राज्य सरकार उदासीन: 3500 स्कूल, 4 लाख विद्यार्थी, एनसीसी कैडेट्स महज 9700
By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: August 21, 2019 08:53 AM2019-08-21T08:53:57+5:302019-08-21T08:53:57+5:30
पिछले पांच साल में संभाग में बिना अनुदानित निजी स्कूलों की संख्या में तेजी से इजाफा हुआ. निजी स्कूल एनसीसी शुरू करने से कतरा रहे हैं. इसका कारण है कि कई स्कूलों में स्थायी रूप से शिक्षकों की नियुक्ति नहीं की गई है. एनसीसी शुरू करने के लिए स्थायी रूप से शिक्षक होने जरूरी हैं. लिहाजा संस्थाएं अपने यहां एनसीसी शुरू करने से परहेज कर रही हैं.
पिछले 25 सालों से नागपुर संभाग में राष्ट्रीय कैडेट्स कोर (एनसीसी) का विस्तार नहीं हो पाया जबकि हर साल नए स्कूल व राज्य सरकार से अनुदान पाने के लिए पात्र स्कूलों की संख्या बढ़ रही है. विस्तार नहीं हो पाने के पीछे की वजह से शिक्षा विभाग खुद को पूरी तरह अनभिज्ञ बता रहा है.
दलील दी जा रही है कि एनसीसी शुरू करना है या नहीं यह स्कूलों की इच्छा पर निर्भर है. संभाग की 135 स्कूलों में एनसीसी है. कैडेट्स की संख्या 9700 है. इनमें छात्र कैडेट्स की संख्या 6200 व छात्राओं की संख्या 3500 है. जबकि संभाग में राज्य शिक्षा बोर्ड से संबद्ध स्कूलों की संख्या 3500 से अधिक है.
इनमें शिक्षा हासिल करने वाले कक्षा 8वीं व 9वीं में कुल 4.50 लाख विद्यार्थी हैं. कुल स्कूलों में सर्वाधिक संख्या शहर में स्थित स्कूलों की है. ग्रामीण क्षेत्रों की कई स्कूलों में शुरू से लेकर अब तक एनसीसी शुरू करने को लेकर कोई पहल नहीं की गई है. 'लोकमत समाचार' ने इसकी पड़ताल की.
इस दौरान चौंकाने वाली हकीकत सामने आई. एनसीसी के विस्तार के लिए राज्य सरकार के पास पैसा नहीं है. एनसीसी के विद्यार्थियों की संख्या बढ़ने से राज्य सरकार पर उतना ही खर्च का भार बढ़ेगा. दरअसल, एनसीसी कैडेट्स को यूनिफार्म देने से लेकर आयोजित किए जाने वाले कैम्प का पूरा खर्च सरकार को वहन करना होता है. संभाग की कई सरकारी, अनुदानित व बिना अनुदानित स्कूलों के पास एनसीसी निदेशालय के पंजीयन मापदंडों के मुताबिक मैदान के लिए पर्याप्त जगह नहीं है. ढंग की इमारत नहीं है. अनुदानित स्कूलों के संस्था संचालक एनसीसी शुरू करने को लेकर किसी तरह की कोई दिलचस्पी नहीं दिखा रहे हैं.
पिछले पांच साल में संभाग में बिना अनुदानित निजी स्कूलों की संख्या में तेजी से इजाफा हुआ. निजी स्कूल एनसीसी शुरू करने से कतरा रहे हैं. इसका कारण है कि कई स्कूलों में स्थायी रूप से शिक्षकों की नियुक्ति नहीं की गई है. एनसीसी शुरू करने के लिए स्थायी रूप से शिक्षक होने जरूरी हैं. लिहाजा संस्थाएं अपने यहां एनसीसी शुरू करने से परहेज कर रही हैं.
कैसे मिलेगी युवाओं को सेना में जाने की प्रेरणा एनसीसी का उद्देश्य युवा नागरिकों में चरित्र निर्माण, भाईचारा, अनुशासन, धर्मनिरपेक्ष दृष्टिकोण, साहसिक भावना और नि:स्वार्थ सेवा के आदर्शों का विकास करना है.
एक ऐसा संगठित, प्रशिक्षित और प्रेरित युवा संगठन तैयार करना है जो जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में नेतृत्व प्रदान कर सके. चाहे वे कोई भी कैरियर अपनाएं, वे राष्ट्र की सेवा करें. एनसीसी ऐसा वातावरण भी प्रदान करता है जो युवाओं को सशस्त्र सेना में शामिल होने के लिए प्रेरित करता है. संभाग में एनसीसी का विस्तार नहीं होने से यह बड़ा सवाल खड़ा हो रहा है कि आखिर युवाओं को सेना में जाने की प्रेरणा कैसे मिलेगी.