बिहार में शिक्षा विभाग का अजब कारनामा, सरकारी शिक्षकों का कर दिया गया ट्रांसफर निजी स्कूलों में, पुरुष शिक्षक को बना दिया शिक्षिका

By एस पी सिन्हा | Updated: June 24, 2025 19:09 IST2025-06-24T19:09:16+5:302025-06-24T19:09:16+5:30

पश्चिम चंपारण जिले में शिक्षा विभाग की तबादला सूची में हुई भारी गड़बड़ी के चलते कई सरकारी शिक्षकों का ट्रांसफर निजी स्कूलों में कर दिया गया और जब वे योगदान देने पहुंचे, तब जाकर असलियत का पता चला।

Strange feat of the education department in Bihar, government teachers were transferred to private schools, male teachers were made female teachers | बिहार में शिक्षा विभाग का अजब कारनामा, सरकारी शिक्षकों का कर दिया गया ट्रांसफर निजी स्कूलों में, पुरुष शिक्षक को बना दिया शिक्षिका

बिहार में शिक्षा विभाग का अजब कारनामा, सरकारी शिक्षकों का कर दिया गया ट्रांसफर निजी स्कूलों में, पुरुष शिक्षक को बना दिया शिक्षिका

पटना: बिहार में शिक्षा विभाग का अजब का कारनामा सामने आया है। इसमें पश्चिम चंपारण जिले में जहां कई सरकारी शिक्षकों का ट्रांसफर निजी स्कूलों में कर दिया गया तो वहीं दूसरी ओर मोतिहारी जिले में एक पुरुष शिक्षक को महिला शिक्षिका बनाकर प्रधानाध्यापक का प्रभार देने का निर्देश जारी कर दिया गया। राज्य में शिक्षा व्यवस्था को लेकर हैरान करने वाली खबर सामने आने के बाद विभाग इसको लेकर समीक्षा करने की बात कह रहा है। दरअसल, पश्चिम चंपारण जिले में शिक्षा विभाग की तबादला सूची में हुई भारी गड़बड़ी के चलते कई सरकारी शिक्षकों का ट्रांसफर निजी स्कूलों में कर दिया गया और जब वे योगदान देने पहुंचे, तब जाकर असलियत का पता चला।

घटना चनपटिया अंचल के चूहड़ी बाजार स्थित ‘लोयला मिडिल स्कूल’ से जुड़ी है, जो कि एक निजी विद्यालय है। यहां सरकारी स्कूलों में कार्यरत तीन शिक्षिकाओं को तबादले के आदेश के तहत भेज दिया गया। शिक्षिकाएं जब स्कूल में योगदान देने पहुंचीं, तो वहां के स्टाफ और वे खुद भी हैरान रह गईं कि यह सरकारी आदेश आखिर निजी स्कूल के लिए कैसे जारी हो गया? शिक्षा विभाग के अधिकारियों के अनुसार, तबादला सूची तैयार करते समय तकनीकी गलती या प्रशासनिक लापरवाही के कारण ऐसा हुआ है। अब विभागीय अधिकारी इस सूची को दुरुस्त करने के लिए ऊपर से मार्गदर्शन मांग रहे हैं। 

इसी तरह की स्थिति भरपटिया उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में भी देखने को मिली है। इस स्कूल में पहले से 32 शिक्षक-शिक्षिकाएं पदस्थापित हैं, बावजूद इसके हाल ही में 11 और नए शिक्षकों की पोस्टिंग यहां कर दी गई। इनमें से तीन ने तो योगदान भी दे दिया है। जबकि जिला के कई अन्य स्कूल अब भी शिक्षकों की भारी कमी से जूझ रहे हैं। इसके उलट जहां पहले से पर्याप्त स्टाफ है, वहां और शिक्षक भेजे जा रहे हैं। 

ऐसे में सवाल उठता है कि क्या तबादला सूची तैयार करते वक्त जमीनी जरूरतों का आकलन नहीं किया गया? यह मामला अभी सामने आया ही था कि दूसरा अनोखा मामला मोतिहारी जिले में सामने आ गया, जहां एक पुरुष शिक्षक को महिला शिक्षिका बनाकर प्रधानाध्यापक का प्रभार देने का निर्देश जारी किया है। अब डीपीओ स्थापना साहेब आलम का यह पत्र वायरल हो गया है। 

यह मामला अरेरज प्रखंड के विद्यालय भेलानारी का है, जहां प्रधानाध्यापक के प्रभार को लेकर डीपीओ की ओर से जारी पत्र को लेकर विवाद उठ खड़ा हुआ है। डीपीओ स्थापना के पत्रांक 3236, दिनांक 19 जून को जारी पत्र में उत्क्रमित मध्य विद्यालय भेलानारी का प्रभार जीवन ज्योति, वरिष्ठ शिक्षिका को देने का निर्देश दिया गया है। 

पत्र में लिखा गया है कि अरेरज बीईओ से भेलानारी स्कूल में कार्यरत शिक्षकों की पदस्थापना सूची मांगी गई थी। लेकिन, बीईओ की ओर से सूची उपलब्ध नहीं कराई गई। इसलिए प्रभारी प्रधानाध्यापक की ओर से उपलब्ध कराई गई पदस्थापन सूची के अनुसार, यहां वरिष्ठ शिक्षिका जीवन ज्योति हैं, इसको ध्यान में रखते हुए, उन्हें प्रधानाध्यापक का प्रभार सौंपा गया है। 

इसके साथ ही बीईओ को आदेश दिया गया है कि अपने देखरेख में यह कार्य सुनिश्चित करवाएं। यह मामला सामने आने के बाद विभाग के अपर मुख्य सचिव डा. एस सिद्धार्थ ने जांच का आदेश दिया है। उन्होंने कहा कि जल्द ही गलत आदेशों को रद्द किया जाएगा और शिक्षकों को सही स्कूलों में पदस्थापित किया जाएगा। बहरहाल, इस गलती से जो भ्रम और असंतुलन फैला है, उसने राज्य की शिक्षा व्यवस्था को एक बार फिर कठघरे में खड़ा कर दिया है।

Web Title: Strange feat of the education department in Bihar, government teachers were transferred to private schools, male teachers were made female teachers

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