EVM पर नजर रखना सपा कार्यकर्ताओं को पड़ा भारी, यूपी पुलिस अब दर्ज कर रही है केस
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: March 16, 2022 02:10 PM2022-03-16T14:10:01+5:302022-03-16T14:17:16+5:30
10 मार्च यानी मतगणना से दो दिन पहले उस समय विवाद खड़ा हो गया था जब समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने आरोप लगाया था कि वाराणसी के मतगणना केंद्र से EVM की चोरी हो रही है। इसके साथ सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने पार्टी के कार्यकर्ताओं से मतगणनाशुरू होने से पहले चौबीसों घंटे EVM की सुरक्षा करने की अपील की थी।
लखनऊ:उत्तर प्रदेश पुलिस ने प्रदेश में विभिन्न जिलों में समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं के खिलाफ सरकारी काम में बाधा डालने के मामले में केस दर्ज किया है। सपा कार्यकर्ताओं पर यह मुकदमे 10 मार्च को संपन्न राज्य चुनाव के लिए मतगणना से एक दिन पहले मतगणना केंद्रों पर EVM ले जा रहे सरकारी वाहनों की जांच के संदर्भ में दर्ज किये गये हैं।
दरअसल 10 मार्च यानी मतगणना से दो दिन पहले उस समय विवाद खड़ा हो गया था जब समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने आरोप लगाया था कि वाराणसी के मतगणना केंद्र से EVM की चोरी की जा रही है। इसके साथ सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने पार्टी के कार्यकर्ताओं से मतगणनाशुरू होने से पहले चौबीसों घंटे EVM की सुरक्षा करने की अपील की थी।
उस वजह से भारी संख्या में सपा कर्यकर्ता सूबे के सभी 75 जिलों में मतगणना केंद्र की निगरानमी करने लगे। जिसके कई स्थानों से वीडियो भी सामने आए थे कि सपा कार्यकर्ता EVM लेकर जाने वाली सरकारी वाहनों की गिनती कर रहे और उसके बाद ही मतगणना केंद्रों पर प्रवेश करने दे रहे थे।
अब इस मामले में एक्शन लेते हुए यूपी पुलिस ने बस्ती जिले में 100 सपा कार्यकर्ताओं के खिलाफ 7 अलग-अलग मामले दर्ज किए हैं। इस मामले में बस्ती के पुलिस अधीक्षक आशीष श्रीवास्तव ने कहा, "समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता मतगणना से एक दिन पूर्व अनाधिकृत तरीके से मतगणना स्थल पर सरकारी अधिकारियों के वाहनों की जांच कर रहे थे। हमने इन अधिकारियों और कर्मचारियों की शिकायत पर 7 मामले दर्ज किए हैं। इन धाराओं में सरकारी अधिकारी के काम में बाधा डालने वाली धारा भी शामिल है।"
दूसरी ओर इस एक्शन के खिलाफ बस्ती में सपा के शीर्ष नेता ने आरोप लगाया है कि भाजपा सरकार द्वारा सपा कार्यकर्ताओं को निशाना बनाया जा रहा है। नवनिर्वाचित विधायक महेंद्र नाथ यादव ने कहा, "बस्ती जिले से समाजवादी पार्टी के चार विधायक चुने गए हैं। उसी दिन से ही पुलिस पार्टी कार्यकर्ताओं और नेताओं के खिलाफ झूठे मामले दर्ज कर रही है। हमने जिलाधिकारी को इसे रोकने की मांग की है, अगर ऐसे मामले नहीं रूके तो हम सभी सपा कार्यकर्ता इसका विरोध करेंगे।"
वहीं बस्ती से 800 किलोमीटर दूर पश्चिमी यूपी के हापुड़ में भी पुलिस ने 6 सपा कार्यकर्ताओं के खिलाफ नामजद मामला दर्ज किया है। वहीं 30 अज्ञात लोगों के खिलाफ केस दर्ज हुआ है। हापुड़ पुलिस ने भी सपा कार्यकर्ताओं पर मतगणना से एक दिन पहले सरकारी अधिकारियों के साथ मारपीट करने और जिले में मतगणना केंद्र में प्रवेश करने से रोकने का आरोप लगाया है।
बस्ती और हापुड़ के अलावा हरदोई में भी पुलिस ने भी 11 मार्च को समाजवादी पार्टी के 100 कार्यकर्ताओं पर इसी तरह का मामला दर्ज किया है और मामले में आज सुबह दो नामजद आरोपियों को गिरफ्तार भी कर लिया। इस मामले में सबसे दिलचस्प बात यह है कि गिरफ्तार किए गए लोगों में से एक आरोपी ने चुनाव परिणाम के दो दिन बाद भाजपा की सहयोगी निषाद पार्टी की सदस्यता ले ली थी।
मालूम हो कि पांच राज्यों में संपन्न हुए विधानसभा चुनावों में भाजपा और उसके सहयोगियों ने यूपी में सबसे बेहतर प्रदर्शन करते हुए राज्य की 403 सीटों में से कुल 273 सीटें जीतीं। वहीं अखिलेश यादव के नेतृत्व वाली सपा ने अपने दम पर 111 सीटें जीतीं और उसके नेतृत्व वाले गठबंधन ने 125 सीटों पर कब्जा जमाया था।