राज्य मानवाधिकार आयोग ने शव के साथ धरने को लेकर तथ्यात्मक रिपोर्ट मांगी

By भाषा | Published: April 9, 2021 03:49 PM2021-04-09T15:49:23+5:302021-04-09T15:49:23+5:30

State Human Rights Commission seeks factual report on dharna along with the dead body | राज्य मानवाधिकार आयोग ने शव के साथ धरने को लेकर तथ्यात्मक रिपोर्ट मांगी

राज्य मानवाधिकार आयोग ने शव के साथ धरने को लेकर तथ्यात्मक रिपोर्ट मांगी

जयपुर, नौ अप्रैल राजस्थान के राज्य मानवाधिकार आयोग ने जयपुर में शव के साथ धरना दिए जाने के मामले में मुख्य सचिव, गृह सचिव व पुलिस महानिदेशक से तथ्यात्मक रिपोर्ट पेश करने को कहा है।

भाजपा के राज्यसभा सदस्य किरोड़ी लाल मीणा सहित अनेक नेता दौसा जिले में एक मूक बधिर पुजारी की मौत के मामले में विभिन्न मांगों को लेकर शुक्रवार को दूसरे दिन भी जयपुर में धरने पर बैठे रहे। पुलिस के अनुसार इन लोगों ने पुजारी का शव भी धरना स्थल पर रखा है।

उल्लेखनीय है कि दौसा के महुआ में अस्थमा से पीड़ित एक पुजारी की मौत के बाद स्थानीय लोगों ने उसकी जमीन की रजिस्ट्री को रद्द करवाने, मंदिर की जमीन से अतिक्रमण हटाने सहित विभिन्न मांगों को लेकर महुआ में उसके शव के साथ धरना प्रदर्शन शुरू किया। धरने में बाद में भाजपा नेता भी शामिल हो गये और बृहस्पतिवार को यहां सिविल लाईंस रेलवे फाटक पास शव के साथ धरना शुरू कर दिया।

आयोग ने मामले पर स्वत: संज्ञान लिया है। आयोग के सदस्य महेश चंद्र शर्मा ने कहा कि दिल को बहुत चोट पहुंची है कि किस प्रकार एक व्यक्ति के पार्थिव शरीर का छह दिन से हिन्दू रीति-रिवाज से अंतिम संस्कार नहीं हो पा रहा और उसपर विभिन्न प्रकार की मांगों को लेकर सियासत की जा रही है। इससे सम्पूर्ण मानवता का हनन हो रहा है।

उन्होंने मुख्य सचिव, प्रमुख शासन सचिव गृह और पुलिस महानिदेशक से 12 अप्रैल तक मामले पर तथ्यात्मक रिपोर्ट पेश करने को कहा है।

वहीं दौसा पुलिस अधीक्षक अनिल कुमार ने महुआ थानाधिकारी नरेश चंद्र को ड्यूटी में लापरवाही बरतने पर निलंबित कर दिया है। आरोपी है कि लापरवाही के चलते शव को चुपचाप महुआ थाने के बाहर से जयपुर ले जाया गया।

पुलिस अधीक्षक ने बताया कि महुआ थाने के बाहर मौजूद कुछ लोगों ने चुपचाप बुधवार रात शव को धरना स्थल से जयपुर स्थानांतरित कर दिया। थानाधिकारी को इस बारे में बृहस्पतिवार सुबह पता चला। ड्यूटी में लापरवाही बरतने पर थानाधिकारी को निलंबित किया गया है।

उन्होंने बताया कि महुआ में जो लोग धरना स्थल पर बैठे थे उन्हें हटा दिया गया है और दौसा जयपुर मार्ग पर जयपुर में चल रहे धरने के समर्थन में आने वाले लोगों पर निगरानी के लिये पुलिस तैनाती की गई है।

राज्यसभा सदस्य किरोड़ीलाल मीणा के नेतृत्व में जयपुर में धरना शुक्रवार को दूसरे दिन भी जारी है। मीणा ने बताया कि शंभू जिसकी दो बीघा जमीन को गलत तरीके से रजिस्ट्री करवा ली गई थी वह रजिस्ट्री के बाद बीमार हो गया और उसकी मौत हो गई।

उन्होंने मांग की रजिस्ट्री प्रक्रिया में शामिल दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाये और गलत तरीके से जमीन की रजिस्ट्री करवाने वाले आरोपियों को गिरफ्तार किया जाये। मीणा ने कहा कि सरकार को राज्य भर में मंदिर माफी जमीन से अतिक्रमण हटाने के लिये कानून लेकर आना चाहिए।

उन्होंने कहा कि ना केवल दौसा कई और जगह जमीनें राजस्व रिकार्ड में मंदिर माफी की हैं लेकिन लोगों ने गैर कानूनी तरीके से उन पर अतिक्रमण कर रखा है। सरकार को कानून बनाकर ऐसी जमीनों को अतिक्रमियों से मुक्त करवानी चाहिए।

पुजारी शंभू (75) की जयपुर के सवाईमानसिंह चिकित्सालय में दो अप्रैल को मौत हो गई थी। किरोड़ीलाल मीणा के नेतृत्व में स्थानीय ग्रामीणों ने तीन अप्रैल से दौसा के महुआ थाने के बाद पुजारी के शव के साथ धरना शुरू किया था। बृहस्पतिवार को वे शव के साथ जयपुर आ गए और धरना शुरू कर दिया।

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Web Title: State Human Rights Commission seeks factual report on dharna along with the dead body

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