंचे हैं।
वहीं दूसरी ओर देश की राजधानी दिल्ली में न्यायपालिका में बड़ा बदलाव रायसीन हिल्स पर उस समय हुआ, जब राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने धनंजय यशवंत चंद्रचूड़ को सर्वोच्च अदालत के 50वें मुख्य न्यायाधीश के तौर पर पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई।
जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ पूर्व चीफ जस्टिस यूयू ललित के रिटायर होने के बाद सुप्रीम कोर्ट के नये चीफ जस्टिस बने हैं। चीफ जस्टिस चंद्रचूड़ अगले दो सालों तक बतौर मुख्य न्यायाधीश सर्वोच्च अदालत में सेवाएं देंगे। बतौर मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ का कार्यकाल 10 नवंबर 2024 को समाप्त होगा।
मालूम हो कि ने सीजेआई चंद्रचूड़ के पिता वाईवी चंद्रचूड़ भी सुप्रीम कोर्ट के सबसे लंबे समय तक चीफ जस्टिस रहे हैं। उनका कार्यकाल लगभग 7 वर्षों का रहा था। जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने साल 2017 में अपने पिता चीफ जस्टिस वाईवी चंद्रचूड़ द्वारा 41 साल पहले ADM जबलपुर बनाम भारत राज्य के मामले में दिये आदेश को गलत बताया था।
साल में 1976 में चीफ जस्टिस वाईवी चंद्रचूड़ द्वारा दिया गया बहुचर्चित ADM जबलपुर बनाम भारत राज्य का फैसला इमर्जेंसी के दौर में सुप्रीम कोर्ट का सबसे कुख्यात फैसला माना जाता है। एडीएम जबलपुर केस में सुप्रीम कोर्ट ने 4-1 के बहुमत से राइट टु लाइफ यानी जीवन के अधिकार को निरस्त करने का फैसला दिया।
साल 2017 में 9 जजों की बेंच ने साल 1976 के उस फैसले को पुत्तास्वामी केस में पलटकर सुप्रीम कोर्ट पर लगे उस दाग को धोने का प्रयास किया था, उस फैसले को पलटने वालों में जस्टिस डीवाई चद्रचूड़ भी शामिल थे।