दिल्ली से अयोध्या पहुंचा विशेष पैनल, रामलला के गर्भगृह का होना है निर्माण, जानें कैसा होगा स्ट्रक्चर
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: March 15, 2020 08:44 PM2020-03-15T20:44:03+5:302020-03-15T20:44:03+5:30
यहां रामलला का वैकिल्पक गर्भगृह 24 फीट लंबा एवं 18 फीट चौड़ा यानी 432 वर्ग फीट में निर्मित होना है.
लखनऊ:अयोध्या में रामलला के मंदिर के वैकिल्पक गर्भगृह के लिए दिल्ली में तैयार विशेष पैनल शनिवार को अयोध्या पहुंच गए. यहां रामलला का वैकिल्पक गर्भगृह 24 फीट लंबा एवं 18 फीट चौड़ा यानी 432 वर्ग फीट में निर्मित होना है.
नई दिल्ली में निर्मित प्री फैब्रिकेटेड मेक शिफ्ट फोल्डिंग स्ट्रक्चर को विशेष सुरक्षा में गोपनीय स्थान पर रखवाया गया है. स्ट्रक्चर को पूर्ण वातानुकूलित बनाया गया है. नव संवत्सर की पूर्व संध्या पर 24 मार्च को वैदिक रीति से अनुष्ठानपूर्वक रामलला को इस स्ट्रक्चर में प्रतिष्ठित कर दिया जाएगा. नवरात्र के पहले दिन से दर्शनार्थियों को नए स्थान पर ही रामलला का दर्शन उपलब्ध होगा.
वैकिल्पक गर्भगृह फाइबर का है. श्रद्धालु रामलला का आसानी से दर्शन कर सकें, इस लिहाज से गर्भगृह के सामने का हिस्सा बुलेट प्रूफ शीशे का होगा. मंदिर निर्माण की तैयारियों में लगे श्री रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की ओर से इसे निर्मित करने का जिम्मा दिल्ली की एक प्रतिष्ठित कंपनी को सौंपा गया था. दिल्ली से बनकर आए वैकिल्पक गर्भगृह के पैनल चिन्हित स्थान पर निर्धारित आकार में संयोजित किए जाएंगे.
ट्रस्ट की योजना के मुताबिक 24 मार्च को रामलला वैकिल्पक गर्भगृह में शिफ्ट किए जाएंगे. रामलला को नए गर्भगृह में स्थापित किए जाने के उपलक्ष्य में 20 मार्च से ही धार्मिक अनुष्ठान शुरू हो जाएंगे. इसके लिए वाराणसी से विशेषज्ञ 22 वैदिक विद्वान बुलाए गए हैं. 25 मार्च से इसी गर्भगृह में विराजे रामलला का नियमति पूजन-दर्शन शुरू होगा.
श्रीराम मंदिर पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद प्रथम राम जन्मोत्सव को भव्यता देने की कार्ययोजना को भी ट्रस्ट अंतिम रूप देने में लगा है. ट्रस्ट मौजूदा गर्भगृह में रामलला का दर्शन जहां करीब 50 फीट दूरी से होता है, वहीं वैकिल्पक गर्भगृह में रामलला का दर्शन 24 फीट दूर से ही संभव होगा. पानी और अग्नि से सुरक्षित है मंदिर रामलला को 1992 के बाद अब सुविधायुक्त फाइबर का मंदिर मिलने जा रहा है. फाइबर का नया मंदिर, पानी और अग्नि से पूर्ण रूप से सुरक्षित है. यहां 27 वर्ष से रामलला टेंट में विराजमान हैं.
जिलाधिकारी अनुज कुमार झा ने बताया कि 17-18 मार्च तक सुरक्षा व्यवस्था का प्रबंध कार्य पूर्ण होने के बाद प्री फैब्रिकेटेड स्ट्रक्चर को स्थापित करा दिया जाएगा. 20 मार्च से अयोध्या के एकादश वैदिक आचार्य रामलला की प्रतिष्ठा के लिए अनुष्ठान आरंभ करेंगे, जो कि 25 मार्च तक जारी रहेगा.
राजस्थान से पहुंचे तकनीकी दल रामजन्मभूमि के सत्तर एकड़ के विस्तृत परिसर में निर्माण कार्य आरंभ करने से पहले तकनीकी स्तर पर की जाने वाली प्रक्रि याओं को पूरा करने के लिए शनिवार को तकनीकी दल के 14 सदस्य अयोध्या पहुंचे. लार्सन एंड टुबार्े कंपनी के यह सदस्य राजस्थान से आए हैं. इस दल का नेतृत्व इंजीनियर राजेश गुप्त कर रहे हैं. इस दल के सदस्य जमीन की खुदाई के लिए अपने साथ आधुनिक मशीनों को भी लाएं.