नई दिल्ली, 22 अगस्तःकांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुरुदास कामत का बुधवार को दिल्ली के चाणक्यपुरी स्थित प्राइमस अस्पताल में निधन हो गया। वह 63 साल के थे। कामत दिल्ली में प्रफुल्ल पटेल के जन्मदिन में शामिल होने के लिए आये थे। पटेल से मिलने के बाद वो अपने होटल चले गए थे जहाँ उन्हें देर रात हार्ट अटैक आया और उन्हें अस्पताल ले जाया गया। वह पांच बार सांसद रह चुके थे। विकिपीडिया के मुताबिक कामत उत्तर-पश्चिमी मुंबई से साल 2009 में और उत्तर-पूर्वी मुंबई से 1984, 1991, 1998 और 2004 के लोकसभा चुनावों में बतौर सांसद चुने गए थे। वह साल 2009 से 2011 के बीच संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी राज्यमंत्री रहे थे। लेकिन 2011 में उन्होंने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद उन्हें कांग्रेस महासचिव बनाकर राजस्थान, गुजरात, दादर-नागर हवेली और दमन दीव का प्रभार दिया गया था।
साथ ही उन्हें कांग्रेस वर्किंग कमेटी का सदस्य बनाया गया था, जो कि कांग्रेस के आंतरिक फैसले लेने वाली सबसे मजबूत संस्था होती है। लेकिन साल 2014 के लोकसभा चुनावों में उन्हें हार का सामना करना पड़ा। इसके बाद 2017 में उन्होंने अपने पदों से इस्तीफा दे दिया। हालांकि इसके बाद भी वह कांग्रेस पार्टी के महासचिव बने थे। बुधवार को दिल्ली के प्राइमस अस्पताल में उन्होंने आखिरी सांसें लीं। उनके निधन की सूचना पर कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी अस्पताल पहुंंचीं।
कामत के निधन के बारे में कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट कर कहा कि यह कांग्रेस के लिए एक बड़ी क्षति है। उन्होंने लिखा, मैं शॉक्ड हूं। इस सूचना ने मुझे गहरी पीड़ा दी है। उनके व्यक्तित्व को परिभाषित करने के लिए शब्द नाकाफी होंगे। उनका जाना बेहद दुखद है। मैं उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करता हूं। मेरी संवेदना उनके परिवार और दोस्तों के साथ हैं।
छात्र जीवन से शुरू हो गया था गुरुदास कामत का राजनैतिक कॅरियर
गुरुदास कामत पेशे से वकील थे। उन्होंने मुंबई के आरए पोद्दार कॉलेज से स्नातक और गवर्नमेंट लॉ कॉलेज से लॉ की डिग्री ली थी। उनका जन्म 5 अक्टूबर 1954 को हुआ था। उन्होंने पहली बार लोकसभा चुनाव साल 1984 में जीता था। हालांकि उन्होंने अपने राजनैतिक कॅरियर की शुरुआत साल 1972 में छात्र जीवन से ही शुरू कर दिया था। साल 1976 में वह कांग्रेस की छात्र विंग नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन आफ इंडिया (एनएसयूआई) के मुंबई ईकाई के अध्यक्ष चुन लिए गए थे। साल 1980 में उन्हें महाराष्ट्र प्रदेश यूथ कांग्रेस का जनरल सेक्रेटरी चुन लिया गया था।
इसके बाद 1984 में उन्हें प्रदेश यूथ कांग्रेस का अध्यक्ष और साल 1987 में उन्हें इंडियन यूथ कांग्रेस का अध्यक्ष चुन लिया गया था। साल 2003 में उन्हें मुंबई कांग्रेस अध्यक्ष नियुक्त किया गया। वह इस पद पर साल 2008 तक रहे।