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सुरक्षित भविष्य के लिए मजबूत संविधान की सख्त जरूरत: सोरेन

By भाषा | Updated: November 26, 2020 23:07 IST

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नेमरा (झारखंड) 26 नवंबर झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने बृहस्पतिवार को कहा कि देश में सुरक्षित भविष्य के लिए एक मजबूत संविधान की सख्त जरूरत है।

सोरेन ने रांची से लगभग 40 किलोमीटर दूर अपने पैतृक गांव नेमरा से संविधान दिवस के अवसर पर झालसा द्वारा आयोजित कार्यक्रम को डिजिटल के माध्यम से संबोधित करते हुए कहा कि राष्ट्र के सर्वांगीण विकास के लिए एक मजबूत संविधान की जरूरत है, जो सभी के हितों की रक्षा करे।

मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘मैं तो मानता हूं कि एक सशक्त संविधान की जितनी जरूरत मजदूरों, किसानों, ठेले-खोमचे वालों, दलितों, आदिवासियों और अल्पसंख्यकों को है, इसकी उतनी ही जरूरत राज्यपालों, न्यायाधीशों, मुख्यमंत्रियों और अधिकारियों को भी है।’’

उन्होंने कहा कि सभी के अधिकारों की रक्षा करने वाली किताब है संविधान। इसकी जरूरत पक्ष को भी है और विपक्ष को भी है।

उन्होंने कहा, ‘‘आज मैं झारखण्ड के मुख्यमंत्री के रूप में आपको संबोधित कर रहा हूं, पर देश के एक सामान्य नागरिक के रूप में भी हेमंत सोरेन के लिए संविधान एवं संविधान दिवस उतना ही उपयोगी है, इसलिए देश के भविष्य के लिए, सभी के सुरक्षित भविष्य के लिए एक मजबूत संविधान की सख्त जरूरत है।’’

सोरेन ने कहा, ‘‘संविधान दिवस के शुभ अवसर पर मैं राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, पंडित जवाहर लाल नेहरु, डॉ. राजेन्द्र प्रसाद, सरदार वल्लभ भाई पटेल, बाबा साहेब भीमराव आम्बेडकर, डॉ. जयपाल सिंह मुंडा, शहीद भगत सिंह जैसे चमत्कारी व्यक्तित्वों के साथ-साथ भगवान बिरसा मुंडा, अमर शहीद सिद्धो-कान्हो, नीलाम्बर-पीताम्बर, शेख भिखारी जैसे सपूतों के प्रति श्रद्धा सुमन अर्पित करता हूं।’’ मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘संविधान बने आज 71 वर्ष पूरे हो चुके हैं। मैं इस शुभ अवसर पर यह सोच कर आश्चर्यचकित हो रहा रहा हूं कि आजादी प्राप्ति के बाद का समय कितना चुनौतीपूर्ण रहा होगा?’’

उन्होंने कहा, ‘‘सभी रियासतों को एक करने के सरदार वल्लभ भाई पटेल के अद्भुत प्रयास को हम नमन करते हैं। इसके अलावा बाबा साहेब के नेतृत्व में एक ऐसे संविधान का निर्माण किया गया जिसे हर किसी ने स्वीकार किया। ये ऐसे कार्य थे, जिन्होंने वास्तव में आधुनिक भारत की नींव रखी।’’

सोरेन ने कहा, ‘‘आज हमारा देश एक है, सभी लोग एक साथ विकास की राह पर आगे बढ़ रहे हैं। आज हमारे पास विश्व का सिर्फ सबसे अच्छा संविधान ही नहीं है, बल्कि इसे सही ढंग से उपयोग में लाने का 71 साल का इतिहास भी है।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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