भारत सरकार के यूरोपियन यूनियन के सासंदों के एक प्रतिनिधिमंडल के जम्मू-कश्मीर के दौरे के लिए इजाजत देने पर राज्य सभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने सवाल खड़े किये हैं।
स्वामी ने एक ट्वीट कर कहा कि यह भारत की नीति के उलट है और सरकार को तत्काल इस दौरे को कैंसल कर देना चाहिए क्योंकि ये सही नहीं है। यूरोपियन यूनियन का 28 सदस्यों का प्रतिनिधिमंडल भारत दौरे पर है और कश्मीर दौरे से पहले सभी सदस्यों ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल से भी मुलाकात की है।
प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से भी मुलाकात की पुष्टि की गई है। साथ ही ये भी बताया गया है कि ये दल मंगलवार (29 अक्टूबर) को जम्मू-कश्मीर का दौरा करेगा। इस खबर के बाद सुब्रमण्यम स्वामी ने ट्वीट किया, 'मैं हैरान हूं कि विदेश मंत्रालय ने यूरोपियन यूनियन के सांसदों के लिए प्रबंध किये हैं (जबकि ये ईयू का आधिकारिक डेलिगेशन नहीं है) कि वो जम्मू-कश्मीर का दौरा कर सके। यह हमारी राष्ट्रीय नीति के खिलाफ है। मैं सरकार से गुजारिश करता हूं कि वह इस दौरे को रद्द करे क्योंकि ये गलत है।'
इससे पहले पीएम मोदी ने सोमवार को यूरोपियन यूनियन के सांसदों के साथ मुलाकात के दौरान कहा कि आतंकवाद का समर्थन या इसे बढ़ावा देने में सहयोग करने वालों के खिलाफ तत्काल सख्त कार्रवाई करने की जरूरत है।
पीएम मोदी ने साथ ही कहा, 'उम्मीद है कि जम्मू-कश्मीर सहित देश के अन्य हिस्सों में उनका (ईयू सांसदों) दौरा सफल रहे। कश्मीर का दौरा इस दल को सांस्कृतिक और धार्मिक और क्षेत्रीय विविधता को समझने में मदद करेगा। साथ ही वे विकास और क्षेत्र को लेकर सरकार की प्राथमिकता के नजरिये को भी समझ सकेंगे।'
बता दें कि राज्य से आर्टिकल 370 हटने के बाद ये किसी भी विदेशी प्रतिनिधनमंडल का पहला कश्मीर दौरा होगा। यूरोपियन यूनियन के सांसदों ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल से भी मुलाकात की। सूत्रों के अनुसार यूरोपियन यूनियन का संसदीय दल जम्मू-कश्मीर के प्रशासनिक अधिकारियों और श्रीनगर के स्थानीय लोगों से मुलाकात करेगा। यह दल जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल से भी मुलाकात कर सकता है।