बाबा रामदेव बोले- हम जैसे कुंवारों को मिले विशेष सम्मान, दो से ज्यादा बच्चे पैदा करने वालों से छीना जाए मताधिकार
By स्वाति सिंह | Published: November 4, 2018 01:40 PM2018-11-04T13:40:59+5:302018-11-04T13:40:59+5:30
यह बयान बाबा रामदेव ने हरिद्वार में आयोजित दो दिवसीय सम्मेलन "ज्ञानकुंभ" में दिया है। इस सम्मेलन में देशभर से सैकडों शिक्षाविद् और 18 राज्यों के शिक्षा मंत्रियों ने शिरकत की।
योग गुरु बाबा रामदेव ने रविवार को एक कार्यक्रम के दौरान कुंवारों को सम्मान देने की बात कही है। उन्होंने कहा 'इस देश में जो हमारे जैसे लोग हैं, जो शादी नहीं करते उनका सम्मान होना चाहिए, और जो शादी करते हैं उनके 2 से ज्यादा संतान पैदा करने वालों को वोटिंग अधिकार नहीं होना चाहिए।
यह बयान बाबा रामदेव ने हरिद्वार में आयोजित दो दिवसीय सम्मेलन "ज्ञानकुंभ" में दिया है। इस सम्मेलन में देशभर से सैकडों शिक्षाविद् और 18 राज्यों के शिक्षा मंत्रियों ने शिरकत की।
Is desh mein jo hamari tarah se vivah na kare unka vishesh samman hona chahiye, aur vivah kare, to 2 se jyada santaan paida kare to uski voting right nahi honi chahiye: Yog Guru Ramdev pic.twitter.com/raXMrxehER
— ANI (@ANI) November 4, 2018
पहले भी दे चुके हैं ऐसा बयान
इससे पहले भी बाबा रामदेव कुंवारेपन को लेकर बयान दे चुके हैं। गोवा महोत्सव 2018 के दौरान उन्होंने कहा था कि उनकी सफलता और आनंदपूर्ण जीवन की एक वजह उनका कुंवारा होना है। इस दौरान उन्होंने कहा था कि शादी करना आसन बात नहीं है। कई लोग अभी शादी करेंगे और कई कर चुके हैं। आपको खुश रहने के लिए पत्नी और बच्चे की जरूरत नहीं पड़ती है। मैं हमेशा मुस्कुराता रहता हूं। जो लोग शादी नहीं करते उन्हें अपने बीबी-बच्चों के लिए भी काम नहीं करना पड़ता देखिए वो लोग कितने खुश हैं।
इस सम्मेलन का उद्घाटन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद किया। पतंजलि योगपीठ में हुए इस सम्मेलन के विभिन्न सत्रों को संबोधित करने वाले प्रमुख लोगों में केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावडेकर और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शामिल हैं ।
पांच सत्रों में विभाजित इस सम्मेलन में राज्यों के शिक्षा मंत्री, शिक्षा सचिवों, नीति निर्माताओं, विश्वविद्यालयों के कुलपति, महाविद्यालयों के प्रधानाचार्यों, शोधकर्ताओं और देश भर के छात्रों समेत करीब 1800 लोग प्रतिभाग करेंगे । मुख्यमंत्री ने आशा जतायी कि नयी पहलों, शोधों और भारतीय परंपरा के प्रति संतुलित रूख पर जोर देते हुए इस सम्मेलन के जरिए उच्च शिक्षा की गुणवत्ता को बेहतर बनाने के लिये महत्वपूर्ण सुझाव आयेंगे ।