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यूक्रेन से मेडिकल की पढ़ाई छोड़ भारत लौटे छात्रों की भूख हड़ताल, पीएम मोदी से लगाई मदद की गुहार

By शिवेंद्र राय | Updated: July 24, 2022 16:14 IST

रूस और यूक्रेन के बीच छिड़ी जंग के कारण पढ़ाई छोड़ देश वापस लौटे भारतीय छात्र अपनी मांगो को लेकर दिल्ली के रामलीला मैदान में 23 जुलाई से 27 जुलाई तक भूख हड़ताल पर हैं। छात्रों ने प्रधानमंत्री मोदी से गुहार लगाई है कि उन्हें देश के मेडिकल कॉलेजों में समायोजित किया जाए।

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ठळक मुद्देयूक्रेन से लौटे मेडिकल के छात्र भूख हड़ताल पर23 जुलाई से 27 जुलाई तक चलेगी भूख हड़तालदेश के मेडिकल कॉलेजों में समायोजित करने की मांग

नई दिल्ली: रूस और यूक्रेन के बीच पिछले पांच महीनों से जंग जारी है। इस युद्ध का बुरा असर पूरी दुनिया के साथ-साथ उन भारतीय छात्रों पर भी पड़ा है जो मेडिकल की पढ़ाई के लिए यूक्रेन गए थे। युद्ध के कारण इन छात्रों को अपनी पढ़ाई बीच में ही छोड़कर वापस भारत लौटना पड़ा था। अपना करियर बर्बाद होते देख इन छात्रों ने अब प्रधानमंत्री मोदी से गुहार लगाई है। युद्धग्रस्त यूक्रेन से लौटे मेडिकल छात्र भारतीय मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश की मांग को लेकर दिल्ली में पांच दिवसीय भूख हड़ताल कर रहे हैं। इन छात्रों ने अवसाद, चिंता और अन्य मानसिक मुद्दों का हवाला देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपना भविष्य बचाने के लिए कदम उठाने का अनुरोध किया है।

यूक्रेन में मेडिकल की पढ़ाई कर रहे छात्र मुहम्मद अकील रजा ने मीडिया से बात करते हुए कहा, "मैं सरकार से हमें भारत में समायोजित करने का अनुरोध करता हूं। सरकार को हमारी मदद करनी चाहिए। हमें प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी से बहुत उम्मीदें हैं।" मेडिकल की पढ़ाई बीच में ही छोड़कर भारत लौटे छात्र दिल्ली के रामलीला मैदान में अपनी मांगो के साथ भूख हड़ताल पर बैठे हैं। 23 जुलाई से शुरू हुआ ये प्रदर्शन 27 जुलाई तक चलेगा। इस प्रदर्शन में छात्रों के साथ उनके माता-पिता भी शामिल हैं।

रूस और यूक्रेन के बीच जंग छिड़ने के बाद यूक्रेन के विभिन्न मेडिकल कॉलेजों में पढ़ने वाले कम से कम 18,000 छात्र फरवरी में भारत लौट आए। अप्रैल में भी इन एमबीबीएस छात्रों के अभिभावकों ने सरकार के हस्तक्षेप की मांग को लेकर जंतर-मंतर पर धरना दिया था। इस संबंध में मार्च 2022 में सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका भी दायर की गई थी जिसमें यूक्रेन से लौटे छात्रों का भारत के मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश और उनकी पढ़ाई जारी रखने के मुद्दे पर निर्देश देने की मांग की गई थी। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) ने भी प्रधानमंत्री मोदी से भारतीय मेडिकल कॉलेजों में छात्रों को उनके शेष एमबीबीएस पाठ्यक्रमों के लिए समायोजित करने का अनुरोध किया है।

टॅग्स :रूस-यूक्रेन विवादनरेंद्र मोदीIndian Medical Associationसुप्रीम कोर्ट
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