गुरु तेग बहादुर का 400वां प्रकाश पर्व: लालकिला अहम कालखण्डों का साक्षी रहा है, पीएम मोदी बोले-सभी दस गुरुओं के चरणों में नतमस्तक हूं
By सतीश कुमार सिंह | Published: April 21, 2022 10:15 PM2022-04-21T22:15:46+5:302022-04-21T22:25:32+5:30
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि सैकड़ों काल की गुलामी से मुक्ति को, भारत की आजादी को, भारत की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक यात्रा से अलग करके नहीं देखा जा सकता। इसलिए आज देश आजादी के अमृत महोत्सव को और गुरु तेग बहादुर साहिब के 400वें प्रकाश पर्व को एक साथ मना रहा है।
नई दिल्लीः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 9वें सिख गुरु तेग बहादुर की 400वीं जयंती के अवसर पर लाल किले पर आयोजित कार्यक्रम में पहुंचे। पीएम मोदी ने प्रकाश पर्व समारोह के अवसर पर एक स्मारक सिक्का और डाक टिकट जारी किया। ये लालकिला कितने ही अहम कालखण्डों का साक्षी रहा है।
पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि मुझे खुशी है कि आज हमारा देश अपने गुरुओं के आदर्शों पर पूरी श्रद्धा के साथ आगे बढ़ रहा है। इस पुण्य अवसर पर मैं सभी दस गुरुओं के चरणों में नतमस्तक हूँ। प्रकाश पर्व के अवसर पर आप सभी को हार्दिक बधाई देता हूं।
In front of Aurangzeb's tyrannical thinking, Guru Tegh Bahadur became 'Hind di Chadar' and stood like a rock. This Red Fort is a witness that even though Aurangzeb severed many heads, but could not shake our faith: PM Narendra Modi at Red Fort, Delhi pic.twitter.com/MPAsbbB3S3
— ANI (@ANI) April 21, 2022
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि उस समय भारत को अपनी पहचान बचाने के लिए एक बड़ी उम्मीद गुरु तेगबहादुर साहब के रूप में दिखी थी। औरंगजेब की आततायी सोच के सामने उस समय गुरु तेगबहादुर जी, ‘हिन्द दी चादर’ बनकर, एक चट्टान बनकर खड़े हो गए थे।
I am happy that today our country is moving forward with full devotion on the ideals of our gurus. On this virtuous occasion, I bow at the feet of all ten gurus. Hearty congratulations to all of you on the occasion of Prakash Parv: PM Narendra Modi pic.twitter.com/16Joi1f2ip
— ANI (@ANI) April 21, 2022
इस किले ने गुरु तेग बहादुर जी की शहादत को भी देखा है और देश के लिए मरने-मिटने वाले लोगों के हौसले को भी परखा है। आजादी के बाद के 75 वर्षों में भारत के कितने ही सपनों की गूंज यहां से प्रतिध्वनित हुई है।
इसलिए आजादी के अमृत महोत्सव के दौरान लाल किले पर हो रहा ये आयोजन बहुत विशेष हो गया है। गुरु तेग बहादुर जी के अमर बलिदान का प्रतीक गुरुद्वारा शीशगंज साहब भी है। ये पवित्र गुरुद्वारा हमें याद दिलाता है कि हमारी महान संस्कृति की रक्षा के लिए गुरु तेग बहादुर जी का बलिदान कितना बड़ा था।
Prime Minister Narendra Modi releases a commemorative coin and postage stamp on the occasion of the 400th Parkash Purab celebrations at Red Fort, Delhi. pic.twitter.com/voE4KWRO5Q
— ANI (@ANI) April 21, 2022
पीएम मोदी ने कहा कि इससे पहले 2019 में हमें गुरुनानक देव जी का 550वां प्रकाश पर्व और 2017 में गुरु गोबिंद सिंह जी का 350वां प्रकाश पर्व मनाने का भी अवसर मिला था। मुझे खुशी है कि आज हमारा देश पूरी निष्ठा के साथ हमारे गुरुओं के आदर्शों पर आगे बढ़ रहा है।
उस समय देश में मजहबी कट्टरता की आंधी आई थी। धर्म को दर्शन, विज्ञान और आत्मशोध का विषय मानने वाले हमारे हिंदुस्तान के सामने ऐसे लोग थे जिन्होंने धर्म के नाम पर हिंसा और अत्याचार की पराकाष्ठा कर दी थी।
#WATCH | Prime Minister Narendra Modi at the 400th Parkash Purab celebrations of Sri Guru Teg Bahadur at Red Fort, Delhi. pic.twitter.com/EW4VtCIi0k
— ANI (@ANI) April 21, 2022